मेरठ : कांवड़ हादसे में हुई 6 मौतों से गुस्साए परिजन-उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और जिलाधिकारी दीपक मीणा के हस्तक्षेप पर माने, शवों के अंतिम संस्कार को हुए तैयार

 डीएम दीपक मीणा के पहुंचने से पहले गांव के लोगों में काफी गुस्सा था। बीच सड़क पर 6 शव रखे हुए थे। कई पुलिस अधिकारी, कई स्थानीय नेता ग्रामीणों को समझाने की कोशिश करते रहे लेकिन किसी ने एक न सुनी। 
 | 
DM MEERUT
मेरठ के राली चौहान गांव में हुई दर्दनाक घटना रविवार दोपहर तक शांत होने का नाम नहीं ले रही थी, पीड़ित परिवार के लोग मुआवजे की मांग पर अड़े रहे। पोस्टमार्टम के बाद 6 शवों को गांव लाकर सड़क पर रख दिया गया। सभी ग्रामीणों ने पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को घेर लिया और पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने की मांग की। मामला बढ़ता देख पुलिस के साथ कुछ स्थानीय बीजेपी नेता भी पहुंचे और आक्रोशित ग्रामीणों और परिजनों को समझाने की कोशिश की। लेकिन किसी ने उसकी बात नहीं सुनी। कुछ ही देर में मेरठ के जिला अधिकारी दीपक मीणा पीड़ित परिवारों से मिलने मौके पर पहुंचे और उन्हें मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया। READ ALSO:-READ ALSO:-हर तरफ चीख-पुकार: काल बन गई कांवड़ यात्रा, छह मौतों पर सब की आंख नम, नहीं जले घर के चूल्हे, परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल...,ये क्या कर दिया महाकाल!

 


उपमुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों से बात की
बीजेपी नेता विनोद सैनी और डीएम दीपक मीणा से लेकर उपमुख्यमंत्री तक के अनुरोध के बाद केशव प्रसाद मौर्य ने दोनों मृतक बच्चों के पिता सुरेश से फोन पर बात की। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने आश्वासन दिया कि हर संभव मदद की जाएगी और जल्द ही वह आकर परिजनों से मिलेंगे। डीएम दीपक मीणा ने सरल व्यवहार से पीड़ित परिवार और ग्रामीणों को समझाया और कहा कि एकमुश्त 16 लाख रुपये दिये जायेंगे, जिसमें बिजली विभाग से एक लाख और वयस्क मृतकों को पांच लाख रुपये दिये जायेंगे। इसके अलावा शासन को रिपोर्ट भेजकर 30 लाख तक का मुआवजा दिलाने का प्रयास किया जाएगा। साथ ही डीएम ने गांव के लोगों से कहा कि उन्होंने शासन से भी बात की है और फाइल तैयार की जा रही है। 

 whatsapp gif

ग्रामीणों ने 6 शवों को सड़क पर रखकर प्रदर्शन किया
बता दें कि डीएम दीपक मीणा के पहुंचने से पहले गांव के लोगों में काफी गुस्सा था। बीच सड़क पर 6 शव रखे हुए थे। कई पुलिस अधिकारी, कई स्थानीय नेता ग्रामीणों को समझाने की कोशिश करते रहे लेकिन किसी ने एक न सुनी। इसके साथ ही डीएम दीपक मीणा ने पीड़ितों को शुरुआत में कुछ मदद करने को भी कहा। उन्होंने कहा कि एक-दो दिन में कुछ मदद आप तक जरूर पहुंचेगी, ताकि आपका काम न रुके। 

 monika

बच्ची की पढ़ाई का खर्च प्रशासन उठाएगा।
वहीं एक छोटी बच्ची ने डीएम से गुहार लगाते हुए कहा कि मैं भी आपकी तरह अफसर बनना चाहती हूं, लेकिन कमाने वाला अब इस दुनिया में नहीं है। अब मेरी पढ़ाई कैसे होगी? इस दौरान डीएम दीपक मीणा ने कहा कि हम आपकी पढ़ाई नहीं रुकने देंगे और आपकी पढ़ाई का खर्चा प्रशासन की ओर से किया जाएगा। 
sonu

देश दुनिया के साथ ही अपने शहर की ताजा खबरें अब पाएं अपने WHATSAPP पर, क्लिक करें। Khabreelal के Facebookपेज से जुड़ें, Twitter पर फॉलो करें। इसके साथ ही आप खबरीलाल को Google News पर भी फॉलो कर अपडेट प्राप्त कर सकते है। हमारे Telegram चैनल को ज्वाइन कर भी आप खबरें अपने मोबाइल में प्राप्त कर सकते है।