प्रयागराज : अखाड़ा परिषद के साधु-संतों में जमकर चले लात-घूंसे, महाकुंभ मेले में भूमि आवंटन को लेकर हुआ हंगामा

अखाड़ा परिषद और पदाधिकारियों की बैठक के दौरान संतों में किसी बात को लेकर कहासुनी होने लगी। विवाद इतना बढ़ गया कि बैठक अखाड़े में तब्दील हो गई। संत आपस में ही मारपीट करने लगे। जमकर लात-घूंसे चले। बाद में किसी तरह वहां मौजूद पुलिस अधिकारियों ने मामला शांत कराया।
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PRAYAGRAJ
प्रयागराज में मेला प्राधिकरण कार्यालय में गुरुवार को उस समय अफरा-तफरी की स्थिति उत्पन्न हो गई, जब भूमि आवंटन को लेकर अखाड़ों के दो गुटों के संतों के बीच विवाद हो गया। इस दौरान दोनों पक्षों के संतों ने एक दूसरे पर जमकर लात-घूंसे बरसाए, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। बाद में किसी तरह वहां मौजूद पुलिस अधिकारियों ने मामला शांत कराया।READ ALSO:-दाल से भी सस्ती; 'दलितों और मुसलमानों की जान', आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष सांसद चंद्र शेखर ने योगी सरकार पर बोला हमला

 

अखाड़ा परिषद और पदाधिकारियों की बैठक के दौरान संतों के बीच किसी बात को लेकर कहासुनी शुरू हो गई। विवाद इतना बढ़ गया कि बैठक अखाड़े में तब्दील हो गई। संत आपस में ही लड़ने लगे। जमकर लात-घूंसे चले। बाद में किसी तरह वहां मौजूद पुलिस अधिकारियों ने मामला शांत कराया।

 

महाकुंभ 2025 मेला शुरू होने से पहले अखाड़ों के बीच जंग शुरू हो गई है। गुरुवार को प्रयागराज मेला प्राधिकरण की ओर से अखाड़ों को आवंटित की जाने वाली जमीन का निरीक्षण किया जाना था। कुंभ मेले की जमीन देखने के लिए सभी अखाड़ों के संत-महात्मा प्रयागराज मेला प्राधिकरण कार्यालय में एकत्र हुए थे। 

 

इस दौरान अखाड़ों के महंतों के बीच कहासुनी हो गई और देखते ही देखते उनके बीच मारपीट शुरू हो गई। साधु-संतों ने एक-दूसरे पर लात-घूंसे बरसाने शुरू कर दिए। साधु-संतों ने एक-दूसरे को पीटना शुरू कर दिया। साधुओं के बीच शुरू हुई मारपीट से मेला प्राधिकरण कार्यालय में अफरातफरी मच गई। 

 

इसके बाद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने बीच-बचाव कर माहौल को शांत कराया। पुलिस ने सभी साधु-संतों को शांत कराया। इसके बाद भी मेला कार्यालय में तनाव का माहौल बना हुआ है। 

 

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि इस विवाद को सुलझाने के लिए पहले भी प्रयास किए गए, लेकिन दोनों पक्ष अपनी मांगों पर अड़े रहे, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। इस घटना का मेले के माहौल पर भी नकारात्मक असर पड़ा है और श्रद्धालुओं में भी इसे लेकर चिंता देखी जा रही है। 

 

मेला प्राधिकरण अब इस विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने का प्रयास कर रहा है, ताकि इसका असर आगामी कार्यक्रमों पर न पड़े। 

 

मारपीट करने वाले साधुओं के खिलाफ शिकायत 
वहीं, घटना के बाद मारपीट करने वाले साधुओं के खिलाफ निर्मोही अखाड़े की ओर से शिकायत दर्ज कराई गई है। यह शिकायत निर्मोही अखाड़े के राजेंद्र दास ने दर्ज कराई है, जिसमें आधा दर्जन से अधिक संतों को आरोपी बनाया गया है। इसके अलावा निर्मोही अखाड़े के संतों ने मेला अधिकारी को दी गई लिखित शिकायत में संतों के लिए सुरक्षा की भी मांग की है।
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