नगीना लोकसभा सीट: चंद्र शेखर बड़े-बड़े दिग्गजों से आगे! रावण ने दिलचस्प किया UP के नगीना का मुकाबला, 1.25 लाख वोटों से आगे
नगीना बिजनौर जिले की एक तहसील का हिस्सा है, इस लोकसभा सीट का निर्माण वर्ष 2009 में हुआ था। इस लोकसभा सीट का इतिहास रहा है कि यहां से कोई भी पार्टी दोबारा चुनाव नहीं जीत पाई है।
Jun 4, 2024, 16:00 IST
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भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर रावण को नगीना सीट से बड़ी जीत मिलने वाली है। अब तक सामने आए रुझानों में चंद्रशेखर रावण एक लाख से ज्यादा वोटों से आगे चल रहे हैं और बहुत बड़ी जीत की ओर बढ़ रहे हैं। खबर लिखे जाने तक वह एक लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से पहले नंबर पर थे।READALSO:-लखनऊ चुनाव परिणाम 2024: लखनऊ में समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच मारपीट, वीडियो वायरल
नगीना में पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान हुआ था, यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद के मैदान में उतरने के बाद यह सीट चर्चा में थी। भारतीय जनता पार्टी ने ओम कुमार, समाजवादी पार्टी ने मनोज कुमार और बसपा ने सुरेंद्र पाल सिंह को मैदान में उतारा था।
आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर भीम आर्मी के सह-संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं। चंद्रशेखर का जन्म दिसंबर 1986 में उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के छुटमलपुर कस्बे में हुआ था। उनके पिता का नाम गोवर्धन दास और मां कमलेश देवी थीं। राजनीति में सक्रिय होने के बाद वे खुद को दलितों का नेता बताते हैं और दलित आइकॉन के तौर पर लोगों के बीच अपनी पहचान बना चुके हैं। यह पहला मौका है जब चंद्रशेखर की पार्टी ने लोकसभा चुनाव लड़ा है, चंद्रशेखर खुद भी पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं।
रावण ने नगीना के मुकाबले को रोचक बनाया
नगीना लोकसभा सीट बिजनौर जिले की एक तहसील का हिस्सा है। यह लोकसभा सीट वर्ष 2008 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई थी। आंकड़ों के मुताबिक नगीना में करीब 15 लाख मतदाता हैं, जिनमें से ज्यादातर दलित और मुस्लिम हैं। जब चंद्रशेखर मैदान में उतरे तो दलित और मुस्लिम मतदाता बंट गए।
नगीना लोकसभा सीट बिजनौर जिले की एक तहसील का हिस्सा है। यह लोकसभा सीट वर्ष 2008 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई थी। आंकड़ों के मुताबिक नगीना में करीब 15 लाख मतदाता हैं, जिनमें से ज्यादातर दलित और मुस्लिम हैं। जब चंद्रशेखर मैदान में उतरे तो दलित और मुस्लिम मतदाता बंट गए।
यहां कोई उम्मीदवार दोबारा नहीं जीता
वर्ष 2009 के बाद से इस सीट पर कोई भी पार्टी लगातार दो बार चुनाव नहीं जीत पाई है। वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के यशवीर सिंह, वर्ष 2014 के चुनाव में भाजपा के यशवंत सिंह और वर्ष 2019 के आम चुनाव में बसपा के टिकट पर गिरीश चंद्र जीते थे और अब आजाद समाज पार्टी से चंद्रशेखर रावण जीतते दिखाई दे रहे हैं।
वर्ष 2009 के बाद से इस सीट पर कोई भी पार्टी लगातार दो बार चुनाव नहीं जीत पाई है। वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के यशवीर सिंह, वर्ष 2014 के चुनाव में भाजपा के यशवंत सिंह और वर्ष 2019 के आम चुनाव में बसपा के टिकट पर गिरीश चंद्र जीते थे और अब आजाद समाज पार्टी से चंद्रशेखर रावण जीतते दिखाई दे रहे हैं।