बिजनौर : कब्र खोदकर गर्दन काटकर ले गए संदिग्ध, गांव में मचा हड़कंप, माहौल बिगाड़ने की कोशिश, आला अधिकारी मौके पर मौजूद.... 

कारी सैफुर्रहमान का 85 साल की उम्र में 25 जुलाई को निधन हो गया था। आज सुबह कुछ लोग उनकी कब्र पर फातिहा पढ़ने गए थे। जब उन्होंने कब्र को खुला देखा तो सभी हैरान रह गए। अंदर जाकर देखा तो शव की गर्दन नहीं थी। आशंका है कि तांत्रिक क्रिया के तहत उनके शव के साथ यह कृत्य किया गया है।
 
उत्तर प्रदेश के बिजनौर में बदमाशों का आतंक देखने को मिला है। यहां हल्दौर थाना क्षेत्र के खारी गांव में बदमाशों ने कब्र खोदकर कारी सैफुर्रहमान का सिर धड़ से अलग कर दिया। इसके बाद गांव में तनावपूर्ण माहौल हो गया, जिसके चलते गांव में भारी फोर्स तैनात कर दी गई है। बताया गया कि कारी सैफुर्रहमान की दो माह पहले मौत हो गई थी। बदमाशों ने कब्र से छेड़छाड़ कर उसका सिर धड़ से अलग कर दिया। हल्दौर थाना क्षेत्र के खारी गांव में बदमाशों ने कब्रिस्तान से कारी की कब्र खोलकर उसका सिर धड़ से अलग कर दिया। 

 

सोमवार सुबह इसकी जानकारी होने पर हड़कंप मच गया। दो माह पहले उसकी मौत हो चुकी थी। सूचना मिलने पर गांव व क्षेत्र के लोग एकत्र हो गए। एएसपी सिटी व थाना पुलिस मौके पर पहुंची। शुरुआती जांच में तांत्रिक क्रिया के लिए गर्दन काटे जाने की आशंका जताई जा रही है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। खारी के कब्रिस्तान में किया गया था। 

 

 

शव की गर्दन गायब थी
जब लोगों ने गहराई से जांच की तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। कारी सैफुर्रहमान के शव की गर्दन गायब थी। कोई उनकी गर्दन काटकर ले गया था। शव का बाकी हिस्सा कब्र में मौजूद था। इस सूचना से क्षेत्र में हड़कंप मच गया। मौके पर गांव व आसपास के लोगों की भीड़ जुट गई। सूचना मिलने पर पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे।

 

पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे
एएसपी सिटी संजीव बाजपेयी, सीओ सिटी संग्राम सिंह व हल्दौर थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस व डॉग स्क्वायड टीम ने जांच की। एएसपी सिटी ने बताया कि इसके पीछे तांत्रिक क्रिया की आशंका है। इसके लिए किसी ने कारी की गर्दन काटी है। टीमें जांच में लगी हुई हैं। कारी के बेटे फैजान की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जल्द ही आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा।

 

बड़ी संख्या में लोग थे उनके शिष्य
कारी सैफुर्रहमान कई वर्षों से खारी स्थित मदरसे में पढ़ाते थे और बिजनौर जिले में ही नहीं बल्कि पूरे देश में उनके शिष्य थे। इस्लाम के बारे में उन्हें गहरी जानकारी थी। कारी सैफुर्रहमान एक नेक और अच्छे इंसान थे।