बिजनौर जिला अस्पताल : डॉक्टर दो दिन से छुट्टी पर, इमरजेंसी खाली कुर्सी के भरोसे, भटक रहे मरीज

 
बिजनौर जिला अस्पताल की इमरजेंसी में 2 दिन से डॉक्टर अपनी ड्यूटी से नदारद है। खाली कुर्सी देखकर मरीज वापस लौट रहे हैं और प्राइवेट अस्पतालों में अपना इलाज करा रहे हैं। हालात ये हैं कि बुनियादी सेवाओं से वंचित गरीब मासूम लोगों को सरकारी अस्पताल की मुफ्त सुविधाओं का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। डॉक्टर की मनमानी के चलते ड्यूटी पर न आने से सैकड़ों मरीज पूरा दिन अस्पताल की इमरजेंसी में बैठे रहते हैं। लेकिन उन्हें प्राथमिक इलाज नहीं मिल पा रहा है। इमरजेंसी में फार्मासिस्ट ही डॉक्टर की भूमिका निभा रहे हैं और मरीजों का इलाज कर रहे हैं।READ ALSO:-घरेलू LPG कनेक्शन अगर फर्जीवाड़े से लिया है! सरकार अब करवा रही e-KYC वेरिफिकेशन,फर्जी ग्राहकों को हटाया जाएगा

 


बिजनौर स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की उदासीनता के चलते जिला अस्पताल की इमरजेंसी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है। बिजनौर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बिजनौर जिले के सीएचसी पीएचसी से कुछ डॉक्टरों की ड्यूटी बिजनौर जिला अस्पताल की इमरजेंसी में लगाई है। लेकिन मनमानी का आलम ये है कि डॉक्टर मुख्य चिकित्सा अधिकारी के आदेश की अवहेलना करते हुए अपनी ड्यूटी पर नहीं आ रहे हैं। अस्पताल में डॉक्टरों के नदारद होने से इसका खामियाजा गरीब मासूम लोगों को भुगतना पड़ रहा है।

 

जिला अस्पताल की इमरजेंसी में तैनात फार्मासिस्ट डॉ पुरेंद्र ने बताया कि गुरुवार को डॉ चंदन पांडे की ड्यूटी इमरजेंसी में है। लेकिन वह ड्यूटी पर नहीं आए हैं। फार्मासिस्ट पुरेंद्र कुमार ने बताया कि डॉक्टर अपनी मनमानी के चलते ड्यूटी पर नहीं आ पा रहे हैं। जिसके चलते उन्हें मरीजों को प्राथमिक उपचार देने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

 

हालांकि इस संबंध में जब जिला अस्पताल के सीएमएस (CMS) से बात की गई तो उन्होंने बताया कि फिलहाल डॉक्टर के नदारद होने के चलते जिला अस्पताल में दूसरे डॉक्टरों की ड्यूटी लगाने की तैयारी की जा रही है। जिससे इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को प्राथमिक उपचार मिल सके। फिलहाल बिजनौर जिला अस्पताल में डॉक्टर के नदारद होने से जिले भर से आने वाले गरीब मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।