5th Navratri : पांचवे नवरात्रि पर आज स्कंदमाता की करें पूजा, ये है शुभ मुहूर्त, जानें कैसे करें मां की पूजा
स्कंदमाता की पूजा करने से नकारात्मक शक्तियों का सर्वनाश होता है और असंभव कार्य संभव हो जाते हैं। स्कंदमाता अपने भक्तों पर पुत्र के समान ही स्नेह लुटाती हैं।
Oct 10, 2021, 00:38 IST
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5th Navratri : आज नवरात्र शुरू हुए चार दिन हो गए हैं, लेकिन तिथि के हिसाब से यह पांचवा नवरात्र है। दरअसल इस बार तृतीया और चतुर्थी एक ही दिन शनिवार को पड़ा था, इस वजह से आज नवरात्र के पांचवे दिन माता के स्वरूप स्कंदमाता की पूजा की जाएगी। मान्यता के अनुसार स्कंदमाता की पूजा करने से नकारात्मक शक्तियों का सर्वनाश होता है और असंभव कार्य संभव हो जाते हैं। स्कंदमाता अपने भक्तों पर पुत्र के समान ही स्नेह लुटाती हैं।
मां स्कंदमाता का स्वरूप
- स्कंदमाता का आसन कमल का फूल है इसी कारण इन्हें पद्मासना देवी भी कहा जाता है। पार्वती एवं उमा नाम से भी मां स्कंदमाता को जाना जाता है। मां स्कंदमाता सूर्यमंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं। स्कंदमाता की विधि विधान से उपासना करने से संतान की प्राप्ति होती है। मां का वाहन सिंह है। Read Also : लेना है 10 हजार से कम कीमत का स्मार्टफोन तो देखें लिस्ट, बेहतरीन फीचर्स से हैं लैस; Amazon पर मिल रहा शानदार डिस्काउंट
मां स्कंदमाता को प्रिय हैं ये चीजें
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मां की उपासना से नकारात्मक शक्तियों का नाश तो होता ही है साथ ही परम शांति और सुख का अनुभव भी होता है। मां स्कंदमाता को सफेद रंग बेहद प्रिय है। इसीलिए माता की पूजा में सफेद रंगों के कपड़ों का प्रयोग करना चाहिए। मां की पूजा के समय पीले रंग के वस्त्र पहनने चाहिए।
शुभ मुहूर्त-
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ब्रह्म मुहूर्त- 04:40 ए एम से 05:29 ए एम
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अभिजित मुहूर्त - 11:45 ए एम से 12:31 पी एम
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विजय मुहूर्त - 02:04 पी एम से 02:51 पी एम
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गोधूलि मुहूर्त - 05:45 पी एम से 06:09 पी एम
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रवि योग - 02:44 पी एम से 07:54 पी एम
स्कंदमाता पूजा विधि...
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सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
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गंगाजल से मां की प्रतिमा को स्नान कराएं।
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माता की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करें।
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रोली कुमकुम भी लगाएं।
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मिष्ठान और पांच प्रकार के फलों का भोग लगाएं।
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मां स्कंदमाता का अधिक से अधिक ध्यान करें।
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मां की आरती अवश्य करें।
मां का भोग
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मां को केले का भोग बेहद प्रिय है। मां को खीर का प्रसाद भी अर्पित करें।
संतान सुख की प्राप्ति होती है
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मां स्कंदमाता की कृपा से संतान सुख की प्राप्ति होती है। मां को विद्यावाहिनी दुर्गा देवी भी कहा जाता है। मां की उपासना से अलौकिक तेज की प्राप्ति होती है।
स्कंदमाता का मंत्र...
या देवी सर्वभूतेषु माँ स्कंदमाता रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
या देवी सर्वभूतेषु माँ स्कंदमाता रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।