मेरठ: दारोगा की नौकरी दिलाने के नाम पर 5 लाख की ठगी, फर्जी नियुक्ति पत्र देकर किया गुमराह
2020 में नौकरी का झांसा देकर लिए थे रुपये, जांच में फर्जी निकला नियुक्ति पत्र, अब कंकरखेड़ा थाने में केस दर्ज
Apr 9, 2025, 14:00 IST
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मेरठ: कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र में पुलिस विभाग में दारोगा (Sub-Inspector) के पद पर भर्ती कराने का झांसा देकर एक युवक से पांच लाख रुपये ठगने का मामला सामने आया है। आरोपियों ने पीड़ित को एक फर्जी नियुक्ति पत्र भी थमा दिया था। यह मामला वर्ष 2020 का है, लेकिन अब पीड़ित की मां की शिकायत पर 7 अप्रैल को कंकरखेड़ा थाने में एक दंपती समेत तीन लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है।READ ALSO:-बिजनौर: बजरंग दल के नेता की हत्या, पिता, सौतेली मां और भाई गिरफ्तार, जमीन दान करने पर हुआ विवाद
क्या है पूरा मामला?
कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र के गणपति विहार गली-पांच में रहने वाली अंशु शर्मा ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि उनके बेटे शिवी शर्मा की जान पहचान गांव पबरसा निवासी राहुल और रोशनपुर डोरली निवासी शुभम से थी। वर्ष 2020 में राहुल और शुभम ने शिवी को नंगलाताशी निवासी रेशुल बावरा और गांव छुर निवासी अंकित कुमार उर्फ दिवेश से मिलवाया।
रेशुल बावरा ने शिवी को पुलिस विभाग में दारोगा के पद पर सीधी भर्ती कराने का दावा किया। इसके एवज में उसने 16 लाख रुपये की मांग रखी। सौदा तय हुआ कि पांच लाख रुपये काम होने से पहले देने होंगे।
ऐसे दिए गए रुपये:
शिवी ने आरोपियों के झांसे में आकर 4 लाख 20 हजार रुपये रेशुल बावरा, उसकी पत्नी निधि चौहान, राहुल कुमार और शुभम के बैंक खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर किए। इसके अलावा 65 हजार रुपये राहुल को नकद दिए गए। इस तरह कुल करीब पांच लाख रुपये आरोपियों को दे दिए गए।
फर्जी निकला नियुक्ति पत्र:
कुछ दिनों बाद, आरोपियों ने शिवी को एक नियुक्ति पत्र दिया और बकाया रकम की मांग की। जब शिवी ने इस नियुक्ति पत्र की जांच कराई, तो वह पूरी तरह से फर्जी निकला। इसके बाद शिवी और उसके परिवार ने आरोपियों से अपने पैसे वापस मांगे, लेकिन वे लगातार टालमटोल करते रहे।
जांच और मुकदमा:
पीड़ित की मां अंशु शर्मा ने पुलिस के आला अधिकारियों से शिकायत कर कार्रवाई की गुहार लगाई। सीओ (दौराला) ने मामले की जांच की, जिसमें शिवी द्वारा लगाए गए आरोप सही पाए गए। जांच के दौरान आरोपियों ने सीओ दौराला के दफ्तर में रुपये अपने खातों में आने की बात स्वीकार की और वहीं पर एक लाख रुपये नकद वापस भी किए। बाकी बची रकम के लिए उन्होंने एक चेक दिया।
जब पीड़ित ने बैंक में यह चेक जमा किया, तो वह बाउंस हो गया। दोबारा पैसे मांगने पर आरोपियों ने पीड़ित परिवार को अंजाम भुगतने की धमकी देना शुरू कर दिया।
कप्तान के निर्देश पर कार्रवाई:
आखिरकार, पुलिस कप्तान (SSP) के निर्देश पर 7 अप्रैल को कंकरखेड़ा थाने में आरोपी रेशुल बावरा, उसकी पत्नी निधि चौहान और अंकित उर्फ दिवेश के खिलाफ धोखाधड़ी और अन्य संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इंस्पेक्टर कंकरखेड़ा विनय कुमार ने बताया कि मामले की विवेचना की जा रही है और आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
