अलीगढ़ : दरोगा की गोली से SOG कांस्टेबल की मौत, पिस्टल अनलॉक करते हुए चली गोली, दरोगा के पेट को चीरते हुए सिपाही के सिर में लगी,
गोकशी के आरोपियों की तलाश में छापेमारी के दौरान पिस्टल अनलॉक करते समय गोली चल गई। सिर में गोली लगने से एसओजी के एक कांस्टेबल की मौत हो गई और एक सब इंस्पेक्टर घायल हो गया।
Updated: Jul 18, 2024, 14:53 IST
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में पुलिस की एक टीम गोकशी के आरोपियों को गिरफ्तार करने गई थी। इस दौरान पिस्टल का अनलॉक कर रहे दरोगा से अचानक गोली चल गई। गोली दरोगा राजीव कुमार के पेट को चीरती हुई कांस्टेबल याकूब के सिर में जा लगी। गोली उसके सिर के आर-पार हो गई। इससे कांस्टेबल की मौत हो गई। घटना गभाना थाना क्षेत्र के सुमेरपुर कलुआ इलाके की है। एसएसपी संजीव सुमन ने घटना पर दुख प्रकट किया है। READ ALSO:-Meerut : तंत्र-मंत्र में 3 साल की मासूम बच्ची की हत्या, शरीर पर जगह-जगह गहरे जख्म, कपड़े भी फटे थे; पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बड़ा खुलासा
मुखबिर के जरिए सूचना मिली थी कि गोकशी करने वाले बुलंदशहर के रहने वाले हैं और गभाना थाना क्षेत्र में गोकशी कर सकते हैं। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम गठित की गई थी। जब पुलिस टीम दबिश देने जा रही थी, इसी दौरान उनसे पिस्टल लोड करने को कहा गया।
जानकारी के मुताबिक कांस्टेबल याकूब मूल रूप से मैनपुरी के कुरावली कस्बे का रहने वाला था। अलीगढ़ में वह जमालपुर हमदर्द नगर में रह रहा था। उनके परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं।
पिस्टल का लॉक खोलते समय हुई घटना
पुलिस अधिकारी ने बताया- 9 तारीख की रात को थाना गभाना में गोकशी की घटना हुई थी। पुलिस लगातार आरोपियों की तलाश कर रही थी। मुखबिर से सूचना मिली कि गोकशी करने वाले एक और घटना को अंजाम देने वाले हैं। इसके लिए एक संयुक्त टीम बनाई गई, जिसमें थाना गांधीपार्क, थाना गभाना और एसओजी की संयुक्त टीम को दबिश के लिए तैयार किया गया। देर रात दबिश के लिए निकली टीम के सभी लोगों ने अपनी पिस्टल लोड कर ली लेकिन एक सब इंस्पेक्टर की पिस्टल फंस गई। लगातार प्रयास के बाद भी वह उसे ठीक नहीं कर पाए।
पुलिस अधिकारी ने बताया- 9 तारीख की रात को थाना गभाना में गोकशी की घटना हुई थी। पुलिस लगातार आरोपियों की तलाश कर रही थी। मुखबिर से सूचना मिली कि गोकशी करने वाले एक और घटना को अंजाम देने वाले हैं। इसके लिए एक संयुक्त टीम बनाई गई, जिसमें थाना गांधीपार्क, थाना गभाना और एसओजी की संयुक्त टीम को दबिश के लिए तैयार किया गया। देर रात दबिश के लिए निकली टीम के सभी लोगों ने अपनी पिस्टल लोड कर ली लेकिन एक सब इंस्पेक्टर की पिस्टल फंस गई। लगातार प्रयास के बाद भी वह उसे ठीक नहीं कर पाए।
कांस्टेबल के सिर में लगी गोली
सब इंस्पेक्टर मजहर हसन की पिस्टल लॉक हो गई। कई बार प्रयास करने के बाद भी वह पिस्टल को अनलॉक नहीं कर पाए। पिस्टल को ठीक करने के लिए टीम में शामिल दूसरे सब इंस्पेक्टर राजीव कुमार को दिया गया। इंस्पेक्टर राजीव कुमार पिस्टल को ठीक कर रहे थे तभी अचानक उसमें से गोली चल गई। गोली राजीव के पेट को चीरती हुई एसओजी के सिपाही को जा लगी। सिपाही याकूब के सिर में गोली लगी। इससे वह घायल होकर गिर पड़ा। सिपाही को तुरंत जेएन मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
सब इंस्पेक्टर मजहर हसन की पिस्टल लॉक हो गई। कई बार प्रयास करने के बाद भी वह पिस्टल को अनलॉक नहीं कर पाए। पिस्टल को ठीक करने के लिए टीम में शामिल दूसरे सब इंस्पेक्टर राजीव कुमार को दिया गया। इंस्पेक्टर राजीव कुमार पिस्टल को ठीक कर रहे थे तभी अचानक उसमें से गोली चल गई। गोली राजीव के पेट को चीरती हुई एसओजी के सिपाही को जा लगी। सिपाही याकूब के सिर में गोली लगी। इससे वह घायल होकर गिर पड़ा। सिपाही को तुरंत जेएन मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
कुछ महीने पहले भी ऐसी ही लापरवाही देखने को मिली थी। अचानक दरोगा की पिस्टल से गोली चल गई थी, जो सीधे एक वृद्ध महिला को लगी थी। इससे वृद्ध महिला की मौत हो गई थी। उस मामले में दरोगा और मुंशी को जेल जाना पड़ा था। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या पुलिस की पिस्टल ऐसी होती है कि खुद ही फायर हो जाती है? या फिर उनकी मरम्मत ठीक से नहीं होती, जिससे ऐसी घटनाएं होती रहती हैं। फिलहाल गभाना की घटना में एसएसपी ने कहा है कि जांच कराई जाएगी। क्या यह वाकई हादसा है या कुछ और?