भारत में इंटरनेट की नई क्रांति! एलन मस्क का Starlink पहुंचेगी गांव-गांव, पहाड़ों-जंगलों में भी अब मिलेगी हाई-स्पीड नेट कनेक्टिविटी

 भारत सरकार ने दी एलन मस्क की Starlink को मंजूरी, हर कोने में पहुंचेगा सैटेलाइट इंटरनेट
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डिजिटल इंडिया के सपने को नई उड़ान! एलन मस्क (Elon Musk) की सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस 'स्टारलिंक' को आखिरकार भारत सरकार से हरी झंडी मिल गई है। संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस ऐतिहासिक पल की पुष्टि की है, जिससे देश के सबसे दुर्गम इलाकों तक भी अब बिजली की रफ्तार से इंटरनेट पहुंच सकेगा। यह सिर्फ एक लाइसेंस नहीं, बल्कि भारत के डिजिटल भविष्य के लिए कनेक्टिविटी का 'अगला फ्रंटियर' है!READ ALSO:-नेशनल हाईवे पर सफर करने वालों की बल्ले-बल्ले! अब ₹3000 के एक पास से साल भर करें टोल-फ्री यात्रा

 

पहाड़ों से लेकर गांवों तक, हर कोने में होगी 'डिजिटल रोशनी'
अब तक जहाँ मोबाइल नेटवर्क या फाइबर ऑप्टिक केबल बिछाना नामुमकिन सा था, उन पहाड़ी इलाकों, घने जंगलों और दूरस्थ गांवों में भी अब तेज रफ्तार इंटरनेट कनेक्शन संभव हो पाएगा। स्टारलिंक की यह सुविधा उन लाखों लोगों के लिए गेम चेंजर साबित होगी जो अब तक डिजिटल दुनिया से कटे हुए थे।

 


सिंधिया और स्पेसएक्स की 'ऐतिहासिक' मुलाकात
केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने खुद एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX) की प्रेसिडेंट और सीओओ ग्विन शॉटवेल (Gwynne Shotwell) से मुलाकात की। यह मुलाकात बेहद सकारात्मक रही, जिसके बाद सिंधिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि सैटेलाइट कम्युनिकेशन में सहयोग के कई अवसर हैं जो भारत की डिजिटल उड़ान को और भी ऊँचा ले जा सकते हैं। यह दर्शाता है कि सरकार और स्टारलिंक दोनों ही भारत में कनेक्टिविटी के विस्तार को लेकर कितने गंभीर हैं।

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क्या है Starlink, जो बदल देगा भारत का इंटरनेट लैंडस्केप?
स्टारलिंक, एलन मस्क की स्पेसएक्स द्वारा शुरू की गई एक सैटेलाइट-आधारित इंटरनेट सेवा है। यह पारंपरिक इंटरनेट से बिल्कुल अलग तरीके से काम करती है। इसमें पृथ्वी की निचली कक्षा (LEO - Low Earth Orbit) में हजारों छोटे-छोटे सैटेलाइट्स का एक 'महाजाल' बिछाया गया है। ये सैटेलाइट्स धरती से महज 550 किलोमीटर ऊपर से सीधे इंटरनेट सिग्नल भेजते हैं, जिससे कम लेटेंसी (कम देरी) और हाई-स्पीड कनेक्टिविटी मिलती है। यह सेवा उन क्षेत्रों के लिए वरदान है जहाँ फाइबर या मोबाइल नेटवर्क पहुंचाना भौगोलिक रूप से चुनौतीपूर्ण और महंगा होता है। कल्पना कीजिए, अब किसी दूरदराज के गांव में बैठा छात्र भी शहरों के छात्रों की तरह ही ऑनलाइन पढ़ाई कर पाएगा, या कोई किसान अपने खेत से ही मौसम की सटीक जानकारी ले पाएगा!

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जियो और एयरटेल के साथ 'ट्रिपल एलायंस': भारत में Starlink की बड़ी एंट्री!
स्टारलिंक भारत में अकेला नहीं आ रहा। मार्च 2025 में ही देश की दो सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनियाँ, जियो (Jio) और एयरटेल (Airtel), स्टारलिंक के साथ साझेदारी का ऐलान कर चुकी हैं। यह 'ट्रिपल एलायंस' भारत में स्टारलिंक की पहुँच को कई गुना बढ़ा देगा। जियो विशेष रूप से स्टारलिंक के इंस्टॉलेशन, कस्टमर सपोर्ट और एक्टिवेशन का जिम्मा संभालेगा, जिससे ग्राहकों को बिना किसी परेशानी के सेवाएं मिल सकेंगी।

 

स्टारलिंक के डिवाइस अब आपको जियो और एयरटेल के स्टोर्स पर आसानी से उपलब्ध होंगे। यह सेवा विशेष रूप से स्कूलों, अस्पतालों, ग्रामीण इलाकों और छोटे-बड़े व्यवसायों के लिए एक गेम-चेंजर साबित होगी, जिससे वे डिजिटल मुख्यधारा में शामिल हो सकेंगे।
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