दुर्लभ पैंगोलिन की तस्‍करी में STF के जवान समेत 15 गिरफ्तार, कीमत 4 करोड़; बनती हैं यौन उत्तेजना बढ़ाने वाली दवाएं

पैंगोलिन (Pangolin) का मास 27000 रुपए किलो तक बिकता है। पैंगोलिन की खाल और मांस से यौन उत्तेजना बढ़ाने वाली शक्तिवर्धक दवाएं  (traditional medicines in China) बनाई जाती है

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Smuggling of Pangolin
दुर्लभ वन जीवों की तस्करी (Smuggling of Rare Forest Animals) के मामले में बिजनौर की नगीना देहात पुलिस और स्वाट टीम को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने दुर्लभ प्रजाति के जीव पैंगोलिन  (Pangolin) को बरामद कर 15 तस्करों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक इनके कब्जे से बरामद दुर्लभ जीव पैंगालिन यौन उत्तेजना बढ़ाने वाली शक्तिवर्धक दवाइयां बनाने में इस्तेमाल होता है।

 

एसपी डॉ. धर्मवीर के मुताबिक आरोपियों को नगीना देहात थाना क्षेत्र के टांडा माईदास इलाके से गिरफ्तार किया गया है। वन विभाग की टीम को भी सूचना दे दी गई है। पुलिस ने बताया कि पकड़े गए आरोपी रसूखदार परिवारों से ताल्लुक रखते हैं, इस गैंग में STF का एक जवान भी है। गैंग में बिजनौर, मेरठ, हरियाणा और बिहार के लोग शामिल हैं। ये लोग पैगोलिन को तस्करी के जरिए विदेश भेजने की तैयारी कर रहे थे। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत चार करोड़ के आसपास बताई जा रही है। इनके गैंग के तीन लोग फरार हैं। Read Also : UP: हालात बिगड़े, केंद्र सरकार ने यूपी में भेजी फोर्स; प्रियंका-अखिलेश-शिवपाल समेत कई बड़े नेता अरेस्ट

 Pangolin Smuggler in police custoday

ये आरोपी पकड़े गए

  • मस्तान  निवासी नगीना देहात के गांव बन्नो वाला
  •  साबिर और फरुकान निवासी टांडा माई दास
  • मनोज कुमार निवासी गांव चौकपुरी
  • विकास निवासी  गांव अंगाखेड़ी
  • सुमित चौहान उर्फ पवन कुमार निवासी नजीबाबाद
  • राजेश कुमार निवासी हरियाणा जिला यमुनानगर  
  • दीपक निवासी मेरठ
  • बिहार के संदीप, बालेंद्र, मृत्युंजय, शंभू, आशीष, संतन राज  

क्या होता है पैंगोलिन

स्तनधारी जीवों की श्रेणी में आने वाला पैंगोलिन जीव सांप, छिपकली की तरह दिख्ता है। ये बेहद शर्मीले होते हैं और धरती पर लगभग 60 मिलियन सालों से पाए जाते हैं। ये चींटियां खाकर गुजारा करते हैं। पैंगोलिन की खाल और मांस से यौन उत्तेजना बढ़ाने वाली शक्तिवर्धक दवाएं  (traditional medicines in China) बनाई जाती है, यह दवा काफी महंगे दामों में बिकती है। जिसके चलते इसकी तस्करी होती है। इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (IUCN) के मुताबिक दुनियाभर के वन्‍य जीवों की अवैध तस्‍करी में अकेले 20 फीसदी तस्करी सिर्फ पैंगोलिन की होती है, यही वजह है कि पैंगोलिन विलुप्त जीवों की श्रेणी में शामिल हैं।

 

तस्करी कर कहां भेजे जाते हैं

तस्करी करके पैंगोलिन चीन और वियतनाम पहुंचाए जाते हैं, क्योंकि इन्हीं दोनों देशों में इससे सबसे ज्यादा दवाएं बनती हैं। हालांकि काफी विरोध के बाद साल 2020 के जून में चीन ने पैंगोलिन को अपनी पारंपरिक दवाओं की सामग्री की लिस्ट से हटाया, लेकिन इसके बावजूद इसकी तस्करी कम नहीं हुई है, क्योंकि यह अब भी चीन की pharmacopoeia की लिस्ट में है। pharmacopoeia चीनी दवाओं की सामग्री से जुड़ी ही एक अन्य लिस्ट है।


एक किलो की कीमत 27000 रुपए

शरीर पर कड़ी और सुनहरी-भूरी स्केल्स वाले पैंगोलिन के मांस की भी बेहद डिमांड है। लोग इसे खूब शौक से खाते हैं। यही कारण है कि पैंगोलिन का मास 27000 रुपए किलो तक बिकता है। चीन में इसे एग्जॉटिक जानवरों की श्रेणी में रखा गया है। यानि की सस्ते जीवों के मांस के साथ पैंगोलिन का मांस नहीं मिलता। इसे सिर्फ महंगे रेस्टोरेंट ही बेच या पका सकते हैं।

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