बिजनौर : स्योहारा में केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो ने यूनानी मेडिकल स्टोर पर मारा छापा, बड़ा खेल हुआ उजागर....

उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के स्योहारा में एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। नारकोटिक्स ब्यूरो लखनऊ की टीम ने शहर की एक दवा की दुकान पर औचक छापेमारी की। इस दौरान टीम ने देर शाम तक दवाओं की गहनता से जांच की और बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया। मेडिकल स्टोर से प्रतिबंधित दवाओं का भारी जखीरा बरामद हुआ।
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SEOHARA
उत्तर प्रदेश के बिजनौर के धामपुर क्षेत्र के स्योहारा में नशीली दवाएं बेचने के मामले में नारकोटिक्स ब्यूरो लखनऊ की टीम ने शुक्रवार शाम जुमेरात बाजार स्थित मशहूर वंश मेडिकल स्टोर पर छापा मारा। केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो टीम लखनऊ ने छापा मारा। टीम में आठ सदस्य शामिल थे। टीम दवाओं की जांच कर उनकी सूची बनाती रही। READ ALSO:-बिजनौर : प्रशासन ने वक्फ बोर्ड की 13 दुकानें की सील, नक्शा स्वीकृत न कराने पर की कार्रवाई, दुकानें सील होने से दुकान स्वामियों में मचा हड़कम्प

 

टीम ने दवाओं के साथ लैपटॉप आदि भी जब्त किए। करीब छह घंटे तक चली कार्रवाई के बाद टीम ने भारी मात्रा में दवाएं जब्त कर मेडिकल स्टोर संचालक को भी अपने साथ ले गई। मामला नशीली दवाओं से जुड़ा बताया जा रहा है।

 

मेडिकल स्टोर पर नारकोटिक्स ब्यूरो का छापा
शुक्रवार शाम करीब तीन बजे केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो लखनऊ के अधीक्षक संजय कुमार सिंह के नेतृत्व में आठ सदस्यीय टीम स्योहारा पहुंची। यहां टीम ने शहर के जुमेरात बाजार स्थित वंश मेडिकल स्टोर पर छापा मारा। 

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टीम को शिकायत मिली थी कि इस दुकान पर भारी मात्रा में नशीली दवाएं बेची जाती हैं। छापेमारी के दौरान टीम ने दुकान का शटर बंद कर दिया। रात 10 बजे तक कार्रवाई करने के बाद टीम ने प्रतिबंधित दवाओं के साथ आरोपी को हिरासत में ले लिया। 

 

बताया जा रहा है कि टीम ने दुकान से भारी मात्रा में दवाइयां जब्त की हैं। जब्त दवाओं को अपने साथ ले जाने के लिए आसपास की दुकानों से कई खाली बोरे और गत्ते के डिब्बे लाए गए। टीम में अधीक्षक, इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर समेत आधा दर्जन से अधिक अधिकारी शामिल हैं। 

 

टीम के एक सदस्य ने बताया कि भारी मात्रा में नशीली और अंग्रेजी दवाएं मिली हैं। कार्रवाई पूरी होने में सात-आठ घंटे से अधिक का समय लगेगा। उसके बाद जब्त सभी दवाओं और आरोपी मेडिकल मालिक को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा। देर रात तक टीम दुकान का शटर बंद कर कार्रवाई में जुटी रही। 

 

मेडिकल स्टोर के पास नहीं था लाइसेंस 
अधीक्षक ने बताया कि अगर ऐसी दवाएं बिल पर खरीदी जाएं तो उनकी कीमत करीब पचास हजार होगी। लेकिन ये लोग इन दवाओं को बिना बिल के करीब पांच गुना रेट पर बेचते हैं। अंग्रेजी दवाएं बेचने के लिए मेडिकल लाइसेंस बनवाना पड़ता है लेकिन इस मेडिकल स्टोर के पास लाइसेंस नहीं था। जबकि मेडिकल स्टोर के बाहर आयुर्वेदिक और यूनानी दवाएं बेचने से संबंधित सूचना लिखी हुई थी। एक साल पहले भी तीन जिलों के डीआई ने छापेमारी कर नशीली दवाएं बरामद की थीं

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शिवाजी मार्केट स्थित विजय मेडिकल स्टोर के नाम से दो शटर दुकानें थीं। एक मेडिकल स्टोर अंग्रेजी दवाओं का था और दूसरा आयुर्वेदिक दवाओं का। एक साल पहले बिजनौर, अमरोहा और मुरादाबाद की टीम ने छापेमारी कर भारी मात्रा में नशीली दवाएं और इंजेक्शन बरामद किए थे।

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जिसके बाद मेडिकल स्टोर का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया था। इसके बाद मेडिकल मालिक ने जुमेरात बाजार में आयुर्वेदिक और यूनानी डिस्पेंसरी के नाम से मेडिकल स्टोर की दुकान खोल ली। लेकिन इस दुकान पर भी नशीली दवाएं, नशीली इंजेक्शन और अंग्रेजी दवाएं मिलती थीं।
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