ये है सड़क पर जलने वाले इन रिफलेक्टर्स का राज? सोचा था आपने नहीं, तो पढ़िए
रात में सड़क पर जलने वाले इन रिफलेक्टर में बिजली कहां से आती है, जो पूरी रात जलते रहते हैं
Updated: Mar 8, 2022, 20:25 IST
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आप जब भी National Highway पर रात में सफर करते हैं तो आपने देखा होगा कि सड़के के किनारे रोड़ पर कुछ लाइट चमकती रहती है। कुछ-कुछ दूरी पर ये लाइट चमकती हुई दिखाई देती है। कुछ जगह तो आपकी गाड़ी की लाइट (Street Light) पर जलने पर ये लाइट दिखाई देती है, जबकि कुछ सड़क पर तो एलईडी की तरह हमेशा लाइट जलती रहती है या फिर ये लाइट ब्लिंक करती रहती हैं। ये लाइट रोड रिफलेक्टर्स (Road Reflectors) में जलती रहती है और उससे आपका सड़क पर गाड़ी चलाना आसान हो जाता है।
ऐसे में जानते हैं कि आखिर इन रोड रिफलेक्टर्स में लाइट कहां से आती है और ये बिना किसी इलेक्ट्रिसिटी कनेक्शन के जलते कैसे हैं। साथ ही सवाल ये भी है कि आखिर जब भी रात होती है तो ही ये लाइट जलती है, बल्कि दिन में ये नहीं जलती है तो आज जानते हैं कि आखिर ये खुद ही बंद या चालू कैसे हो जाती है। जानते हैं इन रिफलेक्टर्स के काम करने का तरीका, जिससे आप बहुत कुछ समझ पाएंगे…
किसमें चमकती है लाइट?
ये लाइट सड़क किनारे लगे रोड रिफ्लेक्टर्स में चमकती है, जिन्हें रोड स्टड भी कहा जाता है। ये दिखने में साइकिल के पेडल की तरह होते हैं और इन पर लाइट चमकती है। इनमें भी दो तरह के रिफलेक्टर्स सड़क पर दिखाई देते हैं, जिनमें एक को एक्टिव रिफलेक्टर्स और दूसरे को पेसिव रिफलेक्टर्स कहा जाता है। इसमें एक रिफेलक्टर्स में तो सिर्फ रेडियम की वजह से लाइट दिखाई देती है, जबकि एक में लाइट के लिए एलईडी लगी होती है। Read More.RBI ने लॉन्च किया ऐसा फीचर जिसे जान लोग हैरान, जाने इसके फ़ायदे
- जो पेसिव रिफलेक्टर्स होते हैं, वो रेडियम वाले रिफलेक्टर्स होते हैं। इन रिफलेक्टर्स में दोनों तरफ रेडियम की पट्टी लगी होती है और जब अंधेरे में इन पर वाहनों की लाइट पड़ती है तो ये चमकने लगते हैं और इससे लगता है कि इनमें लाइट जल रही है, लेकिन इनमें लाइट नहीं जलती है। ये बिना की किसी इलेक्ट्रिसिटी या तार के काम करते हैं।
- जो एक्टिव रिफलेक्टर्स होते हैं, वो लाइट से काम करते हैं। यानी इनमें लाइट के जरिए एलईडी जलती रहती है। ये एलईडी लाइट के जरिए जलती हैं और रात होने में खुद ही जलती है और दिन में बंद हो जाती है। ये रेडियम के आधार पर नहीं बल्कि एलईडी लाइट के जरिए रोशनी देती है।
लाइट कहां से आती है?
इन रिफलेक्टर्स में सौलर पैनल लगा होता है और एक बैटरी लगी होती है। इससे होता क्या है कि ये दिन में सौर ऊर्जा से चार्ज हो जाते हैं और रात में खुद ही जल जाते हैं। इसलिए इन्हें तार आदि की आवश्यकता नहीं होते हैं और ये लाइट जल जाती है। इसलिए ये कहा जा सकता है कि ये सौलर लाइट ही होती है, जो जमीन पर लगे होते हैं।
रात में कैसे जल जाती है?
अब सवाल ये है कि आखिर रात में इन्हें जलाता कौन है और सुबह होने पर इन्हें बंद कौन करता है। वैसे बता दें कि ऐसा कोई प्रोसेस नहीं होता है यानी इन्हें कोई भी व्यक्ति बंद नहीं करता है और ना ही इसे जलाता है। ये लाइट खुद ही ये काम करती है। दरअसल, इन लाइट में एक एलडीआर लगा होता है, जो सेंसर पर काम करता है। यह सेंसर जैसे ही रात होती है या फिर जैसे ही अंधेरा होता है तो खुद ही जल जाती है और दिन होने पर या उजाला होने पर खुद ही बंद हो जाती है। ऐसे में लाइट खुद ही बंद और चालू होती है। कई जगह ये सिस्टम रोड लाइट पर भी काम करता है