महंगा हुआ Parle बिस्किट, पैकेट का वजन भी हुआ कम, जानें कितनी बढ़ी कीमत

पारले ने यह वृद्धि Parle G, Crackjack, Hide & Seek समेत कई उत्पादों पर की है, वहीं कीमत बढ़ाने के साथ ही कंपनी ने बिस्किट के पैकेट का वजन भी घटा दिया है।

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Parle G
Parle Biscuits Price Hike: आम आदमी पर महगाई का एक और झटका लगा है। यह झटका अब आम आदमी के सबसे खास और सबसे पुराना साथी पारले ने दिया है। दरअसल पारले ने अपने सभी उत्पादों की कीमतों में 5 से 10 फीसदी की वृद्धि ((Parle Products)) कर दी है। पारले ने यह वृद्धि Parle G, Crackjack, Hide & Seek समेत कई उत्पादों पर की है, वहीं कीमत बढ़ाने के साथ ही कंपनी ने बिस्किट के पैकेट का वजन भी घटा दिया है।

 

इसीलिए बढ़ाए दाम

कंपनी के सीनियर कैटेगरी हेड मयंक शाह के मुताबिक रॉ मैटेरियल की कीमतों में वृद्धि के चलते ही कंपनी को यह कदम उठाना पड़ा  है। उन्होंने बताया कि खाने के तेल, चीनी, गेहूं और ग्लूकोज की कीमतों में काफी वृद्धि हुई है, जिसके चलते कंपनी को बिस्किट व रस्क व केक के दामों में बढ़ोतरी करनी पड़ी है। उन्होंने बताया कि केक और रस्क की कीमतों में 5 से 10 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है, वहीं ग्लूकोज बिस्किट के दाम में भी 6-7 फीसदी वृद्धि की गई है। Read Also : Jewar Airport: दुनिया के चौथे सबसे बड़े एयरपोर्ट की पीएम मोदी आज रखेगें आधारशिला, देखें

 

Parle ऐसे बढ़ाए हैं दाम

मयंक शाह के मुताबिक कंपनी ने सिर्फ उन बिस्किट व उत्पादों के दाम बढ़ाए हैं जिनकी कीमत 20 रुपये या इससे ज्यादा है। वहीं जिन बिस्किट व उत्पादों की कीमत 20 रुपये से कम है उनके पैकेज के वजन में कटौती की गई है। ऐसा कीमतों को आकर्षक स्तर पर बनाए रखने के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि कीमतों को दायरे में रखने की काफी कोशिश की, लेकिन कोई रास्त न मिलने पर दाम बढ़ाने व वजन घटाने का फैसला लिया गया है। Read Also : ड्यूटी पर शहीद हुए CRPF जवानों के परिजनों को अब मिलेंगी 35 लाख की मदद, बेटी की शादी में मिलने वाली सहायता में भी वृद्धि

 

जनवरी-मार्च में भी बढ़ी थीं कीमतें

बता दें कि पारले ने इसी साल जनवरी-मार्च के दौरान भी कुछ प्रोडक्ट की कीमतों को बढ़ाया था। कोरोना के दौरान पारले जी प्रवासी भारतीयों का सबसे बड़ा सहारा बना था। शहरों से गांव की ओर जिन लोगों ने कोरोना में पलायन किया, उनके लिए पारले जी के बिस्कुट का छोटा पैकेट बहुत काम आया। इस दौरान पारले के बिस्कुट की रिकॉर्ड बिक्री हुई। जबकि लॉकडाउन में भी लोगों ने घरों में बंद रहकर इसी का सहारा लिया। इस वजह से कंपनी की बाजार हिस्सेदारी में 5% की बढ़त आई।

 

पिछले 30-40 सालों में पहली बार इतनी ज्यादा बढ़त कंपनी ने देखी। इसकी सबसे ज्यादा बिक्री पारले जी ग्लुकोज की होती है। यही इसका पहला ब्रांड है और देश के दूरदराज गांवों में भी हर घर में इसकी पहुंच है।

 

82 साल पुराना इतिहास

पारले जी का इतिहास करीबन 82 साल पुराना है। इसकी शुरुआत मुंबई के विले पारले इलाके से 1938 में हुई थी। फैक्टरी शुरू होने के करीबन 10 साल बाद यहां पर बिस्कुट बनना शुरू हुआ था। पहले इस बिस्कुट को ग्लूकोज बिस्कुट कहा जाता था। हालांकि बाद में इसमें जीनियस के लिए जी लगा दिया गया। पारले जी की कुल 130 फैक्टरी हैं। इसमें से 120 कांट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग का काम करती हैं। भारत में बिस्कुट का कुल कारोबार 37 हजार करोड़ रुपए का है।

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