अमेरिका-चीन तनाव के बीच मिला बड़ा मौका: भारत में आईफोन का निर्माण करेगी एपल, चीन पर निर्भरता कम
Apple अगले साल से अमेरिका में बिकने वाले सभी iPhone भारत में बनाएगा
Apr 26, 2025, 20:02 IST
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नई दिल्ली: अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव ने एपल जैसी टेक कंपनियों को अपनी उत्पादन रणनीतियों पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है। दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनी एपल अब अमेरिका में बिकने वाले सभी आईफोन का निर्माण अगले साल की शुरुआत से भारत में करने की योजना बना रही है। यह कदम भारत के लिए एक सुनहरा अवसर है, जो न केवल 'मेक इन इंडिया' पहल को बढ़ावा देगा बल्कि उसे वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम होगा।Read also:-UP का गेमचेंजर गंगा एक्सप्रेसवे: 79% काम पूरा, पश्चिमी से पूर्वी यूपी का सफर होगा बेहद आसान, जाने कब तक कर सकेंगे यात्रा?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, एपल 2026 के अंत तक अमेरिका में बेचे जाने वाले 6 करोड़ से अधिक आईफोन का उत्पादन पूरी तरह से भारतीय प्लांट्स में स्थानांतरित करना चाहती है। अमेरिका और चीन के बीच चल रहे टैरिफ युद्ध और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए सख्त आयात शुल्क के कारण, एपल अपनी सप्लाई चेन में विविधता लाने की कोशिश कर रही है। कंपनी का मानना है कि एक ही देश पर निर्भर रहने से व्यापार संबंधी अनिश्चितताओं के कारण जोखिम बढ़ सकता है।
एपल के लिए अमेरिका एक बहुत बड़ा बाजार है। आईडीसी के आंकड़ों के अनुसार, 2024 में एपल ने अपने 28% आईफोन अमेरिका में बेचे थे। भारत में आईफोन का निर्माण कंपनी को न केवल भारी आयात शुल्क से बचाएगा, बल्कि अमेरिका-चीन तनाव से जुड़े दीर्घकालिक जोखिमों से भी सुरक्षित रखेगा। भारत सरकार भी इस पहल को लेकर काफी उत्साहित है और एपल को हर संभव सहायता प्रदान कर रही है।
एपल ने भारत में अपना उत्पादन बढ़ाने के लिए टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स और फॉक्सकॉन जैसी कंपनियों के साथ साझेदारी की है। फॉक्सकॉन चीन से पार्ट्स का आयात करके भारत में आईफोन बना रही है। मार्केट इंटेलिजेंस फर्म आईडीसी के हालिया आंकड़ों से पता चलता है कि 2025 के पहले तीन महीनों में भारत में बने 30 लाख से अधिक आईफोन का निर्यात किया गया। फॉक्सकॉन ने अकेले मार्च में 1.31 अरब डॉलर के आईफोन का निर्यात किया, जिसमें आईफोन-13, 14, 15 और 15e जैसे मॉडल शामिल थे। केंद्र सरकार एपल को उत्पादन के विस्तार में मदद कर रही है और कंपनी सरकार की पीएलआई (उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन) योजना का लाभ उठा रही है। यह योजना कंपनियों को भारत में उत्पादन बढ़ाने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करती है।
इस कदम से भारत में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। एपल का यह निर्णय भारत को एक महत्वपूर्ण विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करने में सहायक होगा और अन्य विदेशी कंपनियों को भी भारत में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
