UP : ‘न्यू ईयर का जश्न मनाना इस्लामी शरीयत की रोशनी में नाजायज, मुसलमानों के लिए हराम’, बरेली से जारी हुआ फतवा

 वर्ष 2024 अब समाप्त होने वाला है और लोग 2025 के स्वागत की तैयारियों में जुट गए हैं। इसी बीच नए साल को लेकर बरेली से मुसलमानों के लिए एक फतवा जारी हुआ है, जिसमें कहा गया है कि नया साल मनाना हराम और पाप है, जो भी इसे मनाएगा वह शरीयत की नजर में नाजायज, होगा।
 
वर्ष 2024 अब समाप्त होने वाला है और लोग 2025 के स्वागत की तैयारियों में जुट गए हैं। इसी बीच नए साल को लेकर बरेली से मुसलमानों के लिए एक फतवा जारी हुआ है, जिसमें कहा गया है कि नया साल मनाना हराम और पाप है, जो भी इसे मनाएगा वह शरीयत की नजर में अपराधी होगा। READ ALSO:-मेरठ : स्कूटी सवार थप्पड़बाज़ गिरफ्तार, बोला-'थप्पड़ मारने में आता है मजा'; एक युवती और रिटायर्ड PCS अधिकारी को भी मारा था थप्पड़

 

उत्तर प्रदेश के बरेली से चश्मे दारुल इफ्ता के प्रमुख मुफ्ती और मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने मुसलमानों के लिए फतवा जारी किया है। उन्होंने कहा कि नया साल मनाना इस्लामी मान्यताओं के खिलाफ है, क्योंकि 1 जनवरी को नया साल ईसाई धर्म से जुड़ा है। ऐसे में मुस्लिम लड़के-लड़कियों को नए साल के जश्न से दूर रहना चाहिए। 

 

 

चश्मे दारुल इफ्ता के हेड मुफ्ती और मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने फतवा जारी कर मुस्लिम लड़के-लड़कियों को चेताया। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को नए साल की पार्टी नहीं मनानी चाहिए और अपने धर्म का पालन करना चाहिए। मुसलमानों को गैर-धार्मिक और गैर-इस्लामी परंपराओं से दूर रहना चाहिए। अगर कोई नया साल मना रहा है तो वह शरीयत के खिलाफ काम कर रहा है।