मेरठ : वकीलों ने जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में धरना दिया, अधिवक्ताओं ने न्यायालय परिसर में घूम-घूम कर कोषागार एवं रजिस्ट्री कार्यालय को बंद कराया।
मेरठ में वकीलों ने जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया। मंच से अपने संबोधन में अधिवक्ताओं ने कहा कि मेरठ-हापुड़ लोकसभा क्षेत्र सांसद राजेंद्र अग्रवाल के अंतर्गत आता है। वकील 29 अगस्त से हड़ताल पर है।
Updated: Sep 12, 2023, 15:43 IST
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मेरठ में वकीलों ने जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया। मंच से अपने संबोधन में अधिवक्ताओं ने कहा कि मेरठ-हापुड़ लोकसभा क्षेत्र सांसद राजेंद्र अग्रवाल के अंतर्गत आता है। वकील 29 अगस्त से हड़ताल पर हैं. लेकिन अब तक जन प्रतिनिधियों ने उनसे मिलने की कोशिश नहीं की है। अब अधिवक्ता जन प्रतिनिधियों का घेराव करेंगे। अधिवक्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी दीपक मीणा को सौंपकर हापुड डीएम और एसपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।READ ALSO:-UP : सरकारी स्कूल में प्राइवेट जैसी पढ़ाई, वो भी मुफ्त, अद्भुत है उत्तर प्रदेश सरकार की ये योजना
मेरठ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कुंवर पाल शर्मा और महासचिव विनोद कुमार चौधरी के नेतृत्व में अधिवक्ता जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे। उन्होंने कार्यालय परिसर में मंच बनाकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। वकीलों ने 29 अगस्त को हापुड में हुई घटना पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि हापुड पुलिस ने शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे अधिवक्ताओं पर बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज किया। इस कारण अधिवक्ताओं ने 15 सितंबर तक हड़ताल पर रहने का निर्णय लिया है। मंगलवार की सुबह अधिवक्ता कोर्ट परिसर में घूम-घूम कर कोषागार व रजिस्ट्री कार्यालय भी बंद करा दिये। अधिवक्ताओं का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती। वे हड़ताल पर रहेंगे।
जन प्रतिनिधियों का घेराव करने की चेतावनी
मंच से अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हापुड में हुई घटना के बाद से अधिवक्ता हड़ताल पर हैं। ऐसे में मेरठ जिले में तीन राज्यसभा सांसद और एक लोकसभा सांसद हैं। इसके बावजूद भी जन प्रतिनिधियों ने अधिवक्ताओं से बात करने की कोशिश तक नहीं की। ऐसे में वकीलों में प्रतिनिधियों के प्रति गुस्सा है।
मंच से अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हापुड में हुई घटना के बाद से अधिवक्ता हड़ताल पर हैं। ऐसे में मेरठ जिले में तीन राज्यसभा सांसद और एक लोकसभा सांसद हैं। इसके बावजूद भी जन प्रतिनिधियों ने अधिवक्ताओं से बात करने की कोशिश तक नहीं की। ऐसे में वकीलों में प्रतिनिधियों के प्रति गुस्सा है।
