मेरठ : यहां से मिला करेंगी नोएडा-देहरादून की बसें, होगा बड़ा बदलाव; बनेंगे दो बस अड्डे, NCRTC ने भैंसाली बस अड्डे की जमीन का किया अधिग्रहण

ट्रैफिक जाम की वजह बन रहा मेरठ का भैंसाली बस अड्डा शहर से बाहर शिफ्ट होने जा रहा है। यहां दो बस अड्डे बनाए जाएंगे, एक दिल्ली रोड पर नमो भारत ट्रेन के मेरठ साउथ स्टेशन के पास बनेगा। दूसरा बस अड्डा और बस मेंटेनेंस डिपो दिल्ली-देहरादून हाईवे पर मोदीपुरम स्टेशन के पास बनेगा। NCRTC अपने प्रोजेक्ट RRTS कॉरिडोर के लिए भैंसाली की जमीन का इस्तेमाल करेगी।
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ट्रैफिक जाम का कारण बन रहे भैंसाली बस अड्डे को शहर से बाहर शिफ्ट किया जाएगा। इसकी जगह दो बस अड्डे (Terminals) बनाए जाएंगे। एक बस टर्मिनल दिल्ली रोड पर नमो भारत ट्रेन के मेरठ साउथ स्टेशन के पास बनेगा। यहां से नोएडा के लिए बसें मिलेंगी। दूसरा बस टर्मिनल और बस मेंटेनेंस डिपो दिल्ली-देहरादून हाईवे पर मोदीपुरम स्टेशन के पास बनेगा।READ ALSO:-मेरठ : मेरठ-पौड़ी हाईवे टोल प्लाजा के पास सड़क हादसे में 2 युवकों की मौत, वैगनआर कार ने बाइक सवारों को कुचला,

 

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) ने दोनों बस टर्मिनल और एक बस डिपो बनाने के लिए टेंडर आमंत्रित किए हैं। एनसीआरटीसी (NCRTC) ने इसे दो साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा है। आमंत्रित निविदाओं में संरचना डिजाइन, वास्तुकला, एमईपी (Mechanical, Electrical, Plumbing work) और अग्निशमन तथा अन्य संबंधित कार्य शामिल हैं। इसके लिए 23 जुलाई से बोलियां लगाई जा सकेंगी। बोलियां लगाने की अंतिम तिथि 8 अगस्त है। बोलियां 9 अगस्त को खोली जाएंगी।

 

स्टेशनों पर लगेंगे 4.9 मेगावाट बिजली पैदा करने वाले सोलर पैनल
आरआरटीएस (RRTS) कॉरिडोर के स्टेशनों पर सोलर ऊर्जा पैनल लगाए जाएंगे। सभी स्टेशनों पर लगाए जाने वाले सोलर ऊर्जा पैनल 4.9 मेगावाट बिजली पैदा करेंगे। NCRTC ने इस कार्य के लिए निविदाएं आमंत्रित की हैं। गौरतलब है कि एनसीआरटीसी (NCRTC) अपने प्रोजेक्ट की कुल बिजली जरूरत का 70 फीसदी हिस्सा सोलर ऊर्जा से पैदा करेगी। इसके लिए पूरे प्रोजेक्ट में जगह-जगह सोलर ऊर्जा पैनल लगाए जाएंगे।

 

NCRTC ने भैंसाली बस स्टैंड की जमीन ली
भैंसाली बस स्टैंड हटाया जाएगा। एनसीआरटीसी (NCRTC) उस जमीन का इस्तेमाल अपने प्रोजेक्ट आरआरटीएस (RRTS) कॉरिडोर के लिए करेगी। इस जमीन के बदले एनसीआरटीसी (NCRTC) दो जगहों पर बस स्टैंड बनाएगी।

 

सोहराब गेट बस अड्डे का भी बदलेगा स्वरूप
गढ़ रोड स्थित सोहराब गेट बस अड्डे का भी स्वरूप लखनऊ के आलमबाग बस अड्डे जैसा होगा। मुख्यालय की ओर से पीपीपी मॉडल (PPP Model) के तहत बस अड्डे को विकसित करने के लिए एक फर्म का चयन किया गया है। पिछले पांच-छह साल से टेंडर प्रक्रिया चल रही थी। क्षेत्रीय प्रबंधक संदीप नायक ने बताया कि दिल्ली की एआरटी कंस्ट्रक्शन कंपनी (ART Construction) बस अड्डे का विकास करेगी। कंपनी को डिजाइन और लेआउट तैयार करने के लिए एक माह का समय दिया गया है।

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भूतल पर बस अड्डा और ऊपर होंगी कमर्शियल एक्टिविटीज 
कंपनी 11,583 वर्ग मीटर में बस अड्डे को विकसित करने के लिए 80 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इसमें भूतल पर बसों के लिए पार्किंग, यात्रियों के लिए प्रतीक्षालय, पूछताछ कार्यालय, खान-पान की दुकानें, शौचालय होंगे। यात्रियों के लिए एक बड़ी एलसीडी भी लगाई जाएगी। निर्माण कंपनी को स्टैंड के प्रथम और द्वितीय तल को व्यावसायिक कार्यों के लिए उपयोग करने का अधिकार होगा।

 

यहां शोरूम, फूड प्लाजा और सिनेमा हॉल बनाए जा सकेंगे। बता दें कि बस अड्डे को विकसित करने की सरकारी योजना के चलते यहां मरम्मत कार्य नहीं हो पा रहा है। टीन शेड टूटे पड़े हैं, एआरएम कार्यालय (ARM office) का भवन भी काफी जर्जर हालत में है। सोहराब गेट बस अड्डे के परिसर में ही वर्कशॉप रहेगी।

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ट्रैफिक जाम से भी मिलेगी राहत
स्टेशन में बसों के प्रवेश और निकास की ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि बसें सड़क पर खड़ी न हों। इससे गढ़ रोड पर जाम से राहत मिलेगी। सोहराब गेट स्टेशन पर 310 बसें हैं। यहां से लखनऊ, आगरा, बरेली, मुरादाबाद, अलीगढ़ आदि शहरों के लिए बसें जाती हैं।
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