नए नोएडा के इन 11 गांवों में नहीं होंगे पंचायत चुनाव, देखें लिस्ट

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नोएडा में शामिल कर दिया गया है। इन गांवों में औद्योगिक विकास की जिम्मेदारी नोएडा अथॉरिटी को सौंप दी गई है। यह काम दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल रेलवे कॉरिडोर के निवेश जोन में शामिल कर दिए गए हैं। पूरे निवेश जोन का विकास नोएडा प्राधिकरण करेगा। इसके साथ ही इन गांवों के लोग पंचायत चुनाव को लेकर उहापोह की स्थिति में हैं। हम आपको बता दें कि गौतमबुद्ध नगर के इन 20 गांव में से केवल 9 गांव में पंचायत चुनाव होंगे। बाकी गांव में पंचायत चुनाव का आयोजन नहीं किया जाएगा।

दादरी क्षेत्र के कोट गांव को नए नोएडा में शामिल किया गया है। यह गांव दादरी क्षेत्र पंचायत का हिस्सा है। गांव के रहने वाले प्रोफेसर सुनील शर्मा ने सवाल किया था कि उनके गांव में पंचायत चुनाव का आयोजन किया जाएगा या नहीं। कुछ ऐसे ही सवाल छांयसा, शाहपुर खुर्द, आनंदपुर, बील अकबरपुर और चीरसी के लोगों ने पूछे हैं। गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन से मिली जानकारी के आधार पर स्थिति साफ कर रहे हैं। आपको बता दें कि गौतमबुद्ध नगर में जिला पंचायत के केवल 5 वार्डों का चुनाव करवाया जाएगा। 3 क्षेत्र पंचायत और 88 ग्राम पंचायतों के चुनाव करवाए जाएंगे।

नए नोएडा में गौतमबुद्ध नगर के ये 20 गांव शामिल हैं

अब आपको बता दें कि गौतमबुद्ध नगर की दादरी तहसील के 20 गांवों नहीं नोएडा या दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल रेलवे कॉरिडोर के निवेश जोन में शामिल किए गए हैं। इन गांवों के नाम आनंदपुर, बील अकबरपुर, बेरंगपुर उर्फ नई बस्ती, चंद्रावल, चीरसी, चीती, छायासा, दयानगर देवटा (पार्ट), फजलपुर, खण्डेरा गिरजापुर, कोट, मिल्क खण्डेरा, नगला चमरू, नगला चीती, नगला नैनसुख, फूलपुर, रघुनाथपुर पार्ट, राजपुर कलां और शाहपुर खुर्द हैं।

नए नोएडा की इन 9 ग्राम पंचायतों में होंगे चुनाव

शासन की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक इनमें से छायसा, शाहपुर खुर्द, फूलपुर, बैंरगपुर उर्फ नई बस्ती, कोट, नंगला चमरू, नंगली नैनसुख, बील अखबरपुर और आनंदपुर ग्राम पंचायत दादरी क्षेत्र पंचायत में शामिल हैं। केवल इन्हीं गांवों में पंचायत चुनाव करवाए जाएंगे। मतलब, इन गांवों के लोग अपनी ग्राम पंचायत के अलावा क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के लिए भी मतदान करेंगे।

नोएडा अथॉरिटी को काम शुरू करने में वक्त लगेगा

दादरी तहसील के 20 गांव भले ही नोएडा अथॉरिटी को निवेश क्षेत्र का विकास करने के लिए दे दिए गए हैं, लेकिन मास्टर प्लान, डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट, भूमि अधिग्रहण और योजनाओं को लागू करने में लंबा वक्त लगेगा। इस पूरी प्रक्रिया को शुरू करने में कम से कम 2 से 3 साल लग सकते हैं। लिहाजा, इस दौरान गांव में विकास योजनाएं संचालित करने और निवासियों को मूलभूत सुविधाएं देने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों के पास ही रहेगी। आपको बता दें कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी के अधिसूचित क्षेत्रों की ग्राम पंचायतों में चुनाव नहीं होंगे। इसी बात को लेकर नए नोएडा में शामिल गांवों के लोग वहां चुनाव होगा या नहीं, इस सवाल को लेकर ऊहापोह में हैं। इस स्थिति में यह साफ है कि नए नोएडा में शामिल होने वाले गांवों में पंचायत चुनाव करवाए जाएंगे।

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