धमाका! सस्ते रिचार्ज से भी टेलीकॉम कंपनियों की चांदी, जानें कैसे जियो-एयरटेल-वीआई कर रहे तगड़ी कमाई!
📊कम कीमत के बहाने ग्राहकों को जोड़ा, फिर डेटा और OTT से खींच लिया बेशुमार फायदा
Jun 7, 2025, 15:37 IST
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आपको शायद लगता होगा कि अनलिमिटेड डेटा और फ्री कॉलिंग देकर टेलीकॉम कंपनियां घाटे में चल रही होंगी, लेकिन जनाब! हकीकत ठीक उलट है। देश की दिग्गज टेलीकॉम कंपनियां - जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया (वीआई) - सस्ते रिचार्ज प्लान्स के बावजूद अपनी तिजोरी लगातार भर रही हैं। यह सिर्फ ग्राहकों को जोड़ने का खेल नहीं, बल्कि मुनाफे की नई ऊंचाइयों को छूने का एक सुनियोजित तरीका है।READ ALSO:-🚌"यूपी की बसों में महिलाओं की हुंकार: 2331 महिला कंडक्टरों का चयन, लखनऊ को मिली 125 नई 'सवारी सुरक्षा योद्धा'"
कैसे काम करती है 'सस्ते प्लान, मोटा मुनाफा' वाली रणनीति?
यह सुनकर हैरानी हो सकती है, लेकिन इन कंपनियों की कमाई का तरीका बेहद सीधा और स्मार्ट है।
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पहले ग्राहक खींचो, फिर दाम बढ़ाओ: शुरुआत में बेहद आकर्षक और सस्ते प्लान्स देकर करोड़ों ग्राहकों को अपने पाले में किया जाता है। एक बार जब बड़ा यूजर बेस बन जाता है, तो फिर धीरे-धीरे प्लान्स की कीमतें बढ़ाई जाती हैं या उन्हें प्रीमियम सुविधाओं के साथ बंडल किया जाता है।
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ARPU है असली गेम चेंजर: कंपनियों का पूरा फोकस एवरेज रेवेन्यू पर यूजर (ARPU) बढ़ाने पर होता है। यह प्रति ग्राहक औसत मासिक आय होती है।
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एयरटेल और जियो जैसी कंपनियां ग्राहकों को महंगे पोस्टपेड और डेटा-हैवी प्रीपेड प्लान्स की ओर खींचती हैं।
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यही कारण है कि जियो का ARPU करीब ₹182 और एयरटेल का ₹209 तक पहुंच चुका है। ग्राहक अब पहले से कहीं ज्यादा खर्च कर रहे हैं।
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डेटा की भूख और OTT का जादू: स्मार्टफोन के बढ़ते चलन और इंटरनेट आधारित सेवाओं (जैसे सोशल मीडिया, वीडियो स्ट्रीमिंग) ने डेटा की खपत को कई गुना बढ़ा दिया है। कंपनियां OTT बंडल (जैसे नेटफ्लिक्स, अमेज़न प्राइम), डेटा रोलओवर और अनलिमिटेड कॉलिंग जैसी सुविधाएं देकर ग्राहकों को ज्यादा डेटा इस्तेमाल करने और महंगे प्लान्स लेने के लिए प्रेरित करती हैं।
आंकड़े भी कर रहे मुनाफे की पुष्टि
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट बताती है कि वित्त वर्ष 2023-24 में निजी टेलीकॉम कंपनियों की कुल सेवा राजस्व (AGR) में 15 प्रतिशत की जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
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जियो और एयरटेल की बादशाहत: इन्होंने अपने विशाल यूजर बेस और प्रीमियम प्लान्स की बदौलत बंपर कमाई की है।
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वीआई की चुनौती के बावजूद पकड़: वोडाफोन आइडिया (वीआई) की वित्तीय स्थिति उतनी मजबूत न होने के बावजूद, उसने भी बाजार में अपनी हिस्सेदारी बनाए रखी है और राजस्व में योगदान दिया है।
टेलीकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के आंकड़े भी इस ग्रोथ की गवाही दे रहे हैं। मार्च 2024 तक कुल AGR ₹2.3 लाख करोड़ रहा, जो पिछले साल की तुलना में काफी अधिक है। इसमें निजी कंपनियों का योगदान सबसे ज्यादा है।
तो अगली बार जब आप अपने सस्ते रिचार्ज की खुशी मनाएं, तो याद रखिएगा कि ये टेलीकॉम दिग्गज चुपचाप अपनी कमाई बढ़ा रहे हैं। यह सिर्फ एक सिम कार्ड नहीं, बल्कि एक स्मार्ट बिजनेस मॉडल का कमाल है!
