मेरठ : सांसद अरुण गोविल के सामने जनप्रतिनिधियों ने बिजली अफसरों पूछे कुछ सवाल...लेकिन अफसरों के पास नहीं था कोई जवाब
सांसद अरुण गोविल ने मेरठ में बिजली आपूर्ति और अन्य मुद्दों पर बिजली अधिकारियों से कुछ सवाल पूछे लेकिन अधिकारी किसी भी सवाल का जवाब नहीं दे सके। ऊर्जा राज्य मंत्री सोमेंद्र तोमर भी अधिकारियों पर गुस्सा गए। बैठक में हाईटेंशन लाइन सबस्टेशन, बिजली बिल, ट्रांसफार्मर चोरी और दुर्घटनाओं से संबंधित मुआवजे समेत कई अहम मुद्दे उठाए गए।
Sep 26, 2024, 00:30 IST
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मेरठ के विकास भवन के सभागार में बुधवार को सांसद अरुण गोविल की अध्यक्षता में जिला विद्युत समिति की बैठक हुई। जनप्रतिनिधियों ने बिजली आपूर्ति समेत कई मामलों को लेकर बिजली अधिकारियों से कुछ सवाल पूछे, लेकिन वे किसी भी सवाल का जवाब नहीं दे सके। READ ALSO:-उत्तर प्रदेश में अब थूक लगाना पड़ेगा महंगा, खाने-पीने की चीजों में दिखी गंदगी तो इस टोल फ्री नंबर पर कर सकते हैं शिकायत
बैठक में ऊर्जा राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर कई बार अपने विभाग के अधिकारियों पर भड़के। उन्होंने कहा कि बिजली अधिकारी महीने में जनप्रतिनिधियों के साथ एक भी बैठक नहीं करते। करीब एक घंटे चली बैठक में जनप्रतिनिधियों ने पहली बैठक में दिए गए प्रस्तावों को लेकर सवाल पूछे, लेकिन विभागीय अधिकारी चुप्पी साधे रहे।
सबसे पहले बागपत सांसद राजकुमार सगवार ने पूछा कि उन्होंने करीब 10 कॉलोनियों का प्रस्ताव दिया था कि उनके घरों की छतों से निकली हाईटेंशन लाइन अभी तक क्यों नहीं बदली गई। इसका जवाब बिजली अधिकारियों के पास नहीं था। राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर ने पूछा कि 33/11 के जिले में कितने सब स्टेशन बने। इसका भी जवाब नहीं मिला। इस बीच जिलाधिकारी ने अधिकारियों से ब्योरा तलब किया।
बागपत सांसद ने पूछा कि हर माह बिल क्यों नहीं भेज रहे हैं। दो माह में बिल भेजे जा रहे हैं। जवाब मिला कि कुछ कॉलोनियों में हर माह बिल नहीं भेजे जा रहे हैं। अब शुरू हो जाएंगे। सांसद अरुण गोविल ने पूछा कि ग्रामीण क्षेत्रों में 246 ट्रांसफार्मर चोरी क्यों हो गए और कोई कार्रवाई क्यों नहीं हो रही। इसका भी कोई जवाब नहीं मिला।READ ALSO:-उत्तर प्रदेश के नगर निकायों में 6 हजार से ज्यादा पदों पर होगी भर्ती, योगी सरकार ने पदों की संख्या की दोगुनी
सांसद अरुण गोविल ने कुल तीन सवाल पूछे, सोमेंद्र तोमर ने सात, राजकुमार सागवान ने 13, विधायक अमित अग्रवाल ने चार सवाल बिजली विभाग से पूछे, लेकिन बिजली विभाग के अधिकारी कुछ को छोड़कर किसी भी सवाल का ठीक से जवाब नहीं दे पाए। बिजली विभाग ने बताया कि 85 फीसदी बिजली बिल की वसूली हो रही है और सोलर प्लांट के लिए 23 हजार से ज्यादा आवेदन भी आ चुके हैं।
हादसों की फाइल कहां और क्यों अटकी है
सांसद अरुण गोविल ने पूछा कि इस साल कितने हादसे हुए और कितनों को मुआवजा दिया गया। बिजली विभाग के चीफ इंजीनियर ने बताया कि कुल 37 हादसे हुए हैं। जिनमें से 17 को मुआवजा दिया जा चुका है। 20 के बारे में उन्होंने पूछा कि बाकी फाइलें कहां अटकी हैं।
सांसद अरुण गोविल ने पूछा कि इस साल कितने हादसे हुए और कितनों को मुआवजा दिया गया। बिजली विभाग के चीफ इंजीनियर ने बताया कि कुल 37 हादसे हुए हैं। जिनमें से 17 को मुआवजा दिया जा चुका है। 20 के बारे में उन्होंने पूछा कि बाकी फाइलें कहां अटकी हैं।
बिजली अधिकारी कोई जवाब नहीं दे सके। बाद में जब जिलाधिकारी ने अधिकारियों से पूछा कि ये मामले लंबित क्यों हैं तो उन्होंने बताया कि अधिकांश फाइलें तहसील में लंबित हैं। इस पर जिलाधिकारी ने कहा कि चीफ इंजीनियर या किसी अन्य अधिकारी ने उन्हें इसकी जानकारी दी है। यदि समय से जानकारी दी जाती तो इन मामलों का समाधान हो जाता। जिलाधिकारी ने एडीएम प्रशासन को इन मामलों का समाधान कराने के आदेश दिए।
PM सूर्य घर निशुल्क बिजली योजना में 23 हजार आवेदन
सीडीओ नूपुर गोयल ने सोलर पैनल ऊर्जा प्रणाली योजना के साथ ही पीएम सूर्य घर निशुल्क बिजली योजना की जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि इस योजना में अब तक 23 हजार आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से इस योजना में सहयोग की अपील की। सोमेंद्र तोमर ने कहा कि सभी सरकारी कार्यालयों में सोलर पैनल ऊर्जा प्रणाली लगाई जानी चाहिए।
सीडीओ नूपुर गोयल ने सोलर पैनल ऊर्जा प्रणाली योजना के साथ ही पीएम सूर्य घर निशुल्क बिजली योजना की जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि इस योजना में अब तक 23 हजार आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से इस योजना में सहयोग की अपील की। सोमेंद्र तोमर ने कहा कि सभी सरकारी कार्यालयों में सोलर पैनल ऊर्जा प्रणाली लगाई जानी चाहिए।