कांवड़ यात्रा: हाईवे हुआ भगवा, नाचते-गाते भोले की भक्ति में लीन शिवालयों की ओर बढ़ रहे कांवड़िये, दर्शनों के लिए उमड़े श्रद्धालु

 कांवर यात्रा अपने अंतिम पड़ाव पर है। 15 जुलाई को शिवरात्रि पर शिवभक्त भगवान भोलेनाथ का गंगाजल से जलाभिषेक करेंगे। सभी कांवरियों को शिवरात्रि से पहले अपने मंदिर पहुंचना होगा. आस्था और भक्ति के इस सफर में कई खूबसूरत रंग हैं। 
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KANWAD YATRA
आस्था, विश्वास और भोले की भक्ति में डूबे कांवरिये लगातार आगे बढ़ रहे हैं. 15 जुलाई को शिवरात्रि का त्योहार है और हाईवे पर कांवरियों की संख्या बढ़ने लगी है। हरिद्वार से गंगाजल लेकर कांवड़ियों के कदम मंदिरों की ओर बढ़ रहे हैं। हाईवे पर दूर-दूर तक झांकियों के साथ रंग-बिरंगी और मनमोहक कांवर दिखाई दे रही है। इस समय हाईवे पूरी तरह से भगवा रंग में डूबा हुआ है। 

 Kanwar Yatra: The highway became saffron, the kanwariyas moving towards the pagodas dancing and singing

15 जुलाई को शिवरात्रि पर शिवभक्त भगवान भोलेनाथ का गंगाजल से जलाभिषेक करेंगे। सभी कांवरियों को शिवरात्रि से पहले अपने मंदिर पहुंचना होगा। आस्था और भक्ति के इस सफर में कई खूबसूरत रंग हैं। 

 Kanwar Yatra: The highway became saffron, the kanwariyas moving towards the pagodas dancing and singing

जिस नीलकंठ ने मां गंगा को जटाओं पर और शीतल चंद्रमा को भाल पर उठाया है। शिवभक्त अपने भोलेनाथ को कंधे पर उठाए चल रहे हैं। बाबा के भक्तों ने अपने पैरों के छालों की परवाह किए बिना कई रूप धारण किए हैं। किसी बाबा के गण नंदी बनकर चल रहे हैं तो किसी ने रावण का रूप धारण कर लिया है। ख्वाहिशों को ध्यान में रखते हुए ये सफर खुशहाली के आखिरी पड़ाव पर है। READ ALSO:-Sim Card Swapping Alert: सावधान रहे सिम कार्ड स्वैप से, नहीं तो आपके साथ भी हो सकता है फ्रॉड, जानिए कैसे

आस्था और श्रृद्धा के साथ देशभक्ति का प्रतीक भी है कांवड़ यात्रा। 

नोएडा से आए 50 कांवरियों के जत्थे ने सोमनाथ मंदिर की झांकी सजाकर कांवर उठाई है. युवा और बुजुर्ग कांवरियों का यह जत्था लगातार चल रहा है। समूह के साथ एक डीजे, वैन, ट्रैक्टर और एक छोटा हाथी है। आगे सोमनाथ मंदिर की झांकी है। पीछे शिवशंकर, गौरा, काली माता की नृत्य करती हुई झांकी है। साथ ही एक डीजे भी है। कांवर लेकर चल रहे गुरु दिनेश बताते हैं कि यह हमारी पांचवीं कांवर है। इससे पहले वे राम मंदिर, वैष्णोदेवी, काशी मंदिर की कांवड़ ला चुके हैं। इस बार कावंड़ तैयार करने में 15 लाख रुपये का खर्च आया है। यह सोमनाथ मंदिर पूरे एक महीने में बनकर तैयार हुआ है। अगले वर्ष बाबा चाहेंगे तो अमरनाथ की झांकी बनाकर कांवड लाएंगे। कहा जाता है कि उन्हें सिर्फ बाबा पर आस्था है, इसलिए वे कांवर लेकर आते हैं। 

 कांवड़ में कुर्सी पर विराजे बाबा भोलेनाथ, बाबा के साथ आस्था की सेल्फी

1 महीने में तैयार हुई सोमनाथ मंदिर की झांकी कांवर
शिवरात्रि का पर्व नजदीक आते ही हाईवे पर शिवभक्तों की भीड़ उमड़ने लगी है। हाईवे पर दूर-दूर तक कांवडि़ए ही नजर आ रहे हैं। बारिश और धूप की परवाह किए बिना शिव भजनों पर नाचते हुए कांवरिये भोले की भक्ति में लीन होकर आगे बढ़ रहे हैं। गुरुवार को एनएच-58 शिव के उद्घोष से गूंज उठा। वहीं, शिवरात्रि नजदीक होने के कारण हाईवे पर डाक कांवर की संख्या बढ़ने लगी है। 

 परिवार के साथ कावंड़ लेकर लौट रहा नन्हा डॉगी

उधर, हरिद्वार से गंगाजल लेने के लिए मेरठ और आसपास के इलाकों से बड़ी संख्या में डाक कांवड़िये और शिवभक्त बाइक से हरिद्वार के लिए रवाना हुए। शिवभक्तों की सुरक्षा के लिए चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात है। कांवर सेवा शिविरों में कांवरियों के लिए भोजन से लेकर दवा तक की व्यवस्था की गयी है। 

 सोमनाथ मंदिर गुजरात की झांकी

एमएलसी हरिद्वार से दौराला पहुंचे
लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनने की मन्नत लेकर एमएलसी धर्मेंद्र भारद्वाज हरिद्वार से कांवड़ लेने आए। गुरुवार को वह कांवड़ लेकर दौराला में हाईवे पर पहुंचे। भाजपा नेताओं ने एमएलसी का स्वागत किया। एमएलसी ने सिवाया टोल प्लाजा पर भाजपा नेता पंडित सुनील भराला के कांवर सेवा शिविर में विश्राम किया। भारद्वाज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा तीसरी बार केंद्र में आई है, इसी मन्नत के साथ वह कांवड़ लेकर आए हैं।
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