मेरठ : संजीव बालियान के बाद संगीत सोम ने आरोपों पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा-अहंकार से हारे बालियान, मैं इतना बड़ा नेता नहीं कि मंत्री को हरवा सकूं

अगर भारतीय जनता पार्टी के नेता संजीव बालियान और संगीत सोम के बीच मतभेद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ठाकुर बनाम जाट संघर्ष का कारण बनते हैं, तो पार्टी को आगामी चुनावों के लिए बड़ा संकट खड़ा हो सकता है। दोनों पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के दो बड़े चेहरे हैं। दोनों की अपनी-अपनी राजनीतिक जमीन है।
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पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दो भाजपा नेता अब खुलकर सामने आ गए हैं। लोकसभा चुनाव हारने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने पूर्व विधायक संगीत सोम पर गंभीर आरोप लगाए हैं। अब संगीत सोम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बालियान के आरोपों का करारा जवाब दिया है। संगीत सोम ने कहा कि मेरी परवरिश ऐसे संस्कारों में नहीं हुई कि मैं जयचंद बन सकूं। संजीव बालियान अपने अहंकार के कारण चुनाव हार गए हैं।READ ALSO:-उत्तर प्रदेश में तबादला नीति में बड़ा बदलाव; मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कैबिनेट बैठक में लिए 41अहम फैसले

 

दरअसल मुजफ्फरनगर से भाजपा प्रत्याशी रहे संजीव बालियान ने पार्टी नेता संगीत सोम के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। बालियान ने कहा कि कुछ जयचंद और विभीषण जनता को गुमराह करने में सफल रहे। कुछ लोग शिखंडी की तरह नजर आए। मेरी गलती है, मैं जनता को पूरी तरह समझा नहीं सका, लेकिन जो जयचंद हैं, पार्टी उनका ख्याल रखेगी। संगीत सोम का नाम लिए बगैर संजीव बालियान ने कहा कि कुछ लोग यहां सपा के लिए खुलेआम चुनाव लड़ रहे हैं। यहां वे बड़े पदों और सरकारी सुविधाओं में रहे हैं। तोड़फोड़ करने वालों पर कार्रवाई के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह फैसला पार्टी हाईकमान को लेना है।

 


मैं इतना बड़ा नेता नहीं जो घर बैठकर मंत्री को हरा सकता हूं- संगीत सोम
संगीत सोम ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को नकार दिया है। उन्होंने जवाब दिया कि सरधना विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी जीती, लेकिन संजीव बालियान बुढ़ाना और चरथावल में हार गए। वह हमारे भाई हैं, लेकिन आरोप लगाने से पहले डॉ. संजीव बालियान को अपनी हार की समीक्षा करनी चाहिए। मेरी जिम्मेदारी सरधना थी। बालियान बुढ़ाना और चरथावल में क्यों हारे, वह उनकी घरेलू सीट है। मैं अकेला बड़ा नेता नहीं जो घर बैठकर मंत्री को हरा सकता हूं। उन्होंने कहा कि अगर उनके मन में कुछ है तो उन्हें पार्टी फोरम में रखना चाहिए न कि इस तरह मीडिया के सामने आना चाहिए। मुझे मीडिया के सामने इसलिए आना पड़ा क्योंकि उन्होंने मेरा नाम लेकर बयानबाजी की। मैं कोई बड़ा नेता नहीं हूं, मैं भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता हूं। मुझे सरधना की जिम्मेदारी दी गई थी और मैंने उसे बखूबी निभाया। मैं हाईकमान से कहना चाहूंगा कि पूरे मामले की जांच होनी चाहिए।

 

'मैं संजीव बालियान को भी यही सलाह देना चाहता हूं'
उन्होंने आगे कहा कि वह कहते हैं, मैं विनाश की राजनीति करता हूं, ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि संगीत सोम विनाश की राजनीति करते हैं, मैं आपको बता दूं कि मैं विनाश की राजनीति नहीं करता। मैं विकास की राजनीति करता हूं। उसी का नतीजा है कि हारने के बाद भी मुझे 2012 में डेढ़ गुना वोट मिले। 2017 में मुझे जितने वोट मिले, 2022 में उससे 10 हजार ज्यादा वोट मिले। अगर मैं विनाश की राजनीति करता तो मेरा वोट ग्राफ नहीं बढ़ता। मैं 2022 में चुनाव हार गया। वजह जो भी रही हो। मैंने अपनी बात पार्टी को बताई। पार्टी ने जांच की होगी। मैंने कभी मीडिया के सामने हार का जिक्र नहीं किया। मैं संजीव बालियान को भी यही सलाह देना चाहता हूं कि घर की लड़ाई को बाहर नहीं ले जाना चाहिए। मैंने इतनी मेहनत की, हमने हर गांव में चुनाव जीतने के लिए काम किया। मैं पार्टी के लिए मेहनत करता हूं, हमेशा करता रहूंगा।

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मेरी सभी से दोस्ती है- संगीत सोम
मीडिया ने संगीत सोम से पूछा कि संजीव बालियान कह रहे हैं कि आप सुरक्षा सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं। संगीत सोम ने कहा कि सुरक्षा कोई सुविधा नहीं है। यह विपक्षी नेताओं को दी जाती है। ठाकुरों की नाराजगी पर उन्होंने कहा कि विपरीत परिस्थितियों के बावजूद हम विधानसभा चुनाव नहीं हारे। उन्होंने कहा कि मेरी किसी से दुश्मनी नहीं है। समाजवादी पार्टी के हरेंद्र मलिक से भी मुलाकात होगी तो उनसे हाथ मिला लूंगा। मेरी सभी से दोस्ती है। रही बात हार की तो इसका मुख्य कारण हिंदू मतदाताओं का किसी कारण से कम निकलना और बंट जाना है। संगीत सोम की प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक प्रेस नोट बांटा गया। बाद में संगीत ने कहा कि ये प्रेस नोट हमारे नहीं हैं। जिसने भी इन्हें बांटा है, उसका पता लगाया जाएगा। मैं केस दर्ज करवाऊंगा। प्रेस नोट में संजीव बालियान पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे।

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चुनाव हारने में कुछ जयचंद भी शामिल- संजीव बालियान
मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से दो बार चुने गए संजीव बालियान ने अपनी हार के कारण बताए थे। उन्होंने कहा था कि मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण, हिंदू जातियों में विभाजन और मतदान प्रतिशत में गिरावट के कारण मेरी हार हुई। इसके साथ ही संजीव बालियान ने भीतरघात की बात भी कही। बालियान ने कहा कि चुनाव में हार में कुछ जयचंदों का भी हाथ था, इन लोगों ने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार को चुनाव लड़ाया, पार्टी को इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
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