Maha Shivratri 2022: इस दिन है महाशिवरात्रि, यदि आप भी हैं शिवभक्त तो भूलकर न करें ये काम
जानिए Maha Shivratri के दिन शिव को खुश करने की विधि और 4 पहर की पूजा का सही समय
Updated: Feb 26, 2022, 20:14 IST
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Maha Shivratri 2022: सभी 12 महीनों में हर महीने मनाई जाने वाली मासिक शिवरात्रि में फाल्गुन मास की महाशिवरात्रि सबसे खास और मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाली शिवरात्रि होती है। हिंदू धर्म में भगवान शिव सबसे ज्यादा पूजे जाने वाले देवता है। भगवान शिव की पूजा-आराधना का विशेष महत्व होता है । इस साल महा शिवरात्रि 1 मार्च मंगलवार को प्रातः 3:16 बजे से प्रारंभ होगी। शिवरात्रि की तिथि दूसरे दिन यानि चतुर्दशी तिथि बुधवार 2 मार्च को प्रातः 10 बजे समाप्त होगी।
हर महीने मनाई जाती है शिवरात्रि
Maha Shivratri हिंदू धर्म का बड़ा त्योहार है। हिंदू पंचांग के अनुसार,फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। वैसे तो हर महीने मासिक शिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है, लेकिन साल के फाल्गुन माह में पड़ने वाली महाशिवरात्रि का विशेष महत्व होता है। इस दिन शिव के भक्त भोलेनाथ की विधि-विधान से पूजा और व्रत करते हैं। इस बार महाशिवरात्रि का व्रत एक मार्च, मंगलवार को रखा जाएगा। ऐसी मान्यता है कि इस पर्व पर जो शिव भक्त उपवास रहते हुए दिन भर शिव आराधना में लीन रहता है उसकी मनोकामनाएं जरूर पूरी होती हैं।
सभी 12 महीनों में हर महीने मनाई जाने वाली मासिक शिवरात्रि में फाल्गुन मास की महाशिवरात्रि (Maha Shivratri) सबसे खास और मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाली शिवरात्रि होती है। हिंदू धर्म में भगवान शिव सबसे ज्यादा पूजे जाने वाले देवता है। भगवान शिव की पूजा-आराधना का विशेष महत्व होता है। ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव जल्द प्रसन्न करने वाले देवता हैं। भोले बाबा मात्र पानी का लोटा जल चढ़ाने और कुछ बेलपत्र अर्पित करने से ही प्रसन्न हो जाते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं इस साल महाशिवरात्रि की तिथि,शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व आदि के बारे में। Read More.IRCTC Tatkal Ticket App: तत्काल टिकट के लिए डिज़ाइन किया गया एक अलग ऐप आईआरसीटीसी की वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है
महाशिवरात्रि 2022 पूजन का शुभ मुहूर्त
महाशिवरात्रि के त्योहार पर भगवान शिव की पूजा चार प्रहर में करने का विधान होता है। इस साल महा शिवरात्रि 1 मार्च मंगलवार को प्रातः 3:16 बजे से प्रारंभ होगी।शिवरात्रि की तिथि दूसरे दिन यानि चतुर्दशी तिथि बुधवार 2 मार्च को प्रातः 10 बजे समाप्त होगी।
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पहले पहर की पूजा-1 मार्च की शाम को 06 बजकर 21 मिनट रात के 9 बजकर 27 मिनट तक
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दूसरे पहर की पूजा-1 मार्च की रात्रि 9 बजकर 27 मिनट से रात्रि के 12 बजकर 33 मिनट तक
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तीसरे पहर की पूजा-1 मार्च की रात 12 बजकर 33 मिनट से सुबह 3 बजकर 39 मिनट तक
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चौथे पहर की पूजा-2 मार्च की सुबह 3 बजकर 39 मिनट से 6 बजकर 45 मिनट तक
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पारण का समय-2 मार्च सुबह 6 बजकर 45 मिनट के बाद पारण का समय है
महाशिवरात्रि के दिन की पूजन विधि
इस दिन सुबह जल्दी से उठकर स्नान करके पूजा का संकल्प लेते हुए पास के शिव मंदिर में जाएं। इसके बाद मन में भगवान शिव और माता पार्वती का स्मरण करते हुए उनका जलाभिषेकर करें। पूजा के दौरान शिव मंत्रों का जाप करें। महाशिवरात्रि के दिन सबसे पहले शिवलिंग में चन्दन के लेप लगाकर पंचामृत से शिवलिंग को स्नान कराएं। मिट्टी या तांबे के लोटे में पानी या दूध भरकर ऊपर से बेलपत्र, आक-धतूरे के फूल, चावल आदि जालकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। फिर इसके बाद दीपक और कपूर जलाएं। पूजा करते समय ‘ऊं नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें। शिव की पूजा करने के बाद गोबर के उपलों की अग्नि जलाकर तिल, चावल और घी की मिश्रित आहुति दें।
ॐ नमः शिवाय का करें जाप
महाशिवरात्रि के दिन शिवपुराण का पाठ और महामृत्युंजय मंत्र या शिव के पंचाक्षर मंत्र ॐ नमः शिवाय का जाप करना चाहिए। इसके साथ ही इस दिन रात्रि जागरण का भी विधान है। शास्त्रों के अनुसार, महाशिवरात्रि का पूजा निशील काल में करना उत्तम माना गया है।
महाशिवरात्रि के दिन क्या न करें-
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महाशिवरात्रि के दिन मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।
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महाशिवरात्रि के दिन देर रात तक नहीं सोना चाहिए।
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महाशिवरात्रि के दिन दाल, चावल या गेहूं से बना अन्न नहीं ग्रहण करना चाहिए।
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ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन काले वस्त्र धारण नहीं करने चाहिए।
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कहा जाता है कि इस दिन भगवान शिव को अर्पित प्रसाद नहीं खाना चाहिए।