Baghpat : ढहाई जाएगी 50 साल पुरानी मस्जिद, कोर्ट ने मुतवल्ली पर लगाया 4.12 लाख का जुर्माना, आदेश से तनाव का माहौल
बागपत के कोतवाली बड़ौत क्षेत्र के राजपुर खामपुर गांव में तालाब की जमीन पर अवैध कब्जे के आरोप पर 50 साल पुरानी मस्जिद को गिराने का आदेश दिया गया है, जिसकी शिकायत गांव निवासी गुलसार ने की थी।
Nov 7, 2024, 17:04 IST
उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के राजपुर खामपुर गांव में स्थित मस्जिद को अवैध निर्माण बताकर हटाने के कोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन ने दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। तहसीलदार अभिषेक कुमार सिंह की कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए तालाब की जमीन पर अवैध कब्जे के आधार पर मस्जिद को ध्वस्त करने का आदेश दिया है। मुतवल्ली पर 4.12 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है और पांच हजार रुपये निष्पादन व्यय का आदेश दिया गया है। READ ALSO:-महिला की सांड से फाइट का दिल दहला देने वाला वीडियो वायरल, कर रहा था अटैक, फिर ऐसे सिखाया सबक
तालाब की जमीन पर बनी थी मस्जिद
यह मस्जिद करीब 50-60 साल पहले गांव की तालाब की जमीन पर बनी थी। गांव निवासी गुलशेर ने 29 जुलाई को हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि मस्जिद तालाब की जमीन पर अवैध रूप से बनाई गई है। कोर्ट ने इसे अवैध अतिक्रमण माना और तहसील प्रशासन को 90 दिन के अंदर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इसके बाद डीएम के निर्देश पर तहसीलदार की कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई और फैसला सुनाया गया।
यह मस्जिद करीब 50-60 साल पहले गांव की तालाब की जमीन पर बनी थी। गांव निवासी गुलशेर ने 29 जुलाई को हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि मस्जिद तालाब की जमीन पर अवैध रूप से बनाई गई है। कोर्ट ने इसे अवैध अतिक्रमण माना और तहसील प्रशासन को 90 दिन के अंदर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इसके बाद डीएम के निर्देश पर तहसीलदार की कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई और फैसला सुनाया गया।
मस्जिद गिराने के लिए बनेगी कमेटी
इसी आधार पर तहसील प्रशासन ने राजस्व अधिकारियों की कमेटी बनाकर मस्जिद गिराने की योजना बनाई है। कमेटी को गांव में जाकर मस्जिद हटाने के निर्देश दिए गए हैं। इस निर्णय के बाद गांव में विवाद की स्थिति पैदा हो गई है।
इसी आधार पर तहसील प्रशासन ने राजस्व अधिकारियों की कमेटी बनाकर मस्जिद गिराने की योजना बनाई है। कमेटी को गांव में जाकर मस्जिद हटाने के निर्देश दिए गए हैं। इस निर्णय के बाद गांव में विवाद की स्थिति पैदा हो गई है।