गाजियाबाद : झाड़ियों में मिली नवजात बच्ची, गोद में लिया, दुलारा, प्यार किया, दारोगा जी ले आए घर, बोले नवरात्रि में दुर्गा मिली....

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के मसूरी थाना क्षेत्र के डासना इलाके में नवरात्रि के आठवें दिन लोग अपने घरों में छोटी बच्चियों को देवी का रूप मानकर उनकी पूजा कर रहे थे। उसी दिन इलाके के इनायतपुर गांव में झाड़ियों में कोई नवजात बच्ची को छोड़ गया। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और लावारिस बच्ची को अपने कब्जे में ले लिया। वहीं, एक पुलिस इंस्पेक्टर ने इस लावारिस बच्ची को गोद ले लिया।
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उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के मसूरी थाना क्षेत्र के डासना इलाके में नवरात्रि के आठवें दिन जब लोग अपने घरों में छोटी बच्चियों को देवी का रूप मानकर उनकी पूजा कर रहे थे, उसी दिन क्षेत्र के इनायतपुर गांव में झाड़ियों में कोई नवजात बच्ची को छोड़ गया। लोगों ने लावारिस बच्ची के रोने की आवाज सुनी। माना जा रहा है कि लोक लाज के चलते एक मां ने इस नवजात को झाड़ियों में फेंक दिया और चली गई। जब नवजात बच्ची रोने लगी तो वहां से गुजर रहे लोगों ने उसके रोने की आवाज सुनी और पास जाकर देखा तो लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। READ ALSO:-बिजनौर : कब्र से खोदकर चुराया सिर, डर से मुंबई जाकर समुद्र में फेंका, सट्टे में पैसे जीतने के लिए कब्र पर तंत्र क्रिया

 

सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और लावारिस बच्ची को अपने कब्जे में ले लिया। लेकिन इस लावारिस बच्ची को एक पुलिसकर्मी ने गोद ले लिया। जानकारी के मुताबिक पुलिसकर्मी को शादी के कई साल बाद भी कोई संतान नहीं हुई।

 

झाड़ियों से बच्ची को बरामद करने पहुंची पुलिस टीम में इलाके के चौकी इंचार्ज पुष्पेंद्र भी शामिल थे, जिन्होंने बच्ची को देखते ही गोद लेने का मन बना लिया था, लेकिन इसके लिए उनकी पत्नी की इजाजत भी जरूरी थी। इसके लिए उन्होंने पहले अपनी पत्नी को फोन किया और फिर बच्ची के बारे में जानकारी दी। उन्होंने अपनी पत्नी से पूछा कि क्या हम इस बच्ची को गोद ले सकते हैं?

 

बच्ची को देखते ही बनाया मन
सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस की चीम में शामिल इलाके के चौकी इंचार्ज पुष्पेंद्र सिंह ने बच्ची को देखते ही अपनाने के मन बना लिया था. जिसके लिए उन्होंने अपनी पत्नी को फोन करके इसकी जानकारी दी. जब दारोगी साबह ने अपनी पत्नी से बच्ची को अपनाने की बात कही तो पत्नी ने जवाब दिया कि नवरात्रि के समय अगर घर में कन्या आए तो भला इससे अच्छा और क्या हो सकता है.

 

सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने लावारिस हालत में मिली बच्ची को अपने कब्जे में ले लिया. लेकिन वहां के दारोगा ने दरियादिली दिखाते हुए इस लावारिस बच्ची को अपना लिया. जानकारी के मुताबिक पुलिसकर्मी शादीशुदा है. लेकिन शादी के कई सालों के बाद भी उसकी कोई संतान नहीं है. 

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कानूनी प्रक्रिया अभी पूरी होनी है
हालांकि चौकी इंचार्ज ने उस नवजात लावारिस बच्ची को पिता के तौर पर गोद ले लिया है, लेकिन उसे कानूनी तौर पर गोद लिया जाना अभी बाकी है, जिसके लिए उन्होंने कवायद भी शुरू कर दी है। लावारिस बच्ची को गोद लेने की सभी कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही पुष्पेंद्र इस नवजात बच्ची को कानूनी तौर पर अपनी बेटी बनाएंगे। हालांकि अभी कई कानूनी शर्तें पूरी होनी बाकी हैं। वहीं, मासूम बच्ची को पाकर पुष्पेंद्र की पत्नी और परिवार के सभी लोग बेहद खुश हैं।
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