जैन धर्म के महापर्व पर्युषण का हुआ समापन, मनाया गया क्षमावाणी पर्व

 डॉ प्रज्ञा जैन द्वारा मंगलाचरण की प्रस्तुति दी गई। हेमलता जैन रचना ने बताया कि मुख्य अतिथि पंडित अरविंद जी शास्त्री ने अपने उद्बोधन में क्षमावाणी का मर्म बहुत ही सुंदर व सहज वाणी प्रस्तुत किया।

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महापर्व पर्युषण

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Bhopal Saket Nagar Jain Mandir: भोपाल के साकेत नगर स्थित श्री 1008 भगवान महावीर दिगम्बर जैन मंदिर में महापर्व पर्युषण (Paryushan Mahaparv) के समापन पर सामूहिक क्षमावाणी महोत्सव (apology festival) एवं पुरस्कार विरतण कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सेंट्रल संस्कृत यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. योगेश कुमार जैन और डॉ पंकज जैन शास्त्री रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन, मंगलाचरण एवं आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के चित्र अनावरण से हुआ।

 

महापर्व पर्युषण

 

डॉ प्रज्ञा जैन द्वारा मंगलाचरण की प्रस्तुति दी गई। हेमलता जैन रचना ने बताया कि मुख्य अतिथि पंडित अरविंद जी शास्त्री ने अपने उद्बोधन में क्षमावाणी का मर्म बहुत ही सुंदर व सहज वाणी प्रस्तुत किया।

 

जहां क्षमावाणी का पर्व मन की कलुषता धोने का पर्व है वहीं इसे मैत्री दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। क्षमा मांगने से व्यक्ति छोटा नहीं होता बल्कि और बड़ा हो जाता है। झुकता वही है जिसमें जान होती है अर्थात जिसमें रिश्तों को निभाने की चाह और सामर्थ्य होती है वही झुकता है। क्षमायाचना सरल ह्रदय की निशानी है। आत्मा का स्वभाव ही क्षमा है, क्रोध आत्मा का शत्रु है, अतः हमें पेड़-पौधे से लेकर पशु-पक्षी तक समस्त प्राणी मात्र पर दया का भाव रखना चाहिए। हमें क्षमा को आत्मा में धारण करना है, जिससे हमारे चारों तरफ सुख सुख शांति का वातावरण बना रहे।" - पंडित अरविंद जी शास्त्री

 

कार्यक्रम में नन्हें मुन्ने बच्चों ने भजनों की प्रस्तुति दी। इसके बाद कोरोना के कारण दुनिया छोड़ चुके स्व. सुखानंद जैन, स्व. कुसुम जैन, स्व. राजेश जैन, स्व. राजकुमार जैन नोहरां कला एवं स्व. बसंत कुमार जैन को श्रद्धांजलि समर्पित करते हुए समाज में उनके योगदान के लिए उनके परिजनों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए। इसके साथ ही सभी दिवंगतों की आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन भी रखा गया।

 

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स्व. सुखानंद जैन के परिजनों ने उनकी स्मृति में साकेत नगर जैन समाज मंदिर को ऑक्सिजन कंसन्ट्रेटर प्रदान किया। अजय प्रकाश जैन ने "सामाजिक एकता का महत्त्व" विषय विस्तार से चर्चा की। इसके बाद साकेत नगर जैन समाज के अध्यक्ष नरेंद्र टोंग्या ने हमेशा की तरह अपने सकारात्मक व ऊर्जावान उद्बोधन से सभी को हर्ष से ओतप्रोत कर दिया।

 

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नरेंद्र टोंग्या, कोषाध्यक्ष महेंद्र जैन, सचिव ताराचंद जैन एवं कमेटी के सदस्यों ने समाज के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं एवं दस दिनों में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बेहतरीन प्रस्तुतियां देने वाले विजेताओं को पुरूस्कार वितरण कर उनका उत्साहवर्धन किया। इसके साथ ही समाज के कोरोना योद्धाओं तथा विशिष्ट सामाजिक योगदान देने वाले सदस्यों को भी उपहार देकर सम्मानित किया।

 

सांस्कृतिक कार्यक्रमों के व्यवस्थापक देवेश जैन, सफल मंच संचालन डॉ. नेहल जैन शाह तथा तन्मय जैन रहे। इस दौरान मंदिर कमेटी के पदाधिकारी, पिपलानी जैन मंदिर के अध्यक्ष डीके जैन अरिहंत, सचिव अतुल सिंघई, बागसेवनिया जैन मंदिर के उपाध्यक्ष अरविंद जैन पंत सहित अन्य विशिष्ट जन मौजूद रहे।

 

महापर्व पर्युषण

पर्युषण पर्व के दौरान अपनी ओजमयी वाणी तथा ज्ञानपूर्ण प्रवचनों से सबका मन मोहित कर देने में सिद्धहस्त डॉ. पंकज जी शास्त्री को ससम्मान भावभीनी विदाई दी गई। इसके बाद सभी ने सामूहिक भोज का आनंद लिया। अध्यक्षीय भाषण नरेन्द्र टोंग्या तथा आभार प्रदर्शन पीसी जैन ने किया।

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