NASA Alert! समुद्र में उठ सकता है भयानक तूफान, धरती की ओर बढ़ रहे हैं 2 क्षुद्रग्रह, धरती पर हो सकता है बहुत बड़ा विस्फोट....

 अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अलर्ट जारी किया है कि आज दो क्षुद्रग्रह पृथ्वी से टकरा सकते हैं। ताजा अपडेट के मुताबिक ये क्षुद्रग्रह आज पृथ्वी के बेहद करीब से गुजरेंगे। अगर कोई गड़बड़ी हुई तो ये पृथ्वी से टकरा सकते हैं।
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अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने दुनिया के लोगों के लिए अलर्ट जारी किया है। नासा ने चेतावनी दी है कि आज 2 विशालकाय क्षुद्रग्रह धरती की ओर बढ़ रहे हैं। अगर ये क्षुद्रग्रह धरती से टकराया तो बाढ़ आ जाएगी। धरती पर भीषण विस्फोट होने से समुद्र में ऊंची लहरें उठ सकती हैं। भयानक समुद्री तूफान आ सकता है।Read also:-गड्ढे से टकराई कार,15 फीट गहरे पानी से भरे कुएं में कार समेत गिरा दंपत्ति; फिर हुआ चमत्कार

 

हालांकि नासा ने इन क्षुद्रग्रहों के धरती से टकराने की लगभग न के बराबर संभावना जताई है, लेकिन नासा ने कहा है कि एजेंसी की जेट प्रोपल्शन लैब इन क्षुद्रग्रहों पर कड़ी नजर रख रही है, क्योंकि अगर अंतरिक्ष की दुनिया में जरा सी भी हलचल हुई तो क्षुद्रग्रह धरती से टकराकर तबाही मचा सकते हैं, क्योंकि पिछले कई महीनों से अंतरिक्ष में क्षुद्रग्रह घूम रहे हैं।

 

नासा ने इन 2 क्षुद्रग्रहों को लेकर अलर्ट जारी किया
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दोनों क्षुद्रग्रहों के नाम 2021 TK11 और 2024 TH3 हैं, जो आज यानी 14 अक्टूबर 2024 को पृथ्वी के पास से गुजरने वाले हैं। 2021 TK11 क्षुद्रग्रह की चौड़ाई करीब 22 फीट है। यह एक छोटे हवाई जहाज के आकार का है। यह पृथ्वी से 1,900,000 मील की दूरी पर होगा। इसके चंद्रमा की कक्षा को पार करके आगे बढ़ने की उम्मीद है।

 

क्षुद्रग्रह 2024 TH3 करीब 52 फीट चौड़ा है, जो 2021 TK11 से थोड़ा बड़ा और हवाई जहाज के आकार का है। यह पृथ्वी से करीब 2,860,000 मील की दूरी से गुजरेगा। नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (JPL) इन क्षुद्रग्रहों पर नजर रख रही है, ताकि किसी भी संभावित खतरे की पहले ही पहचान की जा सके।

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4.6 अरब साल पहले बने थे क्षुद्रग्रह
आपको बता दें कि क्षुद्रग्रह ठोस चट्टानों जैसे दिखते हैं. ये धातु-खनिज पदार्थों का मिश्रण हो सकते हैं. ये अंतरिक्ष में लगातार चक्कर लगाते रहते हैं और ग्रहों की परिक्रमा करते देखे जा सकते हैं। चक्कर लगाते समय जब क्षुद्रग्रह पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण में आ जाते हैं, तो उन्हें उल्का कहते हैं। उस समय ये चमकते उल्का नंगी आंखों से धरती से आसमान में देखे जा सकते हैं। 

 

दरअसल, क्षुद्रग्रह सौरमंडल के अवशेष माने जाते हैं, जो 4.6 अरब साल पहले अंतरिक्ष में हुई उथल-पुथल के कारण बने थे। जब ग्रहों ने अपना आकार लिया, तो मिट्टी और गैस के कण आपस में टकराकर छोटे-छोटे पत्थर जैसे टुकड़े बन गए, जिन्हें क्षुद्रग्रह कहते हैं। बृहस्पति के गुरुत्वाकर्षण में होने के कारण ये क्षुद्रग्रह आज तक ग्रह नहीं बन पाए, वरना अंतरिक्ष में कई ग्रह होते। 
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