Google फ्रॉड अलर्ट: ये 9 धोखेबाज ऐप्स उड़ा सकते हैं आपकी मेहनत की कमाई!
साइबर ठगों का नया जाल: क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट के नाम पर लूट, आपकी प्राइवेसी भी खतरे में
Jun 10, 2025, 08:05 IST
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साइबर क्राइम के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, और इसी कड़ी में एक नया खतरा सामने आया है। एक हालिया रिसर्च में कुछ ऐसे ऐप्स का खुलासा हुआ है जो यूजर्स की प्राइवेसी के लिए बेहद खतरनाक साबित हो रहे हैं। इनमें से 9 ऐसे ऐप्स हैं जिन्हें आपके फोन से तत्काल हटा देना चाहिए, नहीं तो आपकी पर्सनल जानकारी लीक होने से लेकर बैंक खाता खाली होने तक का खतरा है।READ ALSO:-☀️जेठ की तपती गर्मी में खुद को कैसे बचाएं? AIIMS के डॉक्टरों ने दिए हीट स्ट्रोक से बचने के 5 अचूक मंत्र!
रिसर्च में हुआ फर्जी ऐप्स का खुलासा: CRIL ने जारी की चेतावनी
साइबल रिसर्च एंड इंटेलिजेंस लैब्स (CRIL) ने अपनी एक शोध में कुल 20 खतरनाक ऐप्स का पर्दाफाश किया है। इन ऐप्स के बारे में बताया जा रहा है कि ये यूजर्स के पर्सनल डेटा को चुरा रहे हैं और उनकी प्राइवेसी के लिए बड़ा खतरा बन गए हैं। CRIL ने इन ऐप्स को तुरंत फोन से हटाने की सलाह दी है।
किस तरह के ऐप्स से है खतरा?
CRIL के अनुसार, रिसर्च में सामने आए 20 ऐप्स में मुख्य रूप से दुर्भावनापूर्ण क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट ऐप्स (Malicious Cryptocurrency Wallets Apps) शामिल हैं। ये सभी एक्टिव फिशिंग स्कैम का हिस्सा हैं, जिनका मुख्य उद्देश्य लोगों का संवेदनशील डेटा चुराना है। ये ऐप्स न केवल आपकी पर्सनल जानकारी के लिए खतरनाक हैं, बल्कि आपके बैंक खाते को भी खाली कर सकते हैं।
ये 9 ऐप्स तुरंत करें अनइंस्टॉल:
यदि आपके स्मार्टफोन में इनमें से कोई भी ऐप मौजूद है, तो उसे बिना देर किए तुरंत अनइंस्टॉल कर दें:
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Suiet Wallet
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Hyperliquid
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Pancake Swap
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Meteora Exchange
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OpenOcean Exchange
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Harvest Finance blog
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BullX Crypto
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SushiSwap
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Raydium
कैसे यूजर्स के लिए खतरनाक हैं ये ऐप्स?
साइबर अपराधी इन ऐप्स के ज़रिए यूजर्स को ठगने के लिए एक विशेष तरीका अपनाते हैं:
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रिकवरी कोड का जाल: इन ऐप्स को फोन में डाउनलोड करने के बाद, यूजर्स से 12 अंग्रेजी शब्दों का एक रिकवरी कोड (या सीड फ़्रेज़) एंटर करने के लिए कहा जाता है। यह कोड क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट्स तक पहुंचने के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है। हैकर्स इस कोड को जानकर यूजर्स के वॉलेट तक आसानी से पहुंच बना सकते हैं और उनकी क्रिप्टोकरेंसी चुरा सकते हैं।
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छिपी हुई प्राइवेसी पॉलिसी और URL: आमतौर पर, इन खतरनाक ऐप्स में प्राइवेसी पॉलिसी के अंदर एक छिपा हुआ URL होता है। जब यूजर ऐप डाउनलोड करते हैं, तो हैकर्स इस URL के ज़रिए फोन का एक्सेस हासिल करने की कोशिश करते हैं और फिर यूजर्स के बैंक खातों या अन्य संवेदनशील जानकारी तक पहुंच बना लेते हैं।
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वीडियो टूल्स या गेमिंग ऐप्स का बहाना: अक्सर हैकर्स ऐसे मैलिशियस कोड को वीडियो टूल्स या गेमिंग ऐप्स जैसे दिखने वाले ऐप्स के ज़रिए फोन में पहुंचाने की कोशिश करते हैं ताकि यूजर को शक न हो।
महत्वपूर्ण सलाह: अगर आपके फोन में ऐसे कोई ऐप्स हैं तो उन्हें तुरंत हटा दें। भविष्य में किसी भी लिंक के जरिए ऐप डाउनलोड न करें और न ही किसी अनजान लिंक पर क्लिक करें। हमेशा Google Play Store या Apple App Store जैसे विश्वसनीय स्रोतों से ही ऐप्स डाउनलोड करें और ऐप डाउनलोड करने से पहले उसके रिव्यूज़ और डेवलपर की जानकारी ज़रूर जांच लें। सतर्क रहें, सुरक्षित रहें!
