UP : पत्नी की बेवफाई और सौतेली मां के व्यवहार ने बनाया साइको किलर, हर महिला से करने लगा था नफरत, 14 माह में 9 महिलाओं को उतरा मौत के घाट
उत्तर प्रदेश के बरेली में महिलाओं की हत्या करने वाला सीरियल किलर अब पुलिस की गिरफ्त में है। उसे ढूंढने के लिए पुलिस ने डेढ़ लाख मोबाइल फोन को सर्विलांस पर रखकर अभियान चलाया और तब जाकर वह पुलिस की गिरफ्त में आया।
Aug 10, 2024, 00:00 IST
उत्तर प्रदेश में बरेली के शाही-शीशगढ़ में महिलाओं की हत्या के पीछे एक साइको किलर का हाथ निकला है। सौतेली मां की क्रूरता और पत्नी के उसे छोड़कर चले जाने से वह महिलाओं के प्रति आक्रामक हो गया था। अकेली महिला को देखकर वह अपने गुस्से पर काबू नहीं रख पाता था और उसे मौत के घाट उतार देता था। खास बात यह है कि किसी भी वारदात में वह मुख्य मार्ग का प्रयोग नहीं करता था। वह गांव की पगडंडियों और खेतों से होकर घटनास्थल पर पहुंचता था। READ ALSO:-बिजनौर: बैंक मैनेजर रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार, CBI की गाजियाबाद टीम ने मारा छापा, 6 लाख के लोन के लिए मांगे थे 60 हजार रुपए
महिलाओं से कुछ देर बातचीत करने के बाद उन पर संबंध बनाने का दबाव बनाता था। विरोध करने पर वारदात को अंजाम देता था। आरोपी ने जून 2023 से जुलाई 2024 के बीच 6 महिलाओं की हत्या करने की बात स्वीकार की है। आरोपी कुलदीप मूल रूप से नवाबगंज के बाकरगंज गांव का रहने वाला है।
गला घोंटकर करता था हत्या
जून 2023 से जुलाई 2024 के बीच शाही-शीशगढ़ क्षेत्र में सुनसान स्थानों, जंगलों और खेतों में अधेड़ महिलाओं की गला घोंटकर हत्या की गई थी। एक-एक कर नौ वारदात हुईं, जिनमें से पुलिस ने तीन का पर्दाफाश कर दिया, लेकिन छह वारदातें रहस्य बनी रहीं। 3 जुलाई को एक और महिला की गला घोंटकर हत्या कर दी गई थी।
जून 2023 से जुलाई 2024 के बीच शाही-शीशगढ़ क्षेत्र में सुनसान स्थानों, जंगलों और खेतों में अधेड़ महिलाओं की गला घोंटकर हत्या की गई थी। एक-एक कर नौ वारदात हुईं, जिनमें से पुलिस ने तीन का पर्दाफाश कर दिया, लेकिन छह वारदातें रहस्य बनी रहीं। 3 जुलाई को एक और महिला की गला घोंटकर हत्या कर दी गई थी।
बरेली SSP ने शुरू किया था ऑपरेशन तलाश
एसएसपी ने अपराधी को बेनकाब करने के लिए वॉर रूम बनाकर ऑपरेशन तलाश शुरू किया। बॉडी वॉर्न कैमरों से लैस पुलिसकर्मियों ने हर गांव की पगडंडियों को नापा। इस बीच आरोपी का हुलिया पता चल गया। तीन स्केच जारी किए गए, जिसमें से एक की पुष्टि हुई। उस स्केच के आधार पर पुलिस आरोपी तक पहुंची।
एसएसपी ने अपराधी को बेनकाब करने के लिए वॉर रूम बनाकर ऑपरेशन तलाश शुरू किया। बॉडी वॉर्न कैमरों से लैस पुलिसकर्मियों ने हर गांव की पगडंडियों को नापा। इस बीच आरोपी का हुलिया पता चल गया। तीन स्केच जारी किए गए, जिसमें से एक की पुष्टि हुई। उस स्केच के आधार पर पुलिस आरोपी तक पहुंची।
इन सबके बीच वर्ष 2014 में उसकी दूसरी शादी हो गई। पत्नी के साथ भी उसका व्यवहार सामान्य नहीं था। उसने कई बार पत्नी का भी गला घोंटने की कोशिश की, जिसके चलते वह वर्ष 2018 में उसे छोड़कर चली गई। इसके बाद वह निराश रहने लगा। और वह नशे का आदी हो गया।
वह घर से निकलकर खेतों और जंगलों में भटकता रहता था
पिछले एक साल से वह घर से निकलकर पास के जंगलों और गांवों में अकेला भटकने लगा। महिलाओं के प्रति नफरत के चलते वह महिलाओं को कुंठा की नजर से देखने लगा। पिछले साल एक जुलाई को उसने सबसे पहले शाही के आनंदपुर निवासी प्रेमवती की गला घोंटकर हत्या की।
पिछले एक साल से वह घर से निकलकर पास के जंगलों और गांवों में अकेला भटकने लगा। महिलाओं के प्रति नफरत के चलते वह महिलाओं को कुंठा की नजर से देखने लगा। पिछले साल एक जुलाई को उसने सबसे पहले शाही के आनंदपुर निवासी प्रेमवती की गला घोंटकर हत्या की।
फिर कुछा, खरसैनी के बाद उसने शीशगढ़ के लखीमपुर, जगदीशपुर और पिछले महीने शाही के बुझिया जागीर निवासी अनीता देवी की हत्या की। वह कभी मुख्य सड़क का इस्तेमाल नहीं करता था, ताकि किसी को उस पर शक न हो। वह खाली हाथ आता-जाता था।
वह अकेली महिलाओं पर ही हमला करता था
वह अकेली महिलाओं को देखकर ही हमला करता था। वह इस बात का ध्यान रखता था कि पीछे कोई न हो। अगर कोई अचानक आ जाए तो वह वारदात को अंजाम नहीं देता। गन्ने के खेत के बारे में पूछने पर जहां वारदात को अंजाम दिया, आरोपी ने बताया कि वहां पर वह छिप कर रहता था।
वह अकेली महिलाओं को देखकर ही हमला करता था। वह इस बात का ध्यान रखता था कि पीछे कोई न हो। अगर कोई अचानक आ जाए तो वह वारदात को अंजाम नहीं देता। गन्ने के खेत के बारे में पूछने पर जहां वारदात को अंजाम दिया, आरोपी ने बताया कि वहां पर वह छिप कर रहता था।
वह आने-जाने के लिए किसी भी वाहन का इस्तेमाल नहीं करता था। एसएसपी अनुराग आर्य ने प्रेस कांफ्रेंस कर घटना का खुलासा किया। इस दौरान एसपी दक्षिणी मानुष पारीक, एसपी उत्तरी मुकेश चंद्र मिश्रा और सीओ बहेड़ी अरुण कुमार सिंह मौजूद रहे।
हत्या के बाद एक यादगार चीज को ट्रॉफी की तरह रखता था
एसएसपी के मुताबिक, हर वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी एक यादगार चीज को ट्रॉफी की तरह रखता था। 3 जुलाई को अनीता देवी की हत्या करने के बाद आरोपी ने उसके ब्लाउज का एक टुकड़ा, बिंदी, लिपस्टिक, वोटर आईडी कार्ड ले लिया। इसी तरह मधुसूदन की हत्या करने के बाद वह दरांती भी ले गया।
एसएसपी के मुताबिक, हर वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी एक यादगार चीज को ट्रॉफी की तरह रखता था। 3 जुलाई को अनीता देवी की हत्या करने के बाद आरोपी ने उसके ब्लाउज का एक टुकड़ा, बिंदी, लिपस्टिक, वोटर आईडी कार्ड ले लिया। इसी तरह मधुसूदन की हत्या करने के बाद वह दरांती भी ले गया।
घटना के दौरान विरोध करने पर मधुसूदन ने आरोपी पर दरांती से हमला कर दिया था। धनवती की हत्या करने के बाद उसने उसका आधार कार्ड भी छीन लिया। हर महिला की हत्या करने के बाद उसने हर महिला का नाम भी खुद ही रख लिया करता था। अपने साथ मृत महिला के लाए गए सामान को वह ट्रॉफी बताता था।
डीजीपी मुख्यालय ने भी की मॉनिटरिंग, मेडल की संस्तुति एसएसपी ने बताया कि घटना के खुलासे में कांस्टेबल सरफराज, उत्तम कुमार, शेखर वर्मा और अमित चौधरी ने सराहनीय काम किया। इसके साथ ही शाही एसओ अमित कुमार, इंस्पेक्टर करन सिंह, हेड कांस्टेबल अखिलेश कुमार, वाजिद हुसैन, शीशपाल सिंह, सुशील कुमार, रविंद्र सिंह, शेखर वर्मा, अंकित पवार, आसिफ और मोहित की भूमिका रही।
ऑपरेशन तलाश में सर्विलांस प्रभारी राम गोपाल शर्मा, एसओजी प्रभारी सुनील शर्मा, साइबर सेल प्रभारी अभिषेक कुमार, सतेंद्र भड़ाना, सतीश कुमार, इंस्पेक्टर फतेहगंज पश्चिमी धनंजय पांडेय और देवरनिया इंस्पेक्टर देवेंद्र सिंह धामा का महत्वपूर्ण योगदान रहा। एसएसपी ने पूरी टीम को 25 हजार रुपये नकद पुरस्कार देकर पुरस्कृत किया। साथ ही बताया कि इन पुलिसकर्मियों को शासन स्तर से मेडल के लिए संस्तुति की गई है। बता दें कि चुनौती बन चुके सीरियल मर्डर की डीजीपी कार्यालय से मॉनिटरिंग की जा रही थी।