ध्यान से पढ़ें अपना क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट, इन बातों को ध्यान में रखने से कम होगी टेंशन

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Credit Card हमारी जिंदगी का प्रमुख हिस्सा हो गए हैं। Credit Card Statement हमारे क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल (Credit Card Useses) का एक विस्तृत ब्योरा होता है। इसमें आपके द्वारा किया गया Credit Card Payment, Shopping, क्रेडिट बैलेंस, रिवॉर्ड प्वाइंट की जानकारी होती है।

हालांकि ज्यादातर लोग स्टेटमेंट में सिर्फ बैलेंस देखते हैं। वे स्टेटमेंट ठीक से नहीं पढ़ते हैं। जबकि क्रेडिट कार्ड की इस डिटेल को ध्यान से पढ़ना चाहिए, क्योंकि इसमें भी कई बिंदु ऐसे होते हैं जो आपके काम आ सकते हैं।

ध्यान से पढ़ें अपना क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट, इन बातों को ध्यान में रखने से कम होगी टेंशन

Credit Card Statement को पढ़ने से आप संदिग्ध लेनदेन का पता लगा सकते हैं। क्रेडिट कार्ड से एक क्लिक पर आप कुछ भी खरीद सकते हैं। ऐसा करते वक्त हम भूल जाते हैं कि हम अपने सर पर कितना कर्ज इकट्ठा कर रहे हैं। इस वजह से इन स्टेटमेंट्स को ध्यान से पढ़ कर हम अपने खर्चों को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं और अपने खर्चों को व्यवस्थित कर सकते हैं। इसके साथ ही आप अपने क्रेडिट कार्ड स्कोर की जानकारी भी रख सकते हैं ताकि आप अतिरिक्त कर्ज लेने से बचें और अधिक क्रेडिट स्कोर ना बने। 

बैंक बाजार डॉट कॉम के सीईओ अधिल शेट्टी कहते हैं, क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करने में आप एक अनुभवी हों ये नए हों अपनी क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट पढ़ने से आप अपने लेनदेन को बेहतर रूप से समझ पाएंगे। अपनी क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट को पढ़ते हुए इन बातों का ध्यान रखें।

इन प्वाइंटों को ध्यान से पढ़ें-

  • स्टेटमेंट ड्यू डेट- इसमें आप पेमेंट ड्यू डेट के साथ भ्रमित ना हों। स्टेटमेंट ड्यू डेट इस तारीख को कहते हैं जब आपका स्टेटमेंट जारी होता है। लेट पेमेंट के लिए ब्याज स्टेटमेंट जारी होने की पहली तारीख से तय तारीख तक लगता है।  
  • पेमेंट ड्यू डेट- यह वह तारीख है जिसमें बकाया राशि को कार्ड जारी करने वाली कंपनी को जमा करना होती है। पेमेंट आखिरी तारीख से पहले ही कर दें ताकि आपको बाद में कोई दिक्कत ना हो। 
  • ग्रेस पीरियड-पेमेंट ड्यू डेट के खत्म होने के बाद 3 दिनों का ग्रेस पीरियड दिया जाता है। ग्रेस पीरियड के बाद भुगतान ना करने पर लेट पेमेंट पेनाल्टी लगाई जाती है। 
  • मिनिमम अमाउंट ड्यू- यह बकाया राशि का प्रतिशत होता है ( लगभग 5 प्रतिशत) या सबसे कम राशि होती है (कुछ सौ रुपये) जिसे लेट फीस को बचाने के लिए देना होता है। जब तक आप इसे पूरी तरह से व्यवस्थित नहीं कर देते बकाया राशि पर ब्याज लगता जाएगा, भले ही आपने मिनिमम अमाउंट भर दिया हो। 
  • टोटल अमाउंट ड्यू- कुल देय राशि में न केवल वह राशि शामिल होगी जो पिछले महीने खर्च की गई है, बल्कि किसी भी लागू ब्याज या देर से भुगतान शुल्क, पिछले बिल से बकाया राशि, सेवा शुल्क, ओवरड्रेन शुल्क, लेनदेन शुल्क, नकद अग्रिम शुल्क आदि शामिल हैं। आपके क्रेडिट कार्ड का वार्षिक शुल्क भी देय कुल राशि में शामिल किया जाएगा।
  • बिलिंग साइकिल- यह लगातार दो स्टेटमेंट की तारीखों के बीच की अवधि है। आम तौर पर, बिलिंग चक्र की अवधि 30 दिनों की होती है। उन 30 दिनों के दौरान किए गए सभी लेन-देन क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट में दिखाई देंगे।
  • लेन-देन का विवरण- यह क्रेडिट कार्ड का उपयोग करके किए गए सभी लेनदेन की सूची है, इसमें इन-स्टोर और ऑनलाइन दोनों ही शामिल हैं। इसमें दिनांक, विवरण और लेनदेन मूल्य शामिल होंगे। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कुछ छूटा तो नहीं है इसलिए इसे ध्यान से पढ़ना जरूरी है। आपकी लेन-देन सूची का अध्ययन करने का एक अन्य महत्वपूर्ण कारण यह भी है कि आप अपनी खर्च करने की आदतों का विश्लेषण करें और लंबे समय में अधिक बचत के लिए सतर्क हो सकें।

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