मेरठ : लाइब्रेरी की आड़ में सेना भर्ती का धंधा, फर्जी कर्नल ने इंटेरोगेशन में उगले फ्रॉड के तमाम राज 7-8 लाख रुपए में सेना की नौकरी का करते थे सौदा

मेरठ में STF फील्ड यूनिट और आर्मी इंटेलिजेंस ने मिलकर फर्जी कर्नल सत्यपाल सिंह यादव को गिरफ्तार किया है। फर्जी कर्नल से आर्मी इंटेलिजेंस और एसटीएफ लगातार पूछताछ कर रही है। पूछताछ में जालसाजी ने कई राज खोले।
 | 
M
मेरठ में STF फील्ड यूनिट और आर्मी इंटेलिजेंस ने मिलकर फर्जी कर्नल सत्यपाल सिंह यादव को गिरफ्तार किया है। फर्जी कर्नल से आर्मी इंटेलिजेंस और STF लगातार पूछताछ कर रही है। पूछताछ में जालसाज ने कई राज खोले। पूछताछ में जालसाज ने कई राज खोले। बताया कि शहर के बीचो-बीच एक पॉश इलाके में लाइब्रेरी, रेस्टोरेंट और पेंट शॉप के जरिए एक सिंडिकेट भर्ती का फर्जीवाड़ा चला रहा था। इस धोखाधड़ी में सत्यपाल के साथ उसके दोनों बेटे रजत और प्रशांत भी शामिल थे। टीम ने सत्यपाल सिंह यादव को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया, जबकि उसके दो बेटे रजत और प्रशांत फरार हैं। तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। READ ALSO:-मेरठ: बीच सड़क छात्र को मारी गोली, हालत गंभीर, घायल अवस्था में घर पर फोन कर पिता को बताया उसका एक्सीडेंट हो गया है

 
फर्जी कर्नल सत्यपाल सिंह यादव ने बताया कि वह अपने बेटों के साथ मिलकर लाइब्रेरी, रेस्टोरेंट और पेंट शॉप के जरिए ठगी का खेल खेल रहा था। फ्रॉड का बेटा मेरठ के पॉश सिविल लाइन इलाके में कोर्ट के पास मनु लाइब्रेरी और रेस्टोरेंट चला रहा था। यहां कोर्ट के पास एक पेंट की दुकान खुली थी। बेटा पेंट की दुकान और रेस्टोरेंट में आने वाले ग्राहकों को गंदी बातें कर फंसाता था।

 

इसी तरह, जो भी छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए लाइब्रेरी में आते थे, उन्हें सेना में स्थायी नौकरी का वादा किया जाता था। दरअसल, लाइब्रेरी की आड़ में नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़ा चल रहा था। 2019 में जब सत्यपाल सिंह यादव पर पहली बार इंचौली थाने में मामला दर्ज हुआ था तो पास की मनु लाइब्रेरी भी बंद कर दी गई थी। इस लाइब्रेरी का शहर में बड़ा नाम था। 

 
जालसाज के बेटे ने कहा कि मेरे पिता रिक्रूटमेंट ऑफिस में बड़े कर्नल हैं। वे जिसे चाहें सेना में नियुक्त कर सकते हैं। लोगों का विश्वास जीतकर उसने उन्हें फंसाया। सेना में भर्ती और नौकरी की गारंटी के नाम पर सामने वाला व्यक्ति पैसे देने को तैयार हो जाएगा। एक भर्ती के लिए 7 से 8 लाख रुपये का रेट तय किया गया था। इससे कम पैसे किसी भी व्यक्ति से नहीं लिए जाते। मामला सुलझने के बाद जालसाज बेटा ग्राहक को अपने पिता फर्जी कर्नल सत्यपाल से मिलवाता था। 

 
सत्यपाल सिंह ग्राहक से मिलते थे और उनका इंटरव्यू लेते थे। वह उनसे सेना से जुड़ी तमाम चीजों पर बात करते थे। इस दौरान सत्यपाल कर्नल की नकली वर्दी पहनकर बैठता था। ताकि उनकी प्रतिष्ठा बरकरार रहे। उनका दूसरा बेटा भी उनके साथ रहता था। इसके बाद वह कमीशन के पैसे लेता था। पैसे लेने के बाद जालसाज का दूसरा बेटा अभ्यर्थी से झूठे इंटरव्यू की बात करता था। बाद में वह अपने ही प्रिंटर से फर्जी ज्वाइनिंग लेटर तैयार करा लेता था।

 
फर्जी ज्वाइनिंग लेटर में सेना भर्ती कार्यालय लखनऊ का पता दिया गया था। इस पर मुहर भी लगी होगी। इतना ही नहीं इसमें ज्वाइनिंग की तारीख भी होगी। जब अभ्यर्थी उस तिथि पर लखनऊ मुख्यालय जाकर पता करता तो उसे पता चलता कि उसके साथ धोखाधड़ी हुई है। ऐसी ही धोखाधड़ी सुनील और उसकी बहन पूनम के साथ हुई, जिन्होंने फर्जी कर्नल की शिकायत की। इसके बाद सुनील ने पुलिस और आर्मी हेड क्वार्टर में शिकायत की थी। इसके बाद पुलिस, मिलिट्री इंटेलिजेंस और एसटीएफ ने मिलकर ऑपरेशन चलाया। 

 
ये तीनों लोग मिलकर अब तक करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी कर चुके हैं। बेटा भोलेभाले लोगों की तलाश करके उनको नौकरी का झांसा देता था। दूसरा बेटा उसे सेना में LDC क्लर्क भर्ती के लिए फर्जी ज्वाइनिंग लेटर भेजता था। ये बाप-बेटा 2016 से पहले से लोगों को चूना लगा रहे हैं। 

 लोगों से ठगी कर फर्जी कर्नल की वर्दी पहनकर ये लोगों का इंटरव्यू भी लेता था।

फर्जी कर्नल के पास से एसटीएफ, इंटेलिजेंस को 34 रसीद टिकट भी मिले हैं। ये वो रसीद टिकट हैं, जिनमें फर्जी कर्नल ने अभ्यर्थियों को फर्जी ज्वाइनिंग लेटर भेजा है। पिता-पुत्र उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, राजस्थान में लोगों से ठगी कर रहे थे। पकड़े जाने से पहले हाल ही में कर्नल और उसके बेटों ने मिलकर करीब 34 जिलों में फर्जी ज्वाइनिंग लेटर पोस्ट किए थे। इन लोगों से लाखों रुपये की ठगी की गयी है। इसके अलावा आई कार्ड, कैंटीन कार्ड, फर्जी कर्नल की वर्दी, मुहर, प्रिंटर समेत कई सामान बरामद हुए हैं।

 

एसटीएफ और मिलिट्री इंटेलिजेंस मिलकर फर्जी कर्नल से अभी भी पूछताछ कर रही है। इन पिता-पुत्रों ने 2016 या उससे पहले अब तक कितने लोगों से ठगी की है, इसकी सारी जानकारी जुटाई जा रही है। जांच एजेंसियों के मुताबिक ये बाप-बेटे मिलकर अब तक करोड़ों रुपये की ठगी कर चुके हैं। कहां हैं वो लोग जिन्हें फर्जी भर्ती के नाम पर ठगा गया? अगर वे लोग सेना में कार्यरत हैं तो अब तक उनका फर्जीवाड़ा सामने क्यों नहीं आया, इसकी भी जांच की जा रही है।

 whatsapp gif

मिलिट्री इंटेलिजेंस खासतौर पर इस एंगल पर जांच कर रही है कि फर्जी भर्ती के नाम पर इतने सालों से यह फर्जीवाड़ा खेला जा रहा था  अगर वह लोगों को धोखा दे रहा था तो अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई? हालांकि, 2019 में सत्यपाल सिंह यादव के खिलाफ इंचौली थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था  लेकिन, अब सैन्य जांच एजेंसियां इसे भी गंभीरता से देख रही हैं  इस खेल में और कितने लोग शामिल हैं?

 

STF के एएसपी ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया कि फर्जी कर्नल सत्यपाल सिंह अपने दो बेटों के साथ मिलकर भर्ती के नाम पर फर्जीवाड़ा कर रहा था। दोनों बेटे फरार हैं। इन्हें पकड़ने के लिए टीमें भी लगा दी गई हैं। फर्जी कर्नल से लगातार पूछताछ की जा रही है। 
monika

देश दुनिया के साथ ही अपने शहर की ताजा खबरें अब पाएं अपने WHATSAPP पर, क्लिक करें। Khabreelal के Facebookपेज से जुड़ें, Twitter पर फॉलो करें। इसके साथ ही आप खबरीलाल को Google News पर भी फॉलो कर अपडेट प्राप्त कर सकते है। हमारे Telegram चैनल को ज्वाइन कर भी आप खबरें अपने मोबाइल में प्राप्त कर सकते है।