साइबर फ्रॉड के खिलाफ Airtel का 'महागठबंधन': Jio और Vi से मांगी मदद, 11,000 करोड़ की ठगी पर लगाम लगाने का प्लान
2024 में अब तक 17 लाख शिकायतें, यूजर्स की करोड़ों की कमाई दांव पर; 'रियल टाइम इंटेलिजेंस' से करेंगे वार, ठगों की हर चाल पर पैनी नजर
May 27, 2025, 08:25 IST
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देश में बढ़ते ऑनलाइन फ्रॉड और साइबर स्कैम ने अब टेलीकॉम कंपनियों को एकजुट होने पर मजबूर कर दिया है। करोड़ों भारतीय यूजर्स की गाढ़ी कमाई लूट रहे साइबर ठगों पर लगाम कसने के लिए प्रमुख टेलीकॉम ऑपरेटर एयरटेल (Airtel) ने अपने सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वियों, रिलायंस जियो (Reliance Jio) और वोडाफोन आइडिया (Vi), से हाथ मिलाने का प्रस्ताव रखा है। एयरटेल ने इस पहल की जानकारी सरकार और टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) को दे दी है, और उम्मीद है कि यह 'महागठबंधन' ऑनलाइन धोखाधड़ी के खिलाफ एक मजबूत दीवार खड़ी करेगा।READ ALSO:-भारत में फिर 'कोरोना' का खतरा: 1000 से अधिक संदिग्ध मामले, केरल हॉटस्पॉट, अस्पताल हुए अलर्ट
क्यों पड़ी ऐसी पहल की ज़रूरत? डेटा कर देगा हैरान!
एयरटेल ने जियो और वीआई को लिखे अपने पत्र में जो आंकड़े साझा किए हैं, वे बेहद चौंकाने वाले हैं। कंपनी के मुताबिक, 2024 के शुरुआती 9 महीनों में भारत में 17 लाख से ज़्यादा साइबर क्राइम से जुड़ी शिकायतें दर्ज की गई हैं। इन मामलों में ठगों ने लोगों से 11,000 करोड़ रुपये से ज़्यादा की रकम लूटी है। यह आंकड़ा बताता है कि यह समस्या कितनी विकराल हो चुकी है और इसके लिए सामूहिक प्रयास कितने ज़रूरी हैं।
एयरटेल का 'ज्वाइंट टेलीकॉम फ्रॉड इनिशिएटिव' क्या है?
इस पहल के तहत, एयरटेल ने 'ज्वाइंट टेलीकॉम फ्रॉड इनिशिएटिव' शुरू करने का प्रस्ताव दिया है। इसका मुख्य मकसद 'रियल टाइम फ्रॉड इंटेलिजेंस शेयरिंग' और 'क्रॉस नेटवर्क कॉर्डिनेशन' के जरिए फ्रॉड और स्कैम का तुरंत पता लगाना और उन्हें रोकना है। इसका मतलब है कि सभी टेलीकॉम कंपनियां एक-दूसरे के साथ फ्रॉड से जुड़ी जानकारी तुरंत साझा करेंगी, जिससे किसी भी नेटवर्क पर होने वाली ठगी को समय रहते पकड़ा जा सकेगा और ठगों की चालों को नाकाम किया जा सकेगा। एयरटेल ने ट्राई चेयरमैन अनिल कुमार लाहोटी और टेलीकॉम सचिव नीरज मित्तल को इस प्रस्ताव की पूरी जानकारी दी है।
बदलते तरीकों से ठग हो रहे शातिर:
साइबर अपराधी लगातार नए और शातिर तरीके अपना रहे हैं। फर्जी लोन ऑफर, आकर्षक फिशिंग लिंक्स भेजकर व्यक्तिगत जानकारी चुराना, और नकली पेमेंट पेज के जरिए धोखाधड़ी करना उनके कुछ प्रमुख हथकंडे हैं। एयरटेल का साफ कहना है कि इन बढ़ते खतरों से निपटने के लिए सभी टेलीकॉम कंपनियों को एकजुट होना ही होगा।
पहले भी उठाई थी आवाज़:
यह पहली बार नहीं है जब एयरटेल ने ऐसी साझा पहल की बात की हो। पिछले साल अक्टूबर में भी कंपनी ने सभी टेलीकॉम कंपनियों से अनचाहे कमर्शियल मैसेज (स्पैम) से निपटने के लिए मिलकर काम करने की अपील की थी। उस समय, एयरटेल ने कॉर्पोरेट कनेक्शन की डिटेल्स एक तय फॉर्मेट में साझा करने का सुझाव दिया था, ताकि स्पैम पर बेहतर तरीके से नजर रखी जा सके।
अगर एयरटेल की यह नई पहल जियो और वोडाफोन आइडिया का साथ पा लेती है, तो यह भारत में साइबर सुरक्षा के लिए एक बड़ा गेम चेंजर साबित हो सकती है। यह निश्चित रूप से करोड़ों भारतीय उपभोक्ताओं को ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम होगा।
