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ऑफिस में घंटों बैठकर काम करने वाले हो जाएं सावधान! यह आदत डायबिटीज, हार्ट अटैक और कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों को दे रही है दावत।

खतरनाक लत: आपकी कुर्सी धीरे-धीरे आपको मार रही है! 'बैठना' है नया धूम्रपान, हर 30 मिनट में 2 मिनट का ब्रेक बचा सकता है जान

Manoj Kumar अक्टूबर 2, 2025 06:04 PM 0
“Deadly Habit: Sitting is the New Smoking, 2-Minute Break Every 30 Minutes Can Save Life”
“Deadly Habit: Sitting is the New Smoking, 2-Minute Break Every 30 Minutes Can Save Life”
हमारी आधुनिक जीवनशैली ने हमें कई सुविधाएं दी हैं, लेकिन साथ ही एक ऐसा खतरा भी दिया है जिस पर हम अक्सर ध्यान नहीं देते - हमारी कुर्सी। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की दुनिया में एक कहावत तेजी से हकीकत बनती जा रही है: 'सिटिंग इज द न्यू स्मोकिंग' यानी 'लंबे समय तक बैठना, धूम्रपान करने जितना ही खतरनाक है'। यह सिर्फ एक चेतावनी नहीं, बल्कि एक वैज्ञानिक तथ्य है जो बताता है कि आपकी 8-9 घंटे की डेस्क जॉब धीरे-धीरे आपके शरीर को अंदर से खोखला कर रही है।READ ALSO:-महंगाई का एक और झटका! आधार कार्ड में कुछ भी बदलवाना अब हुआ महंगा, 1अक्टूबर 2025 से लागू हुईं नई दरें

 

लगातार एक ही जगह पर बैठे रहना हमारे शरीर के लिए अप्राकृतिक है। हमारा शरीर चलने-फिरने और सक्रिय रहने के लिए बना है। जब हम घंटों तक खुद को एक कुर्सी तक सीमित कर लेते हैं, तो हमारे शरीर का पूरा सिस्टम गड़बड़ा जाता है।

 

क्यों है बैठना इतना खतरनाक? समझिए विज्ञान 
जैसे ही आप बैठते हैं, आपके शरीर में कई नकारात्मक बदलाव शुरू हो जाते हैं:
  • कैलोरी बर्निंग ठप: चलते समय आप प्रति मिनट जितनी कैलोरी बर्न करते हैं, बैठने पर वह घटकर सिर्फ एक तिहाई रह जाती है।
  • मेटाबॉलिज्म सुस्त: लंबे समय तक बैठने से शरीर का मेटाबॉलिज्म 90% तक धीमा हो सकता है, जिससे फैट बर्न करने वाले एंजाइम का उत्पादन बंद हो जाता है। यही वजह है कि बैठे रहने वालों का पेट और कमर के आसपास फैट तेजी से जमा होता है।
  • ब्लड शुगर का खतरा: बैठने के महज एक घंटे बाद ही शरीर की इंसुलिन को इस्तेमाल करने की क्षमता घटने लगती है, जिससे टाइप-2 डायबिटीज का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
  • दिल पर सीधा असर: बैठने से रक्त प्रवाह धीमा हो जाता है, जिससे खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) धमनियों में जमा होने लगता है। यह हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक और स्ट्रोक का सीधा कारण बनता है।
  • हड्डियां और मांसपेशियां कमजोर: लगातार बैठे रहने से पीठ, गर्दन और कूल्हे की मांसपेशियां निष्क्रिय और कमजोर हो जाती हैं, जिससे खराब पोस्चर, स्लिप डिस्क और कमर दर्द जैसी समस्याएं जन्म लेती हैं।

 

सिर्फ एक आदत बदल सकती है जिंदगी: '30-मिनट का नियम' 
आपको अपनी नौकरी छोड़ने की जरूरत नहीं है, बस काम करने का तरीका बदलना है। एक्सपर्ट्स इसके लिए एक गोल्डन रूल बताते हैं - "हर 30 मिनट में उठें और 2-3 मिनट चलें।"

 

यह छोटा सा ब्रेक आपके शरीर को रीसेट कर देता है। रक्त प्रवाह फिर से सुचारू हो जाता है, मांसपेशियां सक्रिय हो जाती हैं और मेटाबॉलिज्म फिर से काम करने लगता है।

 

आज से ही अपनाएं ये जीवनरक्षक आदतें:
  • अलार्म सेट करें: अपने फोन या कंप्यूटर पर हर 30 मिनट का अलार्म लगाएं। जैसे ही अलार्म बजे, अपनी कुर्सी से उठ जाएं।
  • चलते-फिरते रहें: फोन पर बात करते समय या मीटिंग के दौरान जब संभव हो, खड़े होकर या टहलते हुए बात करें।
  • लिफ्ट को कहें 'ना': ऑफिस में लिफ्ट की जगह सीढ़ियों का इस्तेमाल करें। यह आपके दिल के लिए एक बेहतरीन एक्सरसाइज है।
  • हाइड्रेशन ब्रेक: पानी पीने के लिए अपनी बोतल डेस्क पर रखने के बजाय वॉटर कूलर तक चलकर जाएं। इससे आप हाइड्रेटेड भी रहेंगे और ब्रेक भी हो जाएगा。
  • डेस्क एक्सरसाइज: बैठे-बैठे भी गर्दन घुमाएं, कंधों को स्ट्रेच करें और पैरों को सीधा करें।
  • लंच ब्रेक में टहलें: अपना लंच अपनी डेस्क पर करने के बजाय, कैफेटेरिया तक जाएं और खाने के बाद 5-10 मिनट टहलें।

 

याद रखिए, धूम्रपान की तरह ही, लंबे समय तक बैठने का असर तुरंत नहीं दिखता। यह धीरे-धीरे आपके शरीर को नुकसान पहुंचाता है। इसलिए, इससे पहले कि आपकी कुर्सी आपकी सेहत पर भारी पड़े, आज ही ये छोटे लेकिन प्रभावी कदम उठाएं और एक स्वस्थ जीवन की ओर बढ़ें।

ज़रूरी सूचना:

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बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता सतीश शाह का निधन, 74 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस; Kidney की बीमारी बनी मौत का कारण

बॉलीवुड और भारतीय टेलीविजन जगत के महान और बहुमुखी कलाकार सतीश शाह (Satish Shah) का आज (शनिवार, 25 अक्टूबर 2025) दुखद निधन हो गया है। अपनी लाजवाब कॉमिक टाइमिंग से दर्शकों को हंसाने वाले सतीश शाह ने 74 वर्ष की उम्र में मुंबई में अपनी आखिरी सांस ली। वह लंबे समय से किडनी से जुड़ी गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे, और किडनी फेलियर को उनकी मौत का कारण बताया जा रहा है। उनके निधन की पुष्टि प्रोड्यूसर और IFTDA के अध्यक्ष अशोक पंडित ने की है।   चरित्र अभिनेता और कॉमेडियन का सफर सतीश शाह का अभिनय करियर पाँच दशकों से अधिक लंबा रहा, जिसमें उन्होंने 400 से ज्यादा फिल्मों और कई सफल टीवी सीरियल्स में काम किया। उनका जन्म 1951 में हुआ था और उन्होंने पुणे के FTII (Film and Television Institute of India) से प्रशिक्षण लिया था।   टीवी जगत का आइकॉन: उन्हें सबसे ज्यादा पहचान हिट कॉमेडी सीरियल 'साराभाई वर्सेज साराभाई' में इंद्रावदन साराभाई (Indravadan Sarabhai) के किरदार से मिली। इस शो में उनके डायलॉग और एक्सप्रेशन आज भी कल्ट क्लासिक माने जाते हैं। 'ये जो है जिंदगी' (1984) में 55 अलग-अलग किरदार निभाकर उन्होंने घर-घर में अपनी पहचान बनाई थी।   फिल्मी करियर की शुरुआत: उन्होंने 1983 की डार्क कॉमेडी फिल्म 'जाने भी दो यारों' में एक 'लाश' (Dead Body) का आइकॉनिक किरदार निभाया था, जिसने उन्हें रातोंरात पहचान दिलाई थी। प्रमुख फिल्में: उनकी कुछ यादगार बॉलीवुड फिल्मों में 'हम आपके हैं कौन', 'मुझसे शादी करोगी', 'कल हो ना हो' और शाहरुख खान अभिनीत 'मैं हूँ ना' शामिल हैं, जहाँ उन्होंने अपनी कॉमिक टाइमिंग से जान डाल दी।   Read Also : थामा, और 'स्त्री 2' के म्यूजिक कंपोजर सचिन सांघवी गिरफ्तार, शादी और गाना देने का झांसा देकर 20 साल की युवती से यौन उत्पीड़न का आरोप   किडनी फेलियर और निधन की पुष्टि मिली जानकारी के मुताबिक, अभिनेता सतीश शाह पिछले कुछ समय से किडनी संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे। उन्होंने आज दोपहर करीब 2:30 बजे अंतिम सांस ली। आधिकारिक रूप से किडनी फेलियर को उनकी मृत्यु का कारण बताया गया है। शाह के निधन की खबर सामने आने के बाद बॉलीवुड इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है।   इंडस्ट्री में शोक की लहर मशहूर निर्माता अशोक पंडित ने सतीश शाह के निधन की पुष्टि करते हुए कहा, "जी हाँ, सतीश शाह नहीं रहे। वो मेरे अच्छे मित्र थे। किडनी फेलियर के चलते उनका निधन हो गया है। इंडस्ट्री के लिए यह एक बड़ी क्षति है।"   Public Reaction or Social Media: श्रद्धांजलि सतीश शाह के निधन की खबर से उनके फैंस स्तब्ध हैं। सोशल मीडिया पर उनके फैंस और फिल्मी सितारों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है और उनके सबसे यादगार किरदारों को याद कर रहे हैं। 'साराभाई वर्सेज साराभाई' की कास्ट और क्रू ने भी उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी है।   सिनेमा में हास्य की क्षति सतीश शाह का निधन हिंदी सिनेमा में चरित्र अभिनय और हास्य की एक पीढ़ी का अंत है। उनकी अभिनय शैली और हास्य टाइमिंग हमेशा दर्शकों के दिलों में ज़िंदा रहेगी।

दिल्ली-मेरठ Rapid Rail के साथ दौड़ने को तैयार 'Meerut Metro': जानें रूट, किराया, लागत और उद्घाटन की तारीख

उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहर मेरठ के लिए परिवहन के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत होने जा रही है। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस (रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) कॉरिडोर के साथ ही मेरठ को अपनी पहली 'मेरठ मेट्रो' मिलने जा रही है। यह न केवल शहर के अंदर कनेक्टिविटी को सुधारेगी, बल्कि दिल्ली और गाजियाबाद जैसे शहरों से भी मेरठ के सफर को आसान और तेज बना देगी।   आइए, मेरठ मेट्रो से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी पर एक विस्तृत नजर डालते हैं:   Meerut Metro की कब होगी शुरुआत? (Kab Shuru Hogi)   मेरठ मेट्रो का संचालन, दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस (जिसे 'नमो भारत' ट्रेन के नाम से भी जाना जाता है) के साथ ही शुरू होना प्रस्तावित है। हालिया अपडेट: खबरों के अनुसार, 30 सितंबर 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नमो भारत ट्रेन के आखिरी चरण (मेरठ साउथ से मोदीपुरम) और मेरठ मेट्रो का उद्घाटन किया जा सकता है। लक्ष्य: पूरी परियोजना (RRTS के साथ) को जून 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। प्राथमिकता खंड (साहिबाबाद से दुहाई) का परिचालन अक्टूबर 2023 में पहले ही शुरू हो चुका है। खासियत: यह देश का पहला ऐसा ट्रैक होगा जिस पर एक ही ट्रैक पर हाई-स्पीड नमो भारत ट्रेन और तीन कोच वाली मेरठ मेट्रो ट्रेन, दोनों एक साथ चलेंगी।   रूट मैप (Route Map) और स्टेशन   मेरठ मेट्रो कॉरिडोर दिल्ली-मेरठ RRTS कॉरिडोर का ही हिस्सा है। यह मुख्यतः मेरठ के शहरी क्षेत्र में सेवा प्रदान करेगी। कॉरिडोर का नाम: मेरठ दक्षिण से मोदीपुरम (Meerut South to Modipuram) कुल लंबाई: लगभग 23 किमी स्टेशनों की संख्या: इस कॉरिडोर में कुल 13 स्टेशन हैं। केवल मेट्रो स्टेशन: इनमें से 10 स्टेशन केवल मेरठ मेट्रो के लिए होंगे। RRTS और मेट्रो दोनों के लिए स्टेशन (Integrated Stations): मेरठ साउथ, बेगमपुल, और मोदीपुरम स्टेशन RRTS और मेरठ मेट्रो, दोनों की सेवाओं के लिए इंटीग्रेटेड (एकीकृत) होंगे। प्रमुख स्टेशन (संभावित): मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी, मेरठ सेंट्रल, भैसाली, बेगमपुल, एमईएस कॉलोनी, दौर्ली, मेरठ नॉर्थ, और मोदीपुरम। किराया (Kiraya) मेरठ मेट्रो का किराया दूरी के आधार पर तय किया जाएगा। यह किराया नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (NCRTC) द्वारा जारी किया जाएगा। नमो भारत (RRTS) का किराया (दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर के लिए): मानक (Standard) कोच: ₹20 से शुरू होकर अधिकतम ₹150 तक हो सकता है (पूरे कॉरिडोर के लिए)। प्रीमियम (Premium) कोच: ₹30 से शुरू होकर अधिकतम ₹225 तक हो सकता है (पूरे कॉरिडोर के लिए)। मेरठ मेट्रो का अनुमानित किराया: चूंकि मेरठ मेट्रो की यात्रा दूरी RRTS की तुलना में कम होगी (शहर के भीतर), इसका किराया ₹20 से ₹50 के बीच होने की संभावना है, जो यात्रियों द्वारा तय की गई दूरी पर निर्भर करेगा। मेरठ मेट्रो की आगे की योजना (Aage Ka Plan) मेरठ मेट्रो का पहला चरण (मेरठ दक्षिण से मोदीपुरम) पूरा होने के बाद, आगे की योजनाओं में शहर के विकास और कनेक्टिविटी को बढ़ाना शामिल है: दूसरा कॉरिडोर प्रस्तावित: मेरठ मेट्रो के लिए दूसरा कॉरिडोर भी प्रस्तावित है, जिसका रूट श्रद्धापुरी एक्सटेंशन से जाग्रति विहार तक हो सकता है। इस पर अभी विस्तृत काम शुरू होना बाकी है। टाउनशिप और TOD: मेरठ में ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (TOD) मॉडल पर आधारित नई टाउनशिप का विकास किया जा रहा है। ये टाउनशिप RRTS/मेट्रो स्टेशनों के आस-पास होंगी, जिससे लोग अपने कार्यस्थल (Walk to Work) और जरूरी सुविधाओं तक आसानी से पहुँच सकेंगे। इससे 2029 तक 20,000 से अधिक रोजगार उत्पन्न होने का अनुमान है। फीडर सेवाएं: स्टेशनों से अंतिम-मील कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए बस अड्डों और रेलवे स्टेशनों के लिए फीडर सेवाओं को मजबूत करने की योजना है। मेरठ मेट्रो न केवल शहर के ट्रैफिक को कम करेगी बल्कि दिल्ली-एनसीआर से मेरठ की कनेक्टिविटी को भी मजबूत करेगी, जिससे यहां के निवासियों के लिए समय और पैसे दोनों की बचत होगी। यह परियोजना मेरठ को देश के सबसे आधुनिक परिवहन नेटवर्क वाले शहरों की श्रेणी में खड़ा कर देगी।

दिल्ली दूर नहीं! 60 मिनट में दिल्ली-मेरठ का सफर होगा पूरा, जानिए पूरा रूट, सभी 25 स्टेशन, किराया और क्या है लेटेस्ट अपडेट

दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ RRTS कॉरिडोर, जिसे अब 'नमो भारत' (NaMo Bharat) ट्रेन के नाम से जाना जाता है, अब अपने अंतिम चरण में है और जल्द ही पूरी तरह से यात्रियों के लिए खोल दिया जाएगा।Read also:-Delhi–Meerut RRTS Opening Date 2025: नमो भारत रैपिड रेल से दिल्ली से मेरठ सफर सिर्फ 55 मिनट में   वो दिन अब दूर नहीं, जब मेरठ का निवासी दिल्ली के दिल कनॉट प्लेस में शॉपिंग करने और गाजियाबाद का व्यापारी मेरठ में अपने बिजनेस को विस्तार देने का सपना सिर्फ 60 मिनट में पूरा कर सकेगा। देश के सबसे महत्वाकांक्षी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट, दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (RRTS), अब हकीकत बनने की दहलीज पर है। 82 किलोमीटर का यह हाई-स्पीड कॉरिडोर लगभग तैयार है और रिपोर्ट्स के मुताबिक, अक्टूबर 2025 की शुरुआत में प्रधानमंत्री द्वारा इसका उद्घाटन किया जा सकता है।   संभावित उद्घाटन की तारीखें: मीडिया रिपोर्ट्स और निर्माण कार्य की प्रगति के अनुसार, पूरे कॉरिडोर (सराय काले खां से मोदीपुरम तक) का उद्घाटन अक्टूबर 2025 में होने की प्रबल संभावना है। ऐसी खबरें हैं कि अक्टूबर 2025 की शुरुआत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस परियोजना का शुभारंभ कर सकते हैं। पूरा कॉरिडोर: यह 82 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर दिल्ली के सराय काले खां को मेरठ के मोदीपुरम डिपो से जोड़ेगा, जिससे दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय एक घंटे से भी कम हो जाएगा। वर्तमान में परिचालन: 20 अक्टूबर 2023 से प्राथमिकता कॉरिडोर (साहिबाबाद से दुहाई डिपो) और हाल ही में न्यू अशोक नगर से मेरठ साउथ तक का खंड पहले से ही चालू है, जिसने लाखों यात्रियों को बड़ी राहत दी है।   मेरठ मेट्रो: एक ही पटरी पर रैपिड और मेट्रो का तालमेल मेरठ शहर के भीतर यात्रियों की आवाजाही को आसान बनाने के लिए मेरठ मेट्रो भी 'नमो भारत' ट्रेन के साथ ही उसी ट्रैक पर चलेगी। शुरुआत: मेरठ मेट्रो का उद्घाटन भी अक्टूबर 2025 में रैपिड रेल के साथ ही होने की उम्मीद है। रूट: यह मेट्रो सेवा मेरठ साउथ से मोदीपुरम डिपो के बीच 23 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर पर चलेगी, जिसमें 13 स्टेशन होंगे। विशेषता: यह भारत की पहली ऐसी परियोजना है जहाँ क्षेत्रीय रैपिड रेल और स्थानीय मेट्रो ट्रेनें एक ही ट्रैक को साझा करेंगी, लेकिन इनके परिचालन के समय अलग-अलग होंगे।   स्टेशन लिस्ट: कहाँ-कहाँ रुकेगी आपकी 'नमो भारत'? दिल्ली-मेरठ RRTS कॉरिडोर पर कुल 16 स्टेशन होंगे।   दिल्ली (3) गाजियाबाद (6) मेरठ (7) सराय काले खां साहिबाबाद मेरठ साउथ (कॉमन) न्यू अशोक नगर गाजियाबाद शताब्दी नगर (कॉमन) आनंद विहार गुलधर बेगमपुल (कॉमन)   दुहाई मोदीपुरम (कॉमन)   दुहाई डिपो परतापुर (सिर्फ मेट्रो)   मुरादनगर रिठानी (सिर्फ मेट्रो)   मोदीनगर दक्षिण ब्रहमपुरी (सिर्फ मेट्रो)   मोदीनगर उत्तर मेरठ सेंट्रल (सिर्फ मेट्रो)     भैंसाली (सिर्फ मेट्रो)     एमईएस कॉलोनी (सिर्फ मेट्रो)     डोरली (सिर्फ मेट्रो)     मेरठ नॉर्थ (सिर्फ मेट्रो)     मोदीपुरम डिपो (सिर्फ मेट्रो) (कॉमन स्टेशन वे हैं जहाँ 'नमो भारत' रैपिड रेल और मेरठ मेट्रो दोनों रुकेंगी।)   किराया विवरण: कितना होगा आपकी यात्रा का खर्च? 'नमो भारत' ट्रेन में दो तरह के कोच हैं: स्टैंडर्ड कोच और प्रीमियम कोच। यात्रियों को अपनी सुविधा अनुसार टिकट खरीदने का विकल्प मिलेगा।   किराया सीमा: किराया ₹20 से शुरू होता है और अधिकतम ₹225 तक जा सकता है। एक प्रमुख रूट का किराया (उदाहरण): न्यू अशोक नगर से मेरठ साउथ तक: स्टैंडर्ड कोच में ₹150 और प्रीमियम कोच में ₹225। आनंद विहार से मेरठ साउथ तक का सफर लगभग 35 मिनट में पूरा होगा, जिसका किराया इसी सीमा में होगा। भुगतान विकल्प: यात्री QR कोड-आधारित पेपर टिकट और NCMC (नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड) का उपयोग करके यात्रा कर सकेंगे।   निर्माण प्रगति और तकनीकी विशेषताएँ आरआरटीएस परियोजना का लगभग 75% से अधिक सिविल कार्य पूरा हो चुका है।   स्पीड और रोलिंग स्टॉक: 'नमो भारत' ट्रेन की डिज़ाइन गति 180 किमी/घंटा है, जबकि परिचालन गति 160 किमी/घंटा होगी। ट्रेनों में महिलाओं के लिए एक आरक्षित कोच, प्रीमियम कोच, और सभी के लिए आधुनिक सुविधाएं (Wi-Fi, लैपटॉप/मोबाइल चार्जिंग पोर्ट) उपलब्ध हैं। हरित ऊर्जा पहल: NCRTC ने अपने स्टेशनों और डिपो पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए हैं, जो परियोजना को स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा प्रदान कर रहे हैं। फाइनल अप्रूवल: दिल्ली से मेरठ तक पूरे कॉरिडोर के वाणिज्यिक परिचालन के लिए अंतिम चरण की सुरक्षा मंजूरी मिलना बाकी है, जिसके बाद इसे तुरंत खोल दिया जाएगा।   यह कॉरिडोर एनसीआर के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा, जो न केवल यात्रा को आसान बनाएगा बल्कि रोजगार, व्यापार और रियल एस्टेट को भी नई ऊंचाइयां देगा।

मेरठ के लिए ऐतिहासिक दिन: 30 सितंबर को PM मोदी करेंगे 'नमो भारत' और मेट्रो का उद्घाटन, रैपिड ट्रेन से दिल्ली से पहुंचेंगे मेरठ

मेरठ, 19 सितंबर 2025 मेरठ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए 30 सितंबर का दिन एक नए युग की शुरुआत करने जा रहा है। इस ऐतिहासिक तारीख को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की पहली रैपिड रेल 'नमो भारत' के संपूर्ण कॉरिडोर और मेरठ मेट्रो को हरी झंडी दिखाएंगे। खास बात यह है कि प्रधानमंत्री इस उद्घाटन को यादगार बनाते हुए दिल्ली से 'नमो भारत' ट्रेन में सवार होकर मेरठ के मोदीपुरम तक का सफर तय करेंगे। उनके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहेंगे।READ ALSO:-सितंबर में 'प्रलयंकारी' मानसून: हिमाचल-उत्तराखंड में बादल फटने और लैंडस्लाइड से तबाही जारी, 424 की मौत   दिल्ली से मेरठ तक ट्रेन में PM, फिर विशाल जनसभा योजना के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली से रैपिड ट्रेन के जरिए मेरठ पहुंचेंगे। यह यात्रा अपने आप में एक संदेश होगी कि दिल्ली और मेरठ के बीच की दूरी अब मिनटों में सिमट गई है। मोदीपुरम स्टेशन पर उतरने के बाद प्रधानमंत्री का काफिला शताब्दीनगर के लिए रवाना होगा, जहाँ वे एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे। इस रैली में मेरठ समेत आसपास के सभी जिलों से लाखों लोगों के जुटने की उम्मीद है, जिसके लिए तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो गई हैं।   शहर में हाई अलर्ट, घर-घर किरायेदारों की जांच प्रधानमंत्री के इस दौरे को लेकर पूरा प्रशासनिक और पुलिस अमला हाई अलर्ट पर है। गुरुवार को एडीजी भानु भास्कर ने एक उच्च-स्तरीय बैठक कर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की और कड़े इंतजामों के निर्देश दिए।   सुरक्षा एजेंसियां कोई भी ढिलाई नहीं बरतना चाहतीं। पुलिस और एलआईयू (स्थानीय अभिसूचना इकाई) की टीमों ने गुरुवार देर रात शताब्दी नगर, रिझानी और रिठानी जैसे इलाकों में घर-घर जाकर सघन चेकिंग अभियान चलाया। इस दौरान किरायेदारों और बाहर से आकर रह रहे लोगों के नाम, पते और मोबाइल नंबर दर्ज किए गए। देर रात बिजली गुल होने के बावजूद यह अभियान टॉर्च की रोशनी में जारी रहा, जो सुरक्षा की गंभीरता को दर्शाता है।   यह सुरक्षा इसलिए भी कड़ी की गई है क्योंकि प्रधानमंत्री के दौरे से ठीक पहले राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी 20 से 22 सितंबर तक मेरठ में रहेंगी और दो विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोहों में हिस्सा लेंगी।   मेरठ की नई लाइफलाइन: जानिए मेट्रो और नमो भारत का नेटवर्क यह प्रोजेक्ट मेरठ की कनेक्टिविटी को पूरी तरह से बदल देगा। नमो भारत (रैपिड रेल): दिल्ली से मेरठ तक का पूरा 82 किलोमीटर का ट्रैक अब पूरी तरह से चालू हो जाएगा। मेरठ मेट्रो: कुल लंबाई: 23 किलोमीटर (18 किमी एलिवेटेड, 5 किमी भूमिगत) कुल स्टेशन: 13 (मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी, मेरठ सेंट्रल, भैसाली, बेगमपुल, एमईएस कॉलोनी, डौरली, मेरठ नॉर्थ, मोदीपुरम और मोदीपुरम डिपो)। भूमिगत स्टेशन: मेरठ सेंट्रल, भैसाली और बेगमपul।   एक ही टिकट पर दोनों में सफर: यात्रियों की सुविधा के लिए चार स्टेशनों- मेरठ साउथ, शताब्दी नगर, बेगमपुल और मोदीपुरम को कॉमन स्टेशन बनाया गया है, जहाँ यात्री नमो भारत और मेट्रो के बीच आसानी से स्विच कर सकेंगे।

दिवाली 2025 की तारीख पर बड़ा कन्फ्यूजन खत्म! काशी के विद्वानों ने बताया 20 या 21 अक्टूबर, कब मनेगी दीपावली

इस वर्ष दीपावली की सही तिथि को लेकर पंचांगों में भिन्नता के कारण आम लोगों में बना कन्फ्यूजन अब दूर हो गया है। कुछ पंचांगों में 20 अक्टूबर तो कुछ में 21 अक्टूबर को दिवाली बताई जा रही थी। इस भ्रम की स्थिति को समाप्त करते हुए देश की सर्वोच्च धार्मिक संस्थाओं में से एक, श्री काशी विद्वत परिषद, ने स्पष्ट कर दिया है कि संपूर्ण देश में दीपावली का महापर्व सोमवार, 20 अक्टूबर 2025 को ही मनाया जाएगा।READ ALSO:-यूपी में कुदरत का डबल अटैक: पूर्वांचल में 'जल प्रलय' ने तोड़ा 136 साल का रिकॉर्ड, अब पश्चिमी यूपी के 23 जिलों में भारी बारिश-ओलों का अलर्ट!   क्यों 20 अक्टूबर है सही तिथि? काशी विद्वत परिषद के ज्योतिष प्रकोष्ठ के मंत्री और बीएचयू के प्रोफेसर विनय कुमार पांडेय के अनुसार, सनातन धर्म में पर्वों का निर्धारण तिथियों की गणितीय गणना और शास्त्रों के आधार पर होता है। दीपावली कार्तिक मास की अमावस्या को प्रदोष काल में मनाई जाती है। प्रदोष काल का अर्थ है सूर्यास्त के बाद का समय।   इस वर्ष कार्तिक अमावस्या तिथि की शुरुआत 20 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 56 मिनट पर होगी और यह 21 अक्टूबर की शाम 4 बजकर 26 मिनट तक रहेगी। 20 अक्टूबर को, जब सूर्यास्त होगा, तब अमावस्या तिथि विद्यमान रहेगी और पूरे प्रदोष काल को कवर करेगी। लक्ष्मी पूजन और दीपदान के लिए यह शास्त्र सम्मत और शुभ मुहूर्त है। 21 अक्टूबर को, अमावस्या तिथि शाम 4 बजकर 26 मिनट पर ही समाप्त हो जाएगी, जबकि सूर्यास्त लगभग 5 बजकर 40 मिनट पर होगा। इसका अर्थ है कि सूर्यास्त और प्रदोष काल के समय अमावस्या तिथि नहीं रहेगी, बल्कि प्रतिपदा तिथि लग चुकी होगी।   ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषि द्विवेदी ने भी स्पष्ट किया कि ब्रह्म पुराण के अनुसार, कार्तिक अमावस्या की रात्रि में ही देवी लक्ष्मी और कुबेर भ्रमण करते हैं। यह रात्रि व्यापिनी और प्रदोष व्यापिनी अमावस्या 20 अक्टूबर को ही प्राप्त हो रही है। अतः इसी दिन लक्ष्मी-कुबेर पूजन और दीपोत्सव मनाना श्रेष्ठ है।   21 अक्टूबर को होगी स्नान-दान की अमावस्या विद्वानों ने यह भी स्पष्ट किया कि 21 अक्टूबर को सूर्योदय के समय अमावस्या तिथि होने के कारण इस दिन स्नान, दान और पितरों के लिए श्राद्ध कर्म करना उत्तम रहेगा। इसलिए, 21 अक्टूबर की तिथि धार्मिक कार्यों के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन दीपावली का मुख्य पर्व 20 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा।   इस स्पष्टीकरण के बाद अब लोगों को अपने त्योहार की तैयारियों को लेकर किसी भी तरह के भ्रम में रहने की आवश्यकता नहीं है।

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खबरीलाल डेस्क

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heart attack blood group risk study reveals
आपका ब्लड ग्रुप 'O' नहीं है? तो सावधान! स्टडी में हुआ चौंकाने वाला खुलासा, इन 3 ब्लड ग्रुप वालों को है हार्ट अटैक का सबसे ज्यादा खतरा

हाल के वर्षों में कई वैज्ञानिक अध्ययनों ने इस बात का दावा किया है कि किसी व्यक्ति का ब्लड ग्रुप (Blood Group) दिल की बीमारियों के खतरे को प्रभावित कर सकता है। सामान्यतः चार मुख्य ब्लड ग्रुप होते हैं – A, B, AB और O। आपका ब्लड ग्रुप ABO जीन पर निर्भर करता है, जो हमें माता-पिता से विरासत में मिलता है। कई स्टडीज से पता चला है कि O ब्लड ग्रुप की तुलना में कुछ अन्य ब्लड ग्रुप्स में हार्ट अटैक (Heart Attack) का जोखिम अधिक होता है।   किस ब्लड ग्रुप को हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा है? साल 2012, 2017 और 2020 में हुई अलग-अलग स्टडीज के आंकड़ों के अनुसार, हार्ट अटैक का खतरा नॉन-ओ ब्लड ग्रुप (Non-O Blood Groups) वाले लोगों में अधिक देखा गया है:   स्टडी का वर्ष तुलनात्मक ब्लड ग्रुप हार्ट अटैक का खतरा जनवरी 2020 टाइप A और B की तुलना में टाइप O A में 8% और B में 10% ज्यादा साल 2017 O ब्लड ग्रुप के अलावा बाकी सभी 9% ज्यादा साल 2012 O ब्लड ग्रुप की तुलना में AB में 23%, B में 11% और A में 5% ज्यादा   इन स्टडीज के आंकड़ों का सार यह है कि जिन लोगों का ब्लड टाइप A, B, या AB है, उनमें O ब्लड ग्रुप वाले लोगों की तुलना में हार्ट अटैक का खतरा अधिक होता है। इनमें भी, टाइप AB और B को सबसे ज्यादा जोखिम वाला माना गया है।   इन ब्लड ग्रुप्स में हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा क्यों है? शोधकर्ताओं ने नॉन-ओ ब्लड ग्रुप्स (A, B, AB) में हार्ट अटैक का खतरा अधिक होने के पीछे दो प्रमुख कारण पाए हैं: खून के थक्के बनने का खतरा: नॉन-ओ ब्लड ग्रुप्स में वॉन विलेब्रैंड फैक्टर (Von Willebrand Factor) और फैक्टर VIII जैसे खून के थक्के बनने से जुड़े कारक (Clotting Factors) O ब्लड ग्रुप वाले लोगों की तुलना में अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। ये थक्के धमनियों में जमा होकर उन्हें ब्लॉक कर सकते हैं, जिससे Heart Attack Risk बढ़ जाता है। सूजन (इंफ्लेमेशन): इन ब्लड ग्रुप्स में इंफ्लेमेशन मार्कर (सूजन का खतरा) भी ज्यादा होता है, जो धमनियों की दीवारों को नुकसान पहुँचा सकता है और दिल की बीमारियों को बढ़ा सकता है।   सबसे बड़ा जोखिम ब्लड ग्रुप नहीं, जीवनशैली है चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, किसी व्यक्ति का ब्लड ग्रुप केवल एक आनुवंशिक जोखिम कारक (Genetic Risk Factor) है। हार्ट अटैक का सबसे बड़ा और सबसे महत्वपूर्ण कारण ब्लड ग्रुप नहीं, बल्कि आपकी लाइफस्टाइल और रोजमर्रा की आदतें होती हैं। नियंत्रण योग्य कारक: हाई कोलेस्ट्रॉल, मोटापा, अत्यधिक शराब का सेवन, धूम्रपान, उच्च रक्तचाप (Blood Pressure) और खराब खान-पान जैसी समस्याएं दिल की दिक्कतों (Heart Problems) की वजह बनती हैं। सलाह: ब्लड ग्रुप चाहे कोई भी हो, स्वस्थ जीवनशैली, संतुलित डाइट और नियमित व्यायाम करके हार्ट अटैक के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।     लाइफस्टाइल पर ध्यान देना सबसे जरूरी यह जानना जरूरी है कि ब्लड ग्रुप हार्ट अटैक के कई जोखिम कारकों में से सिर्फ एक है। ब्लड ग्रुप से कहीं ज्यादा आपकी लाइफस्टाइल, खानपान और रोजमर्रा की आदतें दिल की बीमारियों (Heart Problems) की वजह बनती हैं।   इसलिए, आपका ब्लड ग्रुप कोई भी हो, अपनी जीवनशैली और डाइट का खास ख्याल रखें। हाई कॉलेस्ट्रोल, मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर और स्मोकिंग जैसी आदतें हार्ट अटैक के सबसे बड़े रिस्क फैक्टर्स में शामिल हैं। इनसे बचकर रहना ही दिल को सुरक्षित रखने का सबसे अच्छा तरीका है।   अस्वीकरण: इस खबर को सामान्य जानकारी के तौर पर लिखा गया है। यह किसी भी तरह से डॉक्टरी सलाह का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें या चिकित्सक से परामर्श करें। खबरीलाल मीडिया इस जानकारी की सटीकता का कोई दावा नहीं करता है।

Manoj Kumar अक्टूबर 23, 2025 0
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Fatty Liver Symptoms
युवाओं के 'डिजिटल लाइफस्टाइल' का घातक परिणाम: IT प्रोफेशनल्स में तेजी से बढ़ रही फैटी लिवर की बीमारी

दुनियाभर में 'फैटी लिवर' की बीमारी तेजी से फैल रही है, और सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इसकी चपेट में सबसे ज्यादा युवा आ रहे हैं। यह एक गंभीर स्थिति है, क्योंकि यह सीधे तौर पर हमारी बिगड़ती जीवनशैली से जुड़ी है। हाल ही के आंकड़ों से पता चला है कि भारत में, खासकर डेस्क जॉब करने वाले या आईटी प्रोफेशनल्स में यह बीमारी बहुत ज्यादा बढ़ रही है। इंडियन मेडिकल काउंसिल की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस क्षेत्र में काम करने वाले लगभग 84% कर्मचारियों में फैटी लिवर पाया गया है।   क्या है फैटी लिवर और क्यों बढ़ रहे हैं इसके मामले? फैटी लिवर लिवर से संबंधित एक बीमारी है, जिसमें लिवर में बहुत ज्यादा मात्रा में वसा (फैट) जमा हो जाता है। इसके दो मुख्य प्रकार होते हैं: एल्कोहॉलिक फैटी लिवर (AFLD): यह शराब के अधिक सेवन से होता है। नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लिवर (NAFLD): यह उन लोगों में होता है जो शराब नहीं पीते हैं।   पहले AFLD के मामले ज्यादा होते थे, लेकिन अब NAFLD के मामले तेजी से बढ़े हैं। इसका सबसे बड़ा कारण हमारी सेडेंटरी लाइफस्टाइल है, जहां लोग घंटों तक बैठे रहते हैं और शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं होते।   मोटापा और गलत खान-पान है सबसे बड़ा कारण सर गंगा राम अस्पताल के गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट बताते हैं कि नॉन-अल्कोहॉलिक फैटी लिवर का सबसे बड़ा कारण मोटापा है, जो गलत खान-पान और शारीरिक गतिविधि की कमी से होता है। डेस्क जॉब और फास्ट फूड: आईटी प्रोफेशनल्स और डेस्क जॉब करने वाले लोग पूरे दिन कुर्सी पर बैठे रहते हैं। इसके अलावा, वे अक्सर फास्ट फूड का सेवन करते हैं, जिससे शरीर में कैलोरी और फैट की मात्रा बढ़ती है। अन्य कारण: इसके अलावा, मीठे पेय पदार्थों का अधिक सेवन, समय पर न सोना, नींद पूरी न करना, हार्मोनल असंतुलन और तनाव भी फैटी लिवर के प्रमुख कारण हैं। तनाव से अक्सर लोग ओवरईटिंग करने लगते हैं, जिससे वजन बढ़ता है।   कैसे पहचानें फैटी लिवर के शुरुआती संकेत?  फैटी लिवर को अक्सर 'साइलेंट किलर' कहा जाता है क्योंकि इसके शुरुआती लक्षण अक्सर नजरअंदाज कर दिए जाते हैं। हालांकि, इन संकेतों को समय पर पहचानना जरूरी है: लगातार थकान और कमजोरी महसूस करना। पेट के ऊपरी हिस्से में हल्का दर्द या भारीपन होना। पेट में सूजन। वजन का तेजी से बढ़ना। त्वचा और आंखों का पीला पड़ना (पीलिया)।   समय रहते इस बीमारी को नियंत्रित करना बहुत जरूरी है, क्योंकि अगर इसका इलाज न हो तो यह आगे चलकर लिवर सिरोसिस और लिवर कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों का खतरा बढ़ा सकता है। अपनी जीवनशैली में बदलाव कर इस बीमारी से बचा जा सकता है।  

Manoj Kumar सितम्बर 8, 2025 0

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