Ganesh Chaturthi 2021 : भगवान गणेश की कृपा से सुख-शांति और सौभाग्य की होती है प्राप्ति, शुभ मुहूर्त जानें
आज पूरे देश में गणेश चतुर्थी मनाई जा रही है। आज से भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित की जाएंगी। 19 सितंबर को मूर्ति विसर्जन किया जाना है। हालांकि सभी राज्यों जुलूस पर रोक लगाई हुई है।
Sep 10, 2021, 10:02 IST
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Ganesh Chaturthi 2021 : आज गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया जा रहा है। आज से गणेशोत्सव शुरू होगा और 19 सितंबर को अनंत चतुर्दशी पर गणेश विसर्जन किया जाएगा। आज ब्रह्म और रवियोग में गणपति स्थापना होगी। गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा की जाती है। गणेश चतुर्थी के दिन पूजन का शुभ मुहूर्त 12 बजकर 17 मिनट पर अभिजीत मुहूर्त से शुरू होगा और रात 10 बजे तक पूजन का शुभ समय रहेगा। इस साल गणेश चतुर्थी पर भद्रा का साया नहीं रहेगा। गणेश चतुर्थी के दिन 11 बजकर 09 मिनट से 10 बजकर 59 मिनट तक पाताल निवासिनी भद्रा रहेगी। शास्त्रों के अनुसार, पाताल निवासिनी भद्रा का योग शुभ माना जाता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की कृपा से सुख-शांति और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
गणेश चतुर्थी शुभ मुहूर्त : Ganesh chaturthi Shubh Muhurat
ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04:31 से सुबह 05:17
अभिजित मुहूर्त- सुबह 11:53 से दोपहर 12:43
विजय मुहूर्त- दोपहर 02:23 से दोपहर 03:12
गोधूलि मुहूर्त- शाम 06:20 से शाम 06:44
अमृत काल- 06:59 ए एम से 08:28 ए एम
रवि योग- सुबह 06:04 से दोपहर 12:58
अभिजित मुहूर्त- सुबह 11:53 से दोपहर 12:43
विजय मुहूर्त- दोपहर 02:23 से दोपहर 03:12
गोधूलि मुहूर्त- शाम 06:20 से शाम 06:44
अमृत काल- 06:59 ए एम से 08:28 ए एम
रवि योग- सुबह 06:04 से दोपहर 12:58
ये है पूजा सामग्री पूरी लिस्ट
भगवान गणेश की प्रतिमा
लाल कपड़ा
दूर्वा
जनेऊ
कलश
नारियल
पंचामृत
पंचमेवा
गंगाजल
रोली
मौली लाल
पूजा के समय ऊं गं गणपतये नम: मंत्र का जाप करें। प्रसाद के रूप में मोदक और लड्डू वितरित करें।
लाल कपड़ा
दूर्वा
जनेऊ
कलश
नारियल
पंचामृत
पंचमेवा
गंगाजल
रोली
मौली लाल
पूजा के समय ऊं गं गणपतये नम: मंत्र का जाप करें। प्रसाद के रूप में मोदक और लड्डू वितरित करें।
गणपति बप्पा को लगाएं भोग
गणेश जी को पूजन करते समय दूब, घास, गन्ना और बूंदी के लड्डू अर्पित करने चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं। कहते हैं कि गणपति जी को तुलसी के पत्ते नहीं चढ़ाने चाहिए। मान्यता है कि तुलसी ने भगवान गणेश को लम्बोदर और गजमुख कहकर शादी का प्रस्ताव दिया था, इससे नाराज होकर गणपति ने उन्हें श्राप दे दिया था।