विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की वैश्विक अपील: शराब, तंबाकू और कोल्ड ड्रिंक के दाम 50% तक बढ़ाएं!

 "सेहत बचाइए, लत छोड़िए" —दुनिया भर की सरकारों को WHO का अल्टीमेटम — 50% कीमत बढ़ाकर लोगों की जान बचाओ!
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WHO
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने दुनिया भर की सरकारों से एक ऐसी अपील की है जो सीधे आपकी दिनचर्या और जेब पर असर डालेगी, लेकिन इसका मकसद आपकी सेहत को बेहतर बनाना है। WHO ने सिफारिश की है कि तंबाकू, शराब और मीठे पेय पदार्थों पर टैक्स को 50% तक बढ़ाया जाए, जिससे इन उत्पादों की कीमतें काफी बढ़ जाएंगी। यह कदम दुनिया भर में करोड़ों लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर उठाया गया है।READ ALSO:-कांवड़ यात्रा 2024: अब योगी सरकार की 'हाई-टेक' सुरक्षा! श्रद्धालुओं के लिए पहली बार 'फ़ूड सेफ्टी ऐप' लॉन्च, मिलेगी पल-पल की मदद

 

क्यों उठाया गया यह क्रांतिकारी कदम?
WHO का यह फैसला सिर्फ सरकारी खजाने को भरना नहीं है, बल्कि लोगों के स्वास्थ्य में सुधार लाना है। पिछले कुछ सालों में इन "पाप" उत्पादों की खपत बेतहाशा बढ़ी है। इस अनियंत्रित सेवन के कारण कैंसर, दिल का दौरा और मोटापा (ओबेसिटी) जैसी गंभीर बीमारियों के मामले भी तेजी से बढ़े हैं।

 

इनकी खपत पर लगाम लगाने के लिए टैक्स बढ़ाना एक बेहद प्रभावशाली उपाय साबित हो सकता है। यह एक ठोस चेतावनी होगी कि आपकी ये आदतें आपके खुद के स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित कर रही हैं। इससे लोग इन हानिकारक उत्पादों से दूरी बनाने के लिए प्रेरित होंगे।

 

आर्थिक फायदे और बीमारियों की रोकथाम: एक तीर से दो निशाने
आर्थिक नजरिए से देखा जाए तो, उन बड़े देशों में जहां इन उत्पादों का सेवन सबसे ज्यादा होता है, दाम बढ़ने से लोग इनकी खरीद को नियंत्रित करेंगे। इसका सीधा मतलब है कि बीमारियों का जोखिम कम होगा और इलाज में लगने वाला बड़ा पैसा भी बचेगा।

 

शराब, कोल्ड ड्रिंक और तंबाकू ऐसी चीजें हैं जिनके लगातार सेवन से कैंसर, डायबिटीज और मोटापा जैसे लाइफस्टाइल से जुड़े रोग पनपते हैं। इन पर टैक्स बढ़ने से इनकी खपत कम होगी, जिससे इन बीमारियों को नियंत्रित करने और उनकी रोकथाम में बड़ी मदद मिलेगी। यह एक ऐसा निवेश है जो आने वाले समय में स्वास्थ्य सेवाओं पर बोझ कम करेगा।

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"3 बाय 35" पहल: एक स्वस्थ और समृद्ध भविष्य की नींव
WHO की इस पहल को "3 बाय 35" का नाम दिया गया है, जिसके कई महत्वपूर्ण लाभ हैं:

 

  • स्वास्थ्य कर का नियंत्रण: यह अनावश्यक स्वास्थ्य खर्चों को नियंत्रित करने में मदद करेगा।
  • सामाजिक विकास को बढ़ावा: इन उत्पादों से मिलने वाले अतिरिक्त राजस्व का उपयोग सामाजिक विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए किया जा सकता है। यह एक ऐसा चक्र बनाएगा जहां खराब आदतों से मिलने वाला पैसा बेहतर जीवन की ओर लगाया जाएगा।
  • उद्योगों में बदलाव की प्रेरणा: यह कदम उद्योगों को भी स्वस्थ विकल्पों की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित कर सकता है।

 

WHO की यह अपील सिर्फ एक सिफारिश नहीं, बल्कि एक वैश्विक आह्वान है ताकि हम सब मिलकर एक स्वस्थ और समृद्ध भविष्य का निर्माण कर सकें। क्या आपकी सरकार इस अपील पर गंभीरता से विचार करेगी और आपकी सेहत के लिए यह बड़ा कदम उठाएगी?
SONU

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