बिजनौर : प्रेम विवाह करने वाले बेटे ने फेरा मुंह! मां-बहन ने की थी आत्महत्या, अंतिम संस्कार करने भी नहीं आया बेटा

बेटे ने अपनी मां के प्यार को ठुकराकर अपनी पसंद के व्यक्ति से शादी कर ली, जिससे मां और उसकी बेटी आहत हो गई और उसने आत्महत्या कर ली। बेटे की इस हरकत से परिवार के लोग सदमे में हैं। बेटे ने अंतिम संस्कार से पहले भी फोन नहीं उठाया और न ही वह अंतिम संस्कार में शामिल हुआ। इस घटना से गांव में मातम का माहौल है।
 
बिजनौर। यूपी के जिला बिजनौर के मंडावर क्षेत्र के गांव शहजादपुर में बेटे की करतूत से मां इतनी आहत हुई कि उसने बेटी के साथ आत्महत्या कर ली। एक मां के लिए उसका बेटा उसके कलेजे का टुकड़ा होता है। लेकिन यहां एक बेटे ने अपने होश खो दिए और अपने प्यार के लिए मां की ममता और स्नेह को नजरअंदाज कर दिया। उसने पहले मां की पसंदीदा लड़की से शादी की, जिससे उसके माता-पिता के सपने चकनाचूर हो गए और जब उन्होंने विरोध किया तो वह अपनी पत्नी के साथ घर छोड़कर चला गया।  READ ALSO:-बिजनौर : पढ़े धामपुर की हत्यारिन पत्नी की कहानी...एक माह पहले घर से फरार हुई, पुलिस ने बरामद किया तो अब प्रेमी और दोस्तों से करा दी पति की हत्या

 

बेटे की करतूत से मां इतनी आहत हुई कि उसने बेटी के साथ आत्महत्या कर ली। इसके बाद भी बेटे का दिल नहीं पिघला। रविवार को मां और बहन के अंतिम संस्कार से पहले परिजनों ने उसे कई बार फोन किया लेकिन उसने न तो फोन रिसीव किया और न ही अंतिम संस्कार में शामिल होने आया। गमगीन माहौल में बड़े बेटे विकास ने मां ऊषा देवी और छोटे बेटे सौरभ ने बहन स्वाति को मुखाग्नि दी। 

 

मंडावर क्षेत्र के गांव शहजादपुर निवासी रामपाल उर्फ ​​मुन्नू ने अपने बेटे गौरव की शादी एक माह पहले हल्दौर थाना क्षेत्र के एक गांव से तय की थी। घर पर ऊषा देवी और बहन स्वाति खुशी-खुशी बेटे की शादी की तैयारियों में लगी हुई थीं। घर में सभी लोग काफी खुश थे, लेकिन इसी बीच गौरव ने अपने बड़े भाई विकास की साली ललिता से कोर्ट मैरिज कर ली और कुछ दिन पहले उसे घर ले आया। गौरव की हरकत से परिवार का हर सदस्य स्तब्ध है।

 

परिवार ने गौरव का विरोध किया
परिवार ने गौरव की हरकत का विरोध किया, लेकिन गौरव उनकी बातों को अनसुना कर ललिता के साथ रहने की जिद पर अड़ा रहा और पत्नी को लेकर घर से निकल गया। बेटे की जिद से आहत मां अपनी बेटी के साथ खेत पर गई और जहर खा लिया। दोनों के शव मिलने पर शनिवार को दिनभर परिजनों और ग्रामीणों ने गौरव को फोन किया, और रात में भी फोन करते रहे।

 

अंतिम संस्कार के लिए भी फोन नहीं उठाया गया
रविवार सुबह अंतिम संस्कार के समय भी फोन किया गया, लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ। काफी देर इंतजार के बाद परिजनों ने मां-बेटी का गंगा बैराज पर अंतिम संस्कार कर दिया। बड़े बेटे विकास ने मां ऊषा देवी और छोटे बेटे सौरभ ने बहन स्वाति को मुखाग्नि दी।

 

पुलिस को शिकायत नहीं, विसरा सुरक्षित
शनिवार देर रात पोस्टमार्टम के बाद शव घर पहुंचे तो कोहराम मच गया। परिजन गमगीन थे। मां-बेटी की मौत से गांव में मातम का माहौल है और गांव में चूल्हे तक नहीं जले। थाना प्रभारी मृदुल कुमार सिंह ने बताया कि दोनों का विसरा सुरक्षित कर लिया गया है। इस संबंध में कोई लिखित शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है।