लखनऊ-आगरा, नोएडा नहीं, उत्तर प्रदेश के मेरठ में बनेगी पहली ग्रीन रोड, पैदल यात्रियों और साइकिल सवारों के लिए भी बनाया जाएगा विशेष मार्ग
उत्तर प्रदेश की पहली ग्रीन रोड को हरी झंडी मिल गई है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि यह ग्रीन रोड राजधानी लखनऊ में नहीं बल्कि मेरठ शहर में बनेगी।
Updated: Sep 3, 2024, 11:56 IST
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उत्तर प्रदेश में पहली ग्रीन रोड परियोजना को मंजूरी मिल गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में इस महत्वाकांक्षी योजना का खाका तैयार कर लिया गया है, जो प्रदेश की पहली ऐसी सड़क होगी, जहां कार, बाइक, साइकिल और पैदल चलने वालों के लिए खास रास्ता बनाया जाएगा। इस ग्रीन रोड का निर्माण "मुख्यमंत्री ग्रीन रोड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट योजना" के तहत किया जाएगा। खास बात यह है कि यह सड़क राजधानी लखनऊ में नहीं, बल्कि सैकड़ों किलोमीटर दूर मेरठ में बनेगी।READ ALSO:-मेरठ : JE की बेटी के अपहरणकर्ताओं का एनकाउंटर, पुलिस से मुठभेड़ में 2 को लगी गोली; नौकरी से निकाले जाने पर ड्राइवर ने रची थी साजिश
मेरठ में बनेगी पहली ग्रीन रोड
उत्तर प्रदेश की शहरी सड़क अवसंरचना विकास एजेंसी ने इस परियोजना के लिए मेरठ शहर का चयन किया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के औद्योगिक शहर मेरठ में 2.15 किलोमीटर लंबी ग्रीन रोड बनाई जाएगी। यह प्रदेश की पहली ऐसी सड़क होगी, जिसे वाहन चालकों के साथ-साथ साइकिल सवारों और पैदल चलने वालों के लिए भी सुरक्षित बनाया जाएगा। इस परियोजना की लागत करीब 40 करोड़ रुपये होगी और इसे जून 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यह सड़क गांधी आश्रम से तेजगढ़ी के बीच बनेगी।
उत्तर प्रदेश की शहरी सड़क अवसंरचना विकास एजेंसी ने इस परियोजना के लिए मेरठ शहर का चयन किया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के औद्योगिक शहर मेरठ में 2.15 किलोमीटर लंबी ग्रीन रोड बनाई जाएगी। यह प्रदेश की पहली ऐसी सड़क होगी, जिसे वाहन चालकों के साथ-साथ साइकिल सवारों और पैदल चलने वालों के लिए भी सुरक्षित बनाया जाएगा। इस परियोजना की लागत करीब 40 करोड़ रुपये होगी और इसे जून 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यह सड़क गांधी आश्रम से तेजगढ़ी के बीच बनेगी।
14 अन्य शहरों में भी बनेंगी ग्रीन रोड
मेरठ में ग्रीन रोड प्रोजेक्ट की शुरुआत के साथ ही प्रदेश के 14 अन्य शहरों में भी इसी तरह की सड़कें बनाने का काम शुरू हो जाएगा। इन शहरों में लखनऊ भी शामिल है। संबंधित एजेंसी जल्द ही इन शहरों का चयन करेगी और सभी शहरों में सड़कों का निर्माण जून 2026 तक पूरा करने की योजना है। रखरखाव की जिम्मेदारी सड़कों के रखरखाव की जिम्मेदारी उनकी चौड़ाई के हिसाब से तय होती है। अगर सड़क की चौड़ाई 45 मीटर से ज्यादा है तो उसका निर्माण और रखरखाव लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को सौंपा जाता है। 10 मीटर से कम चौड़ाई वाली सड़कों का निर्माण "सीएम नगर सृजन योजना" या "पंडित दीनदयाल शहरी विकास योजना" के तहत किया जाता है।
मेरठ में ग्रीन रोड प्रोजेक्ट की शुरुआत के साथ ही प्रदेश के 14 अन्य शहरों में भी इसी तरह की सड़कें बनाने का काम शुरू हो जाएगा। इन शहरों में लखनऊ भी शामिल है। संबंधित एजेंसी जल्द ही इन शहरों का चयन करेगी और सभी शहरों में सड़कों का निर्माण जून 2026 तक पूरा करने की योजना है। रखरखाव की जिम्मेदारी सड़कों के रखरखाव की जिम्मेदारी उनकी चौड़ाई के हिसाब से तय होती है। अगर सड़क की चौड़ाई 45 मीटर से ज्यादा है तो उसका निर्माण और रखरखाव लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को सौंपा जाता है। 10 मीटर से कम चौड़ाई वाली सड़कों का निर्माण "सीएम नगर सृजन योजना" या "पंडित दीनदयाल शहरी विकास योजना" के तहत किया जाता है।
10 से 45 मीटर चौड़ाई वाली सड़कों का निर्माण "सीएम ग्रीन रोड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट योजना" के तहत किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के जरिए राज्य सरकार न सिर्फ परिवहन सुविधाओं को बेहतर बनाएगी बल्कि पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा देगी। ग्रीन रोड परियोजना से उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों में यातायात व्यवस्था में सुधार होगा और हरियाली को बढ़ावा मिलेगा, जिससे राज्य में रहने वाले लोगों को बेहतर और सुरक्षित यातायात का अनुभव मिलेगा।
कहां से कहां तक बनेगी सड़क
यह सड़क गांधी आश्रम से तेज गढ़ी के बीच बनाई जाएगी. मामले से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि इस सड़क को 2 साल के भीतर तैयार कर लिया जाएगा. मेरठ अथॉरिटी के डिप्टी सीईओ अरविंद कुमार जैन का कहना है कि इस सड़क को जून, 2026 तक तैयार कर लिया जाएगा. यह पहली ऐसी सड़क होगी सभी तरह के राहगीरों को सुविधा उपलब्ध कराएगी.