UP : पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान भड़के, मुख्यमंत्री योगी को लिखा पत्र और अब अमित शाह से मिलेंगे, और बताई सुरक्षा हटाए जाने की बताई वजह
भाजपा के पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान कहते हैं कि जब धर्मशाला का मामला सामने आया तो मैंने अधिकारियों से बात की। बाद में मैं लोगों के साथ थाने गया। लोगों ने मुझ पर पैसे लेकर जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाया। जब मैंने ये बातें कहीं तो पुलिस ने मेरी सुरक्षा हटा दी। ऐसा मुझे अपमानित करने के लिए किया गया है।
Jan 14, 2025, 14:11 IST
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भाजपा के पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने अपनी सुरक्षा हटाए जाने पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि बिना किसी सूचना के उनकी सुरक्षा हटाई गई, जो पूरी तरह से गलत है। मुजफ्फरनगर के पूर्व सांसद बालियान ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर इस फैसले का विरोध किया और कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने की वजह से यह कदम उठाया गया है। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उनके साथ कोई घटना होती है तो इसके लिए राज्य सरकार के अधिकारी जिम्मेदार होंगे।READ ALSO:-उत्तर प्रदेश में 2 दिन बारिश का अलर्ट; नया पश्चिमी विक्षोभ हो रहा सक्रिय, गरज-चमक के साथ ओले भी पड़ेंगे
संजीव बालियान ने सुरक्षा हटाए जाने की बताई वजह
बालियान ने बताया कि वह मंदिर और धर्मशाला से जुड़े विवाद को लेकर ग्रामीणों के साथ मंसूरपुर थाने पहुंचे थे। उनका आरोप है कि डिस्टलरी वालों ने पुलिस की मदद से गांव की जमीन पर कब्जा कर लिया और ग्रामीणों पर फर्जी मुकदमे दर्ज करा दिए। जब अधिकारियों ने उनकी बात नहीं सुनी तो उन्होंने धरना दिया। इसके बाद रातों-रात उनकी सुरक्षा हटा ली गई।
बालियान ने बताया कि वह मंदिर और धर्मशाला से जुड़े विवाद को लेकर ग्रामीणों के साथ मंसूरपुर थाने पहुंचे थे। उनका आरोप है कि डिस्टलरी वालों ने पुलिस की मदद से गांव की जमीन पर कब्जा कर लिया और ग्रामीणों पर फर्जी मुकदमे दर्ज करा दिए। जब अधिकारियों ने उनकी बात नहीं सुनी तो उन्होंने धरना दिया। इसके बाद रातों-रात उनकी सुरक्षा हटा ली गई।
संजीव बालियान ने अपनी सुरक्षा हटाए जाने को अपमान बताया है। उनका कहना है कि जब मैंने लोगों का मुद्दा उठाया तो मेरी सुरक्षा हटा दी गई। ऐसा मुझे अपमानित करने के लिए किया गया। मैंने अपनी बात सरकार तक पहुंचा दी है। यहां के कप्तान की कार्यशैली के बारे में भी सरकार को बता दिया है।
अधिकारी फोन नहीं उठाते, जनता के बीच नहीं जाते
संजीव बालियान का आरोप है कि अधिकारी जनप्रतिनिधियों का फोन तक नहीं उठाते। इतना ही नहीं, वे किसी भी मामले में जनता के बीच जाना नहीं चाहते। ऐसा क्यों हो रहा है? क्या अधिकारी सरकार चलाएंगे?
संजीव बालियान का आरोप है कि अधिकारी जनप्रतिनिधियों का फोन तक नहीं उठाते। इतना ही नहीं, वे किसी भी मामले में जनता के बीच जाना नहीं चाहते। ऐसा क्यों हो रहा है? क्या अधिकारी सरकार चलाएंगे?
संजीव बालियान ने आगे कहा कि मैं गांव गया था, वहां कुछ लोगों ने शिकायत की। मैं उसके बाद थाने गया और वहां बात की। पुलिस वाले पैसे लेकर जमीन पर कब्जा करवा रहे हैं। यही मैंने कहा।
संजीव बालियान के मुताबिक, अगर हालात पर बात नहीं की जाएगी तो हम जनता का सामना कैसे करेंगे? उन्हें क्या जवाब देंगे? अधिकारी सरकार नहीं बनाते।
पुलिस का बयान
एसएसपी अभिषेक सिंह ने कहा कि नियमों के तहत बालियान को गनर दिया जाएगा, लेकिन पूर्व मंत्री का कहना है कि केंद्रीय मंत्री के साथ ऐसा व्यवहार अन्य भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने कहा, "मेरी सुरक्षा की जिम्मेदारी जनता के हाथ में है। लेकिन पुलिस का ऐसा रवैया भाजपा कार्यकर्ताओं का मनोबल कमजोर कर सकता है।"
एसएसपी अभिषेक सिंह ने कहा कि नियमों के तहत बालियान को गनर दिया जाएगा, लेकिन पूर्व मंत्री का कहना है कि केंद्रीय मंत्री के साथ ऐसा व्यवहार अन्य भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने कहा, "मेरी सुरक्षा की जिम्मेदारी जनता के हाथ में है। लेकिन पुलिस का ऐसा रवैया भाजपा कार्यकर्ताओं का मनोबल कमजोर कर सकता है।"
संजीव बलियान ने यह भी कहा कि वह इस मामले को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे। उनका कहना है कि सरकार अधिकारियों की वजह से नहीं, कार्यकर्ताओं की वजह से बनती है। इस पूरे मामले में पूर्व मंत्री का कहना है कि उनकी लड़ाई सरकार से नहीं, बल्कि भ्रष्ट अधिकारियों के रवैये से है। वहीं, यह विवाद राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा का विषय बन गया है।