UP : ये होगा गाजियाबाद का नया नाम, नगर निगम में प्रस्ताव पास, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लेंगे आखिरी फैसला

उत्तर प्रदेश के एक और जिले गाजियाबाद का नाम बदलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। मंगलवार को नगर निगम में एक प्रस्ताव पारित किया गया है। हालांकि, अंतिम फैसला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लेंगे। नया नाम उनके निर्णय के अनुसार रखा जाएगा। 
 
गाजियाबाद नगर निगम ने मंगलवार को गाजियाबाद का नाम बदलने का प्रस्ताव पारित कर दिया। अब इसे अंतिम निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास भेजा जाएगा। गाजियाबाद की मेयर सुनीता दयाल ने मंगलवार को कहा, 'गाजियाबाद का नाम बदलने का प्रस्ताव पार्षदों ने पूर्ण बहुमत से पारित कर दिया है और अब इसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास भेजा जाएगा। नया नाम उनके निर्णय के अनुसार रखा जाएगा। READ ALSO:-UP : परिवार अंगीठी जलाकर सो रहा था, दम घुटने से 5 लोगों की हुई दर्दनाक मौत, 2 की हालत गंभीर;

 

पिछले कुछ दिनों से हिंदू संगठनों की ओर से गाजियाबाद जिले का नाम बदलने की मांग की जा रही है। गाजियाबाद नगर निगम की बैठक में पहली बार इस मुद्दे पर चर्चा हुई। बैठक में BJP पार्षद संजय सिंह ने यह प्रस्ताव रखा था। इस बारे में गाजियाबाद की मेयर सुनीता दयाल का कहना है कि कई लोगों ने जिले का नाम बदलने की अपील की है। पहली बार इस प्रस्ताव पर विस्तार से चर्चा हुई। 

 


सुनीता दयाल ने कहा कि जनता और हिंदू संगठनों की मांग को ध्यान में रखते हुए तीन नाम हरनंदी नगर, गजप्रस्थ और दूधेश्वरनाथ नगर सुझाए गए हैं। साहिबाबाद विधानसभा क्षेत्र से BJP विधायक सुनील शर्मा ने कहा कि पिछले साल उन्होंने राज्य विधानसभा में इस संबंध में एक प्रस्ताव पेश किया था, जिसमें गाजियाबाद का नाम बदलकर गजप्रस्थ करने का सुझाव दिया गया था। 

 

प्राचीन मंदिर दूधेश्वर नाथ के मुख्य पुजारी महंत नारायण गिरि ने कहा कि पिछले साल उन्होंने मुख्यमंत्री से बात की थी और गाजियाबाद के लिए तीन नाम सुझाए थे - गजप्रस्थ, दूधेश्वरनाथ नगर या हरनंदीनगर। उन्होंने कहा कि ये नाम महाभारत के इतिहास से जुड़े हैं क्योंकि यह क्षेत्र हस्तिनापुर का हिस्सा था। उन्होंने कहा कि यह एक घना जंगल था जहां हाथी रहते थे और चूंकि हाथी को हिंदी में 'गज' कहा जाता है, इसलिए गाजियाबाद को पहले गजप्रस्थ के नाम से जाना जाता था।

 

गाजियाबाद में करीब 5000 साल पुराना प्राचीन मंदिर दूधेश्वरनाथ है।
मुख्य पुजारी महंत नारायण गिरि ने दावा किया कि मुगल सम्राट अकबर के करीबी सहयोगी गाजीउद्दीन ने इस शहर का नाम बदलकर गाजियाबाद कर दिया था। उन्होंने कहा, 'हिंदू पवित्र ग्रंथों के अनुसार, गाजियाबाद को हरनंदी के नाम से जाना जाता था जो भगवान ब्रह्मा की बेटी और गंगाजी की छोटी बहन थीं। गाजियाबाद में स्थित भगवान शिव का प्राचीन मंदिर दूधेश्वरनाथ लगभग 5000 साल पुराना है, इसलिए गाजियाबाद का नाम बदलकर दूधेश्वरनाथ नगर करने का सुझाव दिया गया।