बिजनौर : कलक्ट्रेट में साधु-संतों का जोरदार हंगामा, अधिकारियों की गाड़ी घेरी, साध्वी महिला ने तलवार निकालकर किया प्रदर्शन 

बिजनौर कलेक्ट्रेट परिसर में आज दर्जनों साधु-संतों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी और हंगामा किया। साधु-संतों का आरोप है कि प्रशासन ने स्वाहेड़ी स्थित गौशाला से गोवंश को निकालकर अन्यत्र भेज दिया है। नाराज साधु-संतों ने कलेक्ट्रेट परिसर में धरने पर बैठ गए और एसडीएम व एडीएम की गाड़ियां रोककर विरोध जताया।
 
बिजनौर के कलेक्ट्रेट में श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े से जुड़ी साध्वी गंगा नंद सरस्वती ने अपने साथियों के साथ डीएम कार्यालय का घेराव कर तलवारों के साथ प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन गौशाला में लगे डेरे और गायों को लेकर चल रहे विवाद के चलते किया गया। साध्वी ने जिला प्रशासन पर भूमाफियाओं से मिलीभगत का आरोप लगाया है। READ ALSO:-Video : 'धुआं निकला और फिर फोन में लगी आग', विमान की सीट में आग लगने से 108 यात्रियों में मची अफरा-तफरी

 

मालदेवता मंदिर को लेकर चल रहे विवाद में पंचदशनाम जूना अखाड़े के साधु-संतों ने कलेक्ट्रेट में तलवारें लहराकर हंगामा करते हुए प्रदर्शन किया। गेट बंद कर अफसरों को फटकार लगाई। साध्वी महंत गंगा नंद सरस्वती को तलवार लहराते देख अफसर चौंक गए और डीएम पिछले गेट से बाहर चले गए। 

 

गढ़ी बागी के ग्रामीणों और साधुओं के बीच अगस्त से विवाद चल रहा है। मंगलवार सुबह श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े के 57 साधु-संत बस में सवार होकर कलेक्ट्रेट पहुंचे। इनका नेतृत्व महंत सुरेशानंद सरस्वती और साध्वी महंत गंगा नंद सरस्वती ने किया। उन्होंने हंगामा करते हुए कलेक्ट्रेट का गेट बंद कर दिया। तलवार लहराती और तीखे शब्दों का प्रयोग करती साध्वी के तेवर देख कोई भी अधिकारी सामने आने की हिम्मत नहीं जुटा सका। 

 

 

साध्वी ने आरोप लगाया कि प्रशासन से साजिश कर उन्हें जबरन माल देवता मंदिर से बाहर निकाला गया। उन्हें गाड़ी में डालकर जंगल में छोड़ दिया गया। मंदिर में संचालित गोशाला से उनकी गायें बेच दी गईं। यह हंगामा घंटों चलता रहा। कलेक्ट्रेट के बाद शाम को संतों का काफिला गढ़ी बगही स्थित मंदिर की ओर कूच कर गया। 

 

उधर, ग्रामीणों ने संतों के विरोध में उतर आए और मंदिर जाने वाले रास्ते पर ट्रैक्टर-ट्रॉलियां लगा दीं। ग्रामीणों ने गांव से निकले संतों का रास्ता रोक दिया। टकराव की स्थिति बनते देख एएसपी सिटी संजीव वाजपेयी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और दोनों पक्षों को समझा-बुझाकर शांत कराया।
आर-पार की लड़ाई
उन्होंने कहा कि अब इस स्थान का जीर्णोद्धार कराया जाएगा। वहीं साध्वी गंगा ने कहा कि उनके दादा की समाधि भी इसी ऐतिहासिक आश्रम में है। वह स्वयं वर्षों से यहां रहकर पूजा-पाठ, तपस्या और गौ सेवा करती आ रही हैं। जबकि प्रधान सोमदेव और उनके कुछ साथी आश्रम की जमीन हड़पना चाहते हैं। गंगा ने कहा कि उनके गुरु ने कहा है कि अगर समझाने पर भी न समझे तो तलवार खींच लो। अब लड़ाई करो या मरो वाली होगी।