बिजनौर : खेतों में सूरज की रोशनी से बिजली बनाकर किसान बनेंगे मालामाल; प्रधानमंत्री कुसुम सी योजना से जुड़ेंगे किसान
इलेक्ट्रिक पंखा, प्रेस, कूलर, एसी और हीटर की सेल बढ़ने के साथ ही बिजली की खपत भी बढ़ रही है। बिजली की खपत बढ़ने से बिजली आपूर्ति केंद्रों पर भी ओवरलोडिंग हो रही है। इसका खामियाजा आमजन को बिजली कटौती, फाल्ट और ट्रिपिंग के रूप में भुगतना पड़ रहा है। प्रधानमंत्री कुसुम सी योजना के तहत बिजनौर के किसान सोलर प्लांट के लिए आवेदन कर रहे हैं। अब तक तीन आवेदन प्राप्त हुए हैं।
Aug 29, 2024, 15:13 IST
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जल्द ही किसान अपने खेतों में भी निगम के लिए बिजली बनाते नजर आएंगे। सोलर प्लांट के लिए तीन किसानों ने आवेदन किया है। जिले में 3.5 मेगावाट के सोलर पावर प्लांट लगाए जा सकेंगे। किसान अपने खेतों में बिजली बनाकर यूपीपीसीएल को बेचकर पैसा कमाएंगे। इससे ग्रिड पर लोड कम होगा। READ ALSO:-बिजनौर: आखिरकार पिंजरे में कैद हुआ खूंखार तेंदुआ, दो महिलाओं और एक पुरुष को मार चुका था, कई को कर चुका था घायल, इलाके में मची थी दहशत
बिजली की जरूरत तो कम नहीं की जा सकती, लेकिन ग्रिड की जगह सोलर पावर अपनाकर ग्रिड की खपत कम की जा सकती है। केंद्र व राज्य सरकार की ओर से पहले से ही नलकूप चलाने के लिए सब्सिडी दी जा रही है और सोलर पंप लगाए जा रहे हैं। फिलहाल सूर्या योजना के तहत घरों में सोलर पैनल लगाने पर सब्सिडी दी जा रही है।
प्रधानमंत्री कुसुम सी योजना के तहत 41 कृषि फीडरों को सोलर पावर प्लांट से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया था। इस योजना के तहत तीन किसानों ने अपने खेतों में बिजली प्लांट बनवाने के लिए आवेदन किया है, जबकि कुछ अन्य किसान नेडा विभाग के संपर्क में भी हैं। स्याऊ, फुलसुंडा व कंभौर में सोलर पावर प्लांट बनवाने के लिए आवेदन प्राप्त हुए हैं। स्याऊ में डेढ़ मेगावाट और अन्य दो गांवों में एक मेगावाट का सोलर पावर प्लांट बनाया जा सकता है।
इन गांवों को किया गया चिन्हित
अफजलगढ़ में अफजलगढ़, भिक्कावाला, मानियावाला, वीरभानवाला; स्योहारा में पालनपुर, ताजपुर, थाटजट, उमरपुर खादर; नजीबाबाद में भागूवाला, बड़िया, चंदक, सौफतपुर, तैमूरपुर, तिसोतरा, हल्दौर ब्लॉक में कंभौर, झाल्हू, नांगलजट, सिकंदरी, हल्दौर, कादरपुर, उलेढ़ा; देवमल ब्लॉक में फाजलपुर, गजरौलाशिव, उमरपुर मीरा, मंडावर, स्वाहेड़ी; जलीलपुर में ककराला, मुस्तफाबाद, पीपलसाना, मसीत, स्याऊ, अलाउद्दीनपुर; नूरपुर में नूरपुर, पैजानियां, फीना, रेहटा बिल्लोच; कोतवाली में कल्याणपुर, अकबराबाद, फुलसंदा; नहटौर में बसावनपुर, कादीपुरा को चुना गया है।
अफजलगढ़ में अफजलगढ़, भिक्कावाला, मानियावाला, वीरभानवाला; स्योहारा में पालनपुर, ताजपुर, थाटजट, उमरपुर खादर; नजीबाबाद में भागूवाला, बड़िया, चंदक, सौफतपुर, तैमूरपुर, तिसोतरा, हल्दौर ब्लॉक में कंभौर, झाल्हू, नांगलजट, सिकंदरी, हल्दौर, कादरपुर, उलेढ़ा; देवमल ब्लॉक में फाजलपुर, गजरौलाशिव, उमरपुर मीरा, मंडावर, स्वाहेड़ी; जलीलपुर में ककराला, मुस्तफाबाद, पीपलसाना, मसीत, स्याऊ, अलाउद्दीनपुर; नूरपुर में नूरपुर, पैजानियां, फीना, रेहटा बिल्लोच; कोतवाली में कल्याणपुर, अकबराबाद, फुलसंदा; नहटौर में बसावनपुर, कादीपुरा को चुना गया है।
साढ़े तीन हजार घरों को दी जा सकेगी बिजली
एक मेगावाट का सोलर प्लांट एक दिन में चार हजार यूनिट तक बिजली पैदा कर सकता है। अगर चार किलोवाट वाले घरों में बिजली आपूर्ति करनी है तो साढ़े तीन मेगावाट का सोलर प्लांट एक दिन में साढ़े तीन हजार घरों को बिजली दे सकता है। एक मेगावाट का सोलर प्लांट लगाने के लिए करीब चार एकड़ जमीन की जरूरत होती है। किसान चाहें तो सोलर प्लांट लगाने के लिए किसी भी कंपनी को जमीन लीज पर दे सकते हैं। एक सोलर प्लांट 25 साल तक काम करेगा।
एक मेगावाट का सोलर प्लांट एक दिन में चार हजार यूनिट तक बिजली पैदा कर सकता है। अगर चार किलोवाट वाले घरों में बिजली आपूर्ति करनी है तो साढ़े तीन मेगावाट का सोलर प्लांट एक दिन में साढ़े तीन हजार घरों को बिजली दे सकता है। एक मेगावाट का सोलर प्लांट लगाने के लिए करीब चार एकड़ जमीन की जरूरत होती है। किसान चाहें तो सोलर प्लांट लगाने के लिए किसी भी कंपनी को जमीन लीज पर दे सकते हैं। एक सोलर प्लांट 25 साल तक काम करेगा।
यह है लागत और आय- अगर प्रस्ताव एक मेगावाट का है तो:-
- परियोजना लागत, 4.50 करोड़
- केंद्र सरकार की सब्सिडी, 1.05 करोड़
- राज्य सरकार की सब्सिडी, 50 लाख
- किसानों की लागत, 2.95 करोड़
- प्रति वर्ष रखरखाव लागत, 03 लाख
- यूपीपीसीएल द्वारा बिजली खरीद दर, 3.10 प्रति यूनिट
तीन किसानों ने सोलर प्लांट लगाने के लिए आवेदन किया है। कुछ और किसान भी संपर्क में हैं। सोलर प्लांट से किसानों को लाभ मिलेगा। पूर्ण बोरा, सीडीओ