मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में रिश्तों को तार-तार करने वाली एक खौफनाक वारदात सामने आई है। यहाँ एक पिता ने 'देखभाल नहीं करने' से नाराज होकर अपने इकलौते बेटे की गोली मारकर हत्या कर दी। उसने अपनी बहू पर भी गोली चलाई, जो गंभीर रूप से घायल है और उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है।Read also:-मुरादाबाद: मदरसे का शर्मनाक फरमान! 7वीं की छात्रा से 8वीं में एडमिशन के लिए मांगा 'वर्जिनिटी सर्टिफिकेट' वारदात के बाद आरोपी पिता मौके से फरार नहीं हुआ। सूचना पर पहुंची पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया है और लाइसेंसी बंदूक भी बरामद कर ली है। यह दिल दहला देने वाली घटना शुक्रवार सुबह करीब 11 बजे भोपा थाना क्षेत्र के मोहल्ला चौक में हुई। घायल बहू ने बताई खौफनाक आपबीती जिला अस्पताल में भर्ती घायल बहू रविता ने पूरी घटना की जानकारी दी। उसने बताया कि आरोपी ससुर ब्रजवीर सिंह (55) खेती-किसानी करते हैं और उनके पास 22 बीघा खेती है। रविता ने बताया, "आज सुबह करीब 11 बजे घर में झगड़ा हुआ। थोड़ी देर बाद मेरे ससुर ब्रजवीर सिंह ने अपनी लाइसेंसी 12 बोर की बंदूक निकाल ली और हम दोनों (पति-पत्नी) पर गोली चला दी।" रविता ने रोते हुए कहा, "पहली गोली पति (रॉबिन) को लगी, गोली उनके पेट में लगी और वे जमीन पर गिर पड़े। मैं बचने के लिए भागी तो ससुर ने सामने आकर मुझे भी गोली मार दी। जैसे ही उन्होंने फायर किया, मैंने बंदूक पकड़ ली, इससे गोली (बुलेट) मेरे हाथ में लग गई।" फायरिंग की आवाज सुनकर आसपास के लोग और पड़ोसी दौड़कर मौके पर पहुंचे। पुलिस को सूचना दी गई और घायल पति-पत्नी को तुरंत कार से सीएचसी ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने रविता के पति रॉबिन को मृत घोषित कर दिया। 5 साल पहले हो चुकी है पत्नी की मौत पड़ोसियों ने बताया कि आरोपी ब्रजवीर की पत्नी की 5 साल पहले मौत हो चुकी है। घर में इकलौता बेटा रॉबिन और बहू रविता ही थे, जो उसकी सेवा करते थे। रॉबिन के दो बच्चे हैं- बेटा आकर्ष (16) जो 12वीं में है और बेटी अक्षि (9) जो कक्षा 4 में पढ़ती है। पड़ोसी ओमबीर ने बताया कि ब्रजवीर का बेटे-बहू से सेवा और देखभाल को लेकर पहले भी लड़ाई-झगड़ा होता रहता था। आज भी इसी बात पर विवाद बढ़ा और ब्रजवीर ने यह खौफनाक कदम उठा लिया। एसएसपी मौके पर पहुंचे वारदात की सूचना मिलते ही एसएसपी संजय कुमार और फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंची। फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल से सबूत जुटाए। एसएसपी संजय कुमार ने बताया, "आरोपी ने देखभाल नहीं करने के विवाद में लाइसेंसी बंदूक से बेटे और बहू को गोली मारी है। बेटे की मौत हो गई है और बहू घायल है। आरोपी पिता को हिरासत में ले लिया गया है, उससे पूछताछ की जाएगी। बहू का भी बयान दर्ज किया गया है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।"
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के चरथावल थाना क्षेत्र से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहाँ मोहम्मद आरिफ (30) नामक एक युवक ने अपनी पत्नी और ससुराल वालों से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। आरिफ ने मरने से ठीक पहले एक वीडियो बनाया, जिसमें उसने अपनी पत्नी और सास-ससुर पर रोज़ाना टॉर्चर करने का आरोप लगाया है। ढाई महीने पहले ही आरिफ की शादी हुई थी। मुजफ्फरनगर सुसाइड के इस मामले में पुलिस को आरिफ के मोबाइल से सुसाइड वीडियो बरामद हुआ है।READ ALSO:-UP एक्सप्रेस-वे पर सफर होगा हाईटेक और सेफ! CM योगी का बड़ा फैसला, हर 100KM पर खुलेगी फायर चौकी, आग लगते ही 'गोल्डन ऑवर' में पहुंचेगी टीम पत्नी से अनबन और मायके रहने का दबाव मृतक मो. आरिफ मुजफ्फरनगर की एक फैक्ट्री में काम करते थे। उनके पिता सरताज ने पुलिस को बताया कि आरिफ की शादी ढाई महीने पहले नई मंडी थाना के सरवट गांव की फरीन (27) से हुई थी। अनबन की शुरुआत: शादी के तुरंत बाद से ही फरीन और आरिफ में अनबन शुरू हो गई थी। फरीन अक्सर अपने मायके चली जाती थी और आरिफ पर भी साथ चलने का दबाव बनाती थी। पिता का आरोप: पिता सरताज का दावा है कि उनकी बहू फरीन चाहती थी कि आरिफ अपने माता-पिता को छोड़कर उसके मायके में रहे, जिसके लिए आरिफ तैयार नहीं था। आरिफ के इनकार करने पर फरीन झगड़ा करती थी और उसे प्रताड़ित किया जाता था। टहलने के बहाने घर से निकले और खाया जहर मंगलवार की शाम ड्यूटी से लौटने के बाद आरिफ ने घर पर बताया कि वह टहलने जा रहा है। घटना: जब एक घंटे तक आरिफ वापस नहीं लौटे और घरवालों ने उन्हें खाना खाने के लिए फोन किया, तो आरिफ ने केवल 'कुछ देर में आता हूं' कहकर तत्काल फोन काट दिया। खोजबीन: शक होने पर घरवाले खोजने निकले। घर से लगभग 500 मीटर दूर एक खेत में आरिफ बेहोश पाए गए। डॉक्टरों की पुष्टि: परिजन उन्हें तत्काल बेगराजपुर मेडिकल कॉलेज ले गए, जहाँ इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। डॉक्टरों ने आरिफ के जहर खाने की पुष्टि की है। वीडियो में क्या कहा: पीड़ित के अंतिम शब्द पुलिस को मौके से आरिफ का मोबाइल फोन मिला, जिसमें आत्महत्या से पहले बनाया गया वीडियो सुरक्षित था। वीडियो में आरिफ ने अपने दर्द को हूबहू बयां किया है: "मेरा नाम मोहम्मद आरिफ है। मैं अपनी जिंदगी से तंग आ गया हूं, अपनी सास-ससुर और घरवाली से परेशान हूं। रोज का टॉर्चर अब बर्दाश्त नहीं होता। मेरे सास-ससुर ने मुझे परेशान करके रख दिया है। मेरे मां-बाप और भाइयों का ख्याल रखना। भाई, बहुत परेशान हो गया हूं... बस इतनी ही जिंदगी थी, मुझे माफ कर दो।" सीओ बोले- जांच कर एक्शन लेंगे इस घटना की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम कराया है और मामला दर्ज कर लिया है। सीओ सदर का बयान: सीओ सदर डॉ. रविशंकर मिश्रा ने बताया कि युवक ने अपनी पत्नी और ससुरालियों पर प्रताड़ना (Torture) का आरोप लगाया है। पुलिस इस मामले के हर एंगल पर गहन जांच कर रही है और जांच पूरी होने के बाद कानूनी एक्शन लिया जाएगा। सोशल मीडिया पर न्याय की मांग इस घटना ने सोशल मीडिया पर लोगों को झकझोर कर रख दिया है। सुसाइड वीडियो के वायरल होने के बाद लोग आरिफ के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त कर रहे हैं और पत्नी तथा ससुराल वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। प्रताड़ना के आरोपों की जांच यह मामला वैवाहिक संबंधों में पुरुष प्रताड़ना (Male Torture) और मानसिक उत्पीड़न के गंभीर मुद्दे को सामने लाता है। पुलिस की जांच अब इस बात पर केंद्रित है कि आरिफ ने वीडियो में जिन लोगों पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है, उनके खिलाफ क्या साक्ष्य मौजूद हैं।
मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में मंगलवार को उस वक्त हड़कंप मच गया, जब एक आशिक मिजाज युवक अपनी प्रेमिका से मिलने की जिद पर एक मोबाइल टावर पर चढ़ गया। युवक की मांग थी कि जब तक उसकी प्रेमिका को मौके पर नहीं बुलाया जाता, वह नीचे नहीं उतरेगा। इस हाई-वोल्टेज ड्रामे की सूचना मिलते ही पुलिस और दमकल विभाग की टीमों के हाथ-पांव फूल गए। घंटों की कड़ी मशक्कत और मान-मनौव्वल के बाद युवक को सुरक्षित नीचे उतारा जा सका।READ ALSO:-भरोसे का 'कसाई'! ड्राइवर ने मालिक का ट्रक 'काट' डाला, पुर्जे-पुर्जे बेचकर बना रहा था जनरेटर क्या है पूरा मामला? यह ঘটনা नई मंडी कोतवाली क्षेत्र का है, जहां रामलीला ग्राउंड के पीछे स्थित एक टावर पर आज एक युवक चढ़ गया। पुलिस जांच में युवक की पहचान खतौली थाना क्षेत्र के चांदपुरी गांव निवासी राजकुमार के रूप में हुई। दरअसल, राजकुमार का अपने पड़ोस के गांव की एक युवती से प्रेम प्रसंग चल रहा था। जब युवती के परिजनों को इस रिश्ते के बारे में पता चला, तो उन्होंने इसका विरोध किया और अपनी बेटी को कहीं दूर रिश्तेदारी में भेज दिया। प्रेमिका से जुदाई बनी टावर पर चढ़ने की वजह अपनी प्रेमिका से दूर होकर आहत हुए राजकुमार ने यह खतरनाक कदम उठा लिया। वह टावर पर चढ़ गया और अपनी प्रेमिका को वापस बुलाने और उससे मिलने की गुहार लगाने लगा। टावर पर चढ़े युवक को देखकर आसपास भारी भीड़ जमा हो गई। घंटों चली मान-मनौव्वल, तब उतरा 'वीरू' मामले की सूचना मिलते ही सीओ नई मंडी राजू साव पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम के साथ मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने युवक को समझाने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह अपनी मांग पर अड़ा रहा। घंटों की मशक्कत के बाद, पुलिस टीम, फायर ब्रिगेड और नगर पालिका की टीम ने लगातार बातचीत कर उसे भरोसा दिलाया, जिसके बाद वह सुरक्षित नीचे उतरने को राजी हुआ। पुलिस ने क्या कहा? सीओ नई मंडी राजू साव ने बताया, "सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति टावर पर चढ़ गया है। टीम मौके पर पहुंची। पता चला कि युवक का नाम राजकुमार है और वह खतौली के चांदपुरी का रहने वाला है। एक युवती के साथ प्रेम प्रसंग का मामला था, युवती के कहीं चले जाने पर युवक की मांग थी कि उसे उसके साथ रहने दिया जाए और बात कराई जाए। बातचीत के बाद उसे सुरक्षित उतार लिया गया है। थाने पर उसकी काउंसलिंग की जा रही है और परिजनों को सौंप दिया गया है।" पुलिस ने मामले में युवक के खिलाफ केस दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
मुजफ्फरनगर। सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील माने जाने वाले मुजफ्फरनगर शहर में एक बार फिर माहौल तनावपूर्ण हो गया है। शहर के मुस्लिम बाहुल्य इलाके मीनाक्षी चौक पर कुछ तथाकथित हिंदूवादी संगठनों द्वारा रातों-रात "महर्षि वाल्मीकि चौक" का बोर्ड लगा दिए जाने से विवाद खड़ा हो गया है। इस मामले में सबसे बड़ा मोड़ तब आया जब खुद वाल्मीकि समाज ने ही इस कदम का पुरजोर विरोध करते हुए इसे समाज को बांटने और अपने त्योहार का अपमान करने की साजिश करार दिया।READ ALSO:-मेरठ में सनसनीखेज वारदात: ससुर पहुंचा थाने, बोला- 'पुत्रवधू को मार डाला', घर में लहूलुहान मिली महिला वाल्मीकि समाज ने ही खोला मोर्चा इस घटना के खिलाफ वाल्मीकि क्रांति दल के अध्यक्ष दीपक गंभीर ने मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "मीनाक्षी चौक का महर्षि वाल्मीकि या हमारे समाज से कोई लेना-देना नहीं है। यह कुछ राजनीतिक लोगों की सोची-समझी साजिश है जो महर्षि वाल्मीकि जयंती के पवित्र अवसर पर शहर का माहौल खराब करना चाहते हैं।" उन्होंने आगे कहा, "हम शांति और भाईचारे से अपना पर्व मनाना चाहते हैं, लेकिन हमारे आराध्य के नाम पर इस तरह की राजनीति और नफरत फैलाने की कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्रशासन को इन شرارتی (शरारती) तत्वों के खिलाफ तत्काल सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।" शहर में अन्य जगहों पर भी आपत्तिजनक पोस्टर यह विवाद सिर्फ मीनाक्षी चौक तक ही सीमित नहीं है। सूत्रों के अनुसार, हिंदू युवा वाहिनी के कुछ कार्यकर्ताओं ने शहर के खालापार और सिविल लाइन जैसे अन्य इलाकों में भी उत्तेजक और आपत्तिजनक भाषा वाले पोस्टर लगाए हैं, जिससे प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। स्थानीय लोगों में गुस्सा, प्रशासन अलर्ट पर इस नाम बदलने की कोशिश को स्थानीय लोग "सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की सुनियोजित साजिश" बता रहे हैं। मीनाक्षी चौक के एक निवासी ने कहा, "यह चौक हमेशा से हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक रहा है। ऐसे नाम बदलने से सिर्फ नफरत फैलेगी।" मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है। हालांकि, कोई आधिकारिक बयान अभी जारी नहीं हुआ है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि विवादित होर्डिंग को हटाने और आपत्तिजनक पोस्टरों की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। दीपक गंभीर ने जिलाधिकारी और एसएसपी से मिलकर समाज में नफरत फैलाने वालों के खिलाफ तत्काल FIR दर्ज कर कार्रवाई की मांग की है।
मुजफ्फरनगर/बिजनौर। दिल्ली से अपने घर बिजनौर लौट रहे एक परिवार के लिए सोमवार की सुबह काल बनकर आई। मुजफ्फरनगर के जानसठ क्षेत्र में एक तेज रफ्तार कार अनियंत्रित होकर पहले पुल की रेलिंग से और फिर एक ट्रक से जा टकराई। यह टक्कर इतनी भीषण थी कि कार के परखच्चे उड़ गए और उसमें सवार एक ही परिवार के तीन लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि एक सदस्य जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहा है। इस पूरी घटना का खौफनाक वीडियो पास लगे एक सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया है।READ ALSO:-मेरठ में सनसनीखेज वारदात: ससुर पहुंचा थाने, बोला- 'पुत्रवधू को मार डाला', घर में लहूलुहान मिली महिला CCTV में कैद हुआ मौत का मंजर सामने आए सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख रहा है कि एक तेज रफ्तार कार अचानक अनियंत्रित होती है, पुल की रेलिंग से टकराती है और फिर घूमकर बिजनौर की ओर से आ रहे एक ट्रक के सामने आ जाती है। ट्रक चालक के पास संभलने का कोई मौका नहीं था और सीधी टक्कर हो गई। यह वीडियो दिल दहला देने वाला है। कैसे हुआ यह दर्दनाक हादसा? बिजनौर की इंद्रलोक कॉलोनी के रहने वाले मयंक सोमवार सुबह अपनी पत्नी रिया, छोटे भाई लक्ष्य (28) और साली प्रियंका (25) के साथ दिल्ली से घर लौट रहे थे। कार को उनका भाई लक्ष्य चला रहा था। बिजनौर से महज 12 किलोमीटर पहले, रामराज क्षेत्र के देवल गांव के पास मध्यगंगनहर पुल पर अचानक लक्ष्य ने कार से नियंत्रण खो दिया। प्रारंभिक जांच में आशंका जताई जा रही है कि ड्राइवर लक्ष्य को नींद की झपकी आ गई थी, जो इस जानलेवा हादसे का कारण बनी। एक के बाद एक थमीं तीन सांसें टक्कर इतनी भयानक थी कि कार चला रहे लक्ष्य की मौके पर ही मौत हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से सभी को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कार से बाहर निकाला और बिजनौर जिला अस्पताल भिजवाया। अस्पताल में डॉक्टरों ने प्रियंका को मृत घोषित कर दिया। गंभीर रूप से घायल रिया ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। मयंक की हालत भी बेहद चिंताजनक बनी हुई है और डॉक्टर उनकी जान बचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। परिवार में मचा कोहराम लक्ष्य और प्रियंका, दोनों दिल्ली में नौकरी करते थे और परिवार के साथ घर लौट रहे थे, लेकिन रास्ते में ही मौत ने उन्हें छीन लिया। क्षेत्राधिकारी जानसठ, यतेंद्र सिंह ने बताया कि तीनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है और मृतकों के परिजनों को सूचित कर दिया गया है, जिसके बाद परिवार में कोहराम मचा हुआ है। पुलिस ने क्षतिग्रस्त वाहनों को हाईवे से हटाकर यातायात बहाल कर दिया है और मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश में 'आई लव मोहम्मद' पोस्टर को लेकर जारी विवाद ने उस समय एक खतरनाक मोड़ ले लिया, जब मुजफ्फरनगर के एक युवक ने मुंबई में बैठकर एक भड़काऊ वीडियो जारी कर दिया। सोशल मीडिया पर वायरल हुई इस रील में युवक धमकी भरे अंदाज में कह रहा है, "आई लव मोहम्मद के ऊपर हम सिर काट भी सकते हैं और सिर कटवा भी सकते हैं।"READ ALSO:-दोस्त ही बना 'जल्लाद': शराब के नशे में चॉपर से काटा दोस्त का गला, 3 महीने पुरानी रंजिश में लिया बदला इस बेहद आपत्तिजनक वीडियो के सामने आते ही मुजफ्फर-नगर पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। पुलिस ने मामले का तत्काल संज्ञान लेते हुए न केवल आरोपी युवक की पहचान की, बल्कि उसके खिलाफ गंभीर आपराधिक धाराओं में मुकदमा भी दर्ज कर लिया है। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है जो उसे पकड़ने के लिए मुंबई रवाना होगी। क्या है पूरा मामला? मामला मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना कोतवाली क्षेत्र से जुड़ा है। यहां के निवासी शमशाद के बेटे नदीम ने यह विवादित वीडियो बनाया है। पुलिस जांच में पता चला है कि नदीम पिछले कुछ समय से काम के सिलसिले में मुंबई में रह रहा है। उत्तर प्रदेश में चल रहे 'आई लव मोहम्मद' पोस्टर विवाद पर उसने वहीं से यह भड़काऊ रील बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दी। कुछ ही घंटों में यह वीडियो तेजी से वायरल हो गया और शांति व्यवस्था के लिए एक चुनौती बन गया। पुलिस का त्वरित एक्शन, गंभीर धाराओं में केस दर्ज वीडियो के वायरल होते ही मुजफ्फरनगर पुलिस के साइबर सेल और स्थानीय खुफिया तंत्र सक्रिय हो गए। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी ग्रामीण, आदित्य बंसल ने खुद कमान संभाली। उन्होंने बताया, "सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा था जिसमें एक युवक सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाली और धमकी भरी बातें कह रहा था। इसका तत्काल संज्ञान लेते हुए आरोपी नदीम के खिलाफ बुढ़ाना थाने में आईपीसी की गंभीर धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।" मुंबई जाएगी पुलिस, गिरफ्तारी की तैयारी एसपी आदित्य बंसल ने पुष्टि की कि आरोपी नदीम की मौजूदा लोकेशन मुंबई में है। उसकी गिरफ्तारी सुनिश्चित करने के लिए एक पुलिस टीम का गठन कर दिया गया है। यह टीम जल्द ही मुंबई जाकर स्थानीय पुलिस की मदद से आरोपी को गिरफ्तार करने का प्रयास करेगी। पुलिस ने इस कार्रवाई के जरिए एक कड़ा संदेश दिया है। एसपी ने चेतावनी भरे लहजे में कहा, "कोई भी व्यक्ति यदि सोशल मीडिया या किसी अन्य माध्यम से सामाजिक सौहार्द और कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश करेगा, तो उसके खिलाफ कठोरतम कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। ऐसे लोगों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।"
मुजफ्फरनगर: एक परिवार जो अपने प्रियजन की अंतिम क्रिया पूरी कर उन्हें श्रद्धांजलि देने जा रहा था, उसे क्या पता था कि यह सफर उनका खुद का आखिरी सफर बन जाएगा। बुधवार की सुबह हरियाणा के करनाल से हरिद्वार के लिए निकला एक परिवार मुजफ्फरनगर में एक भीषण सड़क हादसे का शिकार हो गया, जिसने 6 जिंदगियों को हमेशा के लिए छीन लिया। पानीपत-खटीमा हाईवे पर तितावी गांव के पास सड़क किनारे खड़े एक ट्रक में उनकी तेज रफ्तार कार जा घुसी। टक्कर इतनी भयावह थी कि कार लोहे के ढेर में तब्दील हो गई और उसमें सवार 7 लोगों में से 6 ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।READ ALSO:-जिसने की थी हत्या, उसी का हो गया 'गेम ओवर'! मेरठ में मर्डर के आरोपी की गला रेतकर बेरहमी से हत्या पिता का कर्मकांड करने निकला था परिवार जानकारी के अनुसार, करनाल के फरीदपुर गांव निवासी महेंद्र जुनेजा का हाल ही में कैंसर की बीमारी के कारण निधन हो गया था। बुधवार को उनका परिवार, जिसमें उनके बेटे, पत्नी, भाई और अन्य रिश्तेदार शामिल थे, महेंद्र जी की अस्थियों को गंगा में विसर्जित करने के लिए कार से हरिद्वार के लिए निकला था। कार में महेंद्र के बेटे पीयूष, पत्नी मोहनी, बेटी अंजू, भाई राजेंद्र, भतीजा विक्की और ड्राइवर शिवा सवार थे। महेंद्र का दूसरा बेटा हार्दिक भी कार में मौजूद था। सुबह करीब 7 बजे, जब उनकी कार तितावी इलाके से गुजर रही थी, तो सड़क पर खड़े एक ट्रक को ड्राइवर देख नहीं पाया और तेज रफ्तार कार सीधे ट्रक के पिछले हिस्से में जा घुसी। हादसा होते ही चीख-पुकार मच गई। आसपास के खेतों में काम कर रहे लोग और ग्रामीण तुरंत मौके पर पहुंचे। कार का मंजर इतना खौफनाक था कि उसे देखकर लोगों की रूह कांप गई। प्रशासनिक अमला मौके पर, मुख्यमंत्री ने जताया शोक हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए। ग्रामीणों की मदद से गैस कटर और अन्य उपकरणों से कार के हिस्सों को काटकर शवों को बाहर निकाला गया। तब तक हार्दिक को छोड़कर बाकी सभी 6 लोगों की सांसे थम चुकी थीं। पुलिस ने एकमात्र घायल हार्दिक को तुरंत जिला अस्पताल भिजवाया, जहां उसकी हालत बेहद गंभीर बनी हुई है। घटना की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी उमेश मिश्रा और एसएसपी संजय कुमार वर्मा भी घटनास्थल पर पहुंचे। एसएसपी ने बताया, "यह एक बहुत ही दुखद घटना है। प्रथम दृष्टया, सड़क किनारे अवैध रूप से खड़े ट्रक के कारण यह हादसा हुआ है। ट्रक चालक की तलाश की जा रही है और उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।" इस दर्दनाक हादसे पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने मृतकों के शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं और अधिकारियों को घायल हार्दिक के सर्वोत्तम इलाज को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। मृतकों की सूची: पीयूष जुनेजा (मृतक महेंद्र के बेटे) मोहनी जुनेजा (मृतक महेंद्र की पत्नी) अंजू जुनेजा (मृतक महेंद्र की बेटी) राजेंद्र जुनेजा (मृतक महेंद्र के भाई) विक्की (भतीजा) शिवा (ड्राइवर) घायल: हार्दिक जुनेजा (मृतक महेंद्र के बेटे) पुलिस ने सभी शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और करनाल में उनके परिजनों को सूचित कर दिया गया है, जिसके बाद परिवार में कोहराम मच गया।
मुजफ्फरनगर। शुक्रवार की शाम जब ढल रही थी, तब मुजफ्फरनगर की धरती पर एक कुख्यात अपराधी के आतंक का सूरज भी हमेशा के लिए अस्त हो रहा था। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हत्या और लूट की अनगिनत वारदातों से दहशत फैलाने वाला, 1 लाख का इनामी बदमाश नईम कुरैशी पुलिस के साथ हुई एक भीषण मुठभेड़ में मारा गया। मीरापुर थाना क्षेत्र के एक खंडहर में करीब आधे घंटे तक चली गोलियों की बौछार के बाद पुलिस ने उस अपराधी को ढेर कर दिया, जिसके नाम से 35 से ज्यादा संगीन मुकदमे दर्ज थे। इस साहसिक ऑपरेशन में एक हेड कांस्टेबल भी गोली लगने से घायल हुआ है।READ ALSO:-मुरादाबाद में 8 साल की मासूम से दरिंदगी करने वाला शैतान एनकाउंटर में ढेर, पुलिस ने पैर में गोली मारकर दबोचा नहर किनारे आखिरी आमना-सामना कहानी की शुरुआत हुई कुतुबपुर झाल नहर की पटरी से। एसएसपी संजय वर्मा के निर्देशन में मीरापुर थाना प्रभारी बबलू सिंह वर्मा अपनी टीम के साथ रूटीन चेकिंग पर थे। तभी दो बाइकें तेज रफ्तार से आती दिखीं। पुलिस ने जब उन्हें रुकने का इशारा किया, तो वे मौत के सौदागरों की तरह बाइकें मोड़कर भूम्मा चौकी की तरफ भागने लगे। पुलिस ने तुरंत पीछा किया, यह जानते हुए कि उनका सामना किसी मामूली चोर से नहीं, बल्कि जुर्म की दुनिया के बड़े नाम से होने वाला है। आधे घंटे तक गूंजती रहीं गोलियां पुलिस को पीछे आते देख दोनों बदमाश भूम्मा चौकी से पहले एक पुराने खंडहर में जा घुसे और वहीं से पुलिस टीम पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। अचानक हुए इस हमले ने शाम के सन्नाटे को चीर दिया। लेकिन पुलिस भी पूरी तैयारी में थी। आत्मरक्षा में की गई जवाबी फायरिंग ने इस खंडहर को एक वॉर-जोन में बदल दिया। दोनों तरफ से गोलियां चलती रहीं। करीब आधे घंटे के इस एक्शन-पैक्ड एनकाउंटर के बाद बदमाशों की तरफ से फायरिंग शांत हुई। पुलिस जब अंदर दाखिल हुई तो एक बदमाश सीने में गोली लगने से जमीन पर पड़ा तड़प रहा था, जबकि दूसरा अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकला। इस गोलीबारी में हेड कांस्टेबल कालूराम यादव के बाजू में भी एक गोली लगी।Read also:-जिला पंचायत अध्यक्ष और भाजपा नेत्री की मामी का ICU में मिला शव, पति बोला- 'तबीयत खराब है' और अस्पताल से हो गया फरार कौन था आतंक का दूसरा नाम 'नईम कुरैशी'? अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने घायल बदमाश को मृत घोषित कर दिया। उसकी पहचान पश्चिमी यूपी के सबसे खूंखार अपराधियों में से एक, नईम कुरैशी पुत्र युसुफ, निवासी दक्षिणी खालापार के रूप में हुई। पुलिस रिकॉर्ड में उसका नाम 35 से ज्यादा बार दर्ज था, जिसमें हत्या के 6 और लूट के 20 जघन्य मामले शामिल थे। वह कुख्यात नफीस कालिया गैंग का सदस्य भी रह चुका था और लंबे समय से पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ था। SSP ने ठोकी टीम की पीठ एनकाउंटर का नेतृत्व कर रहे एसएसपी संजय वर्मा ने इसे पुलिस के लिए एक बहुत बड़ी सफलता बताया है। उन्होंने घायल कांस्टेबल के बेहतर इलाज का आश्वासन देते हुए पूरी टीम को इस बहादुरी के लिए पुरस्कृत करने की घोषणा की है। पुलिस को मौके से एक पिस्टल और बाइक बरामद हुई है। अब पुलिस की टीमें नईम के फरार साथी की तलाश में खाक छान रही हैं, ताकि इस गैंग का पूरी तरह से सफाया किया जा सके।
मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर के खालापार क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है। यहां बाइक स्टंट करने से टोकने पर एक युवक की बेरहमी से चाकू मारकर हत्या कर दी गई। हत्या का आरोप वार्ड 48 के मौजूदा सभासद के भतीजे पर लगा है। घटना के बाद इलाके में तनाव फैल गया है और पुलिस आरोपियों की तलाश में छापेमारी कर रही है।READ ALSO:-मेरठ में हैवानियत: अवैध संबंध के शक में पति ने पत्नी को बेरहमी से पीटा, हाथ-पैर बांधकर गंजा कर दिया क्या है पूरा मामला? मंगलवार देर शाम खालापार क्षेत्र के फिरदौस नगर मुहल्ले में 22 वर्षीय युवक अफसार ने सभासद अन्नू कुरैशी के भतीजे साहिल को तेज रफ्तार से बाइक दौड़ाने और स्टंट करने से रोका। इस बात पर दोनों के बीच तीखी बहस हो गई। हालांकि, आसपास के लोगों ने बीच-बचाव कर दोनों को शांत करा दिया था। आरोप है कि देर रात करीब 12:30 बजे साहिल हाथ में चाकू लेकर आया और घर के बाहर बैठे अफसार के सीने में घोंप दिया। अफसार की मौके पर ही मौत हो गई। सूचना मिलते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। सभासद और दो भतीजों पर FIR दर्ज मृतक अफसार के परिजनों ने सभासद अन्नू कुरैशी, और उनके दो भतीजों साहिल और आवेश के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दे रही है। इस घटना से स्थानीय लोगों में गहरा आक्रोश है, जिसके चलते क्षेत्र में तनाव की स्थिति बनी हुई है।
बॉलीवुड और भारतीय टेलीविजन जगत के महान और बहुमुखी कलाकार सतीश शाह (Satish Shah) का आज (शनिवार, 25 अक्टूबर 2025) दुखद निधन हो गया है। अपनी लाजवाब कॉमिक टाइमिंग से दर्शकों को हंसाने वाले सतीश शाह ने 74 वर्ष की उम्र में मुंबई में अपनी आखिरी सांस ली। वह लंबे समय से किडनी से जुड़ी गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे, और किडनी फेलियर को उनकी मौत का कारण बताया जा रहा है। उनके निधन की पुष्टि प्रोड्यूसर और IFTDA के अध्यक्ष अशोक पंडित ने की है। चरित्र अभिनेता और कॉमेडियन का सफर सतीश शाह का अभिनय करियर पाँच दशकों से अधिक लंबा रहा, जिसमें उन्होंने 400 से ज्यादा फिल्मों और कई सफल टीवी सीरियल्स में काम किया। उनका जन्म 1951 में हुआ था और उन्होंने पुणे के FTII (Film and Television Institute of India) से प्रशिक्षण लिया था। टीवी जगत का आइकॉन: उन्हें सबसे ज्यादा पहचान हिट कॉमेडी सीरियल 'साराभाई वर्सेज साराभाई' में इंद्रावदन साराभाई (Indravadan Sarabhai) के किरदार से मिली। इस शो में उनके डायलॉग और एक्सप्रेशन आज भी कल्ट क्लासिक माने जाते हैं। 'ये जो है जिंदगी' (1984) में 55 अलग-अलग किरदार निभाकर उन्होंने घर-घर में अपनी पहचान बनाई थी। फिल्मी करियर की शुरुआत: उन्होंने 1983 की डार्क कॉमेडी फिल्म 'जाने भी दो यारों' में एक 'लाश' (Dead Body) का आइकॉनिक किरदार निभाया था, जिसने उन्हें रातोंरात पहचान दिलाई थी। प्रमुख फिल्में: उनकी कुछ यादगार बॉलीवुड फिल्मों में 'हम आपके हैं कौन', 'मुझसे शादी करोगी', 'कल हो ना हो' और शाहरुख खान अभिनीत 'मैं हूँ ना' शामिल हैं, जहाँ उन्होंने अपनी कॉमिक टाइमिंग से जान डाल दी। Read Also : थामा, और 'स्त्री 2' के म्यूजिक कंपोजर सचिन सांघवी गिरफ्तार, शादी और गाना देने का झांसा देकर 20 साल की युवती से यौन उत्पीड़न का आरोप किडनी फेलियर और निधन की पुष्टि मिली जानकारी के मुताबिक, अभिनेता सतीश शाह पिछले कुछ समय से किडनी संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे। उन्होंने आज दोपहर करीब 2:30 बजे अंतिम सांस ली। आधिकारिक रूप से किडनी फेलियर को उनकी मृत्यु का कारण बताया गया है। शाह के निधन की खबर सामने आने के बाद बॉलीवुड इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है। इंडस्ट्री में शोक की लहर मशहूर निर्माता अशोक पंडित ने सतीश शाह के निधन की पुष्टि करते हुए कहा, "जी हाँ, सतीश शाह नहीं रहे। वो मेरे अच्छे मित्र थे। किडनी फेलियर के चलते उनका निधन हो गया है। इंडस्ट्री के लिए यह एक बड़ी क्षति है।" Public Reaction or Social Media: श्रद्धांजलि सतीश शाह के निधन की खबर से उनके फैंस स्तब्ध हैं। सोशल मीडिया पर उनके फैंस और फिल्मी सितारों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है और उनके सबसे यादगार किरदारों को याद कर रहे हैं। 'साराभाई वर्सेज साराभाई' की कास्ट और क्रू ने भी उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी है। सिनेमा में हास्य की क्षति सतीश शाह का निधन हिंदी सिनेमा में चरित्र अभिनय और हास्य की एक पीढ़ी का अंत है। उनकी अभिनय शैली और हास्य टाइमिंग हमेशा दर्शकों के दिलों में ज़िंदा रहेगी।
उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहर मेरठ के लिए परिवहन के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत होने जा रही है। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस (रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) कॉरिडोर के साथ ही मेरठ को अपनी पहली 'मेरठ मेट्रो' मिलने जा रही है। यह न केवल शहर के अंदर कनेक्टिविटी को सुधारेगी, बल्कि दिल्ली और गाजियाबाद जैसे शहरों से भी मेरठ के सफर को आसान और तेज बना देगी। आइए, मेरठ मेट्रो से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी पर एक विस्तृत नजर डालते हैं: Meerut Metro की कब होगी शुरुआत? (Kab Shuru Hogi) मेरठ मेट्रो का संचालन, दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस (जिसे 'नमो भारत' ट्रेन के नाम से भी जाना जाता है) के साथ ही शुरू होना प्रस्तावित है। हालिया अपडेट: खबरों के अनुसार, 30 सितंबर 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नमो भारत ट्रेन के आखिरी चरण (मेरठ साउथ से मोदीपुरम) और मेरठ मेट्रो का उद्घाटन किया जा सकता है। लक्ष्य: पूरी परियोजना (RRTS के साथ) को जून 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। प्राथमिकता खंड (साहिबाबाद से दुहाई) का परिचालन अक्टूबर 2023 में पहले ही शुरू हो चुका है। खासियत: यह देश का पहला ऐसा ट्रैक होगा जिस पर एक ही ट्रैक पर हाई-स्पीड नमो भारत ट्रेन और तीन कोच वाली मेरठ मेट्रो ट्रेन, दोनों एक साथ चलेंगी। रूट मैप (Route Map) और स्टेशन मेरठ मेट्रो कॉरिडोर दिल्ली-मेरठ RRTS कॉरिडोर का ही हिस्सा है। यह मुख्यतः मेरठ के शहरी क्षेत्र में सेवा प्रदान करेगी। कॉरिडोर का नाम: मेरठ दक्षिण से मोदीपुरम (Meerut South to Modipuram) कुल लंबाई: लगभग 23 किमी स्टेशनों की संख्या: इस कॉरिडोर में कुल 13 स्टेशन हैं। केवल मेट्रो स्टेशन: इनमें से 10 स्टेशन केवल मेरठ मेट्रो के लिए होंगे। RRTS और मेट्रो दोनों के लिए स्टेशन (Integrated Stations): मेरठ साउथ, बेगमपुल, और मोदीपुरम स्टेशन RRTS और मेरठ मेट्रो, दोनों की सेवाओं के लिए इंटीग्रेटेड (एकीकृत) होंगे। प्रमुख स्टेशन (संभावित): मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी, मेरठ सेंट्रल, भैसाली, बेगमपुल, एमईएस कॉलोनी, दौर्ली, मेरठ नॉर्थ, और मोदीपुरम। किराया (Kiraya) मेरठ मेट्रो का किराया दूरी के आधार पर तय किया जाएगा। यह किराया नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (NCRTC) द्वारा जारी किया जाएगा। नमो भारत (RRTS) का किराया (दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर के लिए): मानक (Standard) कोच: ₹20 से शुरू होकर अधिकतम ₹150 तक हो सकता है (पूरे कॉरिडोर के लिए)। प्रीमियम (Premium) कोच: ₹30 से शुरू होकर अधिकतम ₹225 तक हो सकता है (पूरे कॉरिडोर के लिए)। मेरठ मेट्रो का अनुमानित किराया: चूंकि मेरठ मेट्रो की यात्रा दूरी RRTS की तुलना में कम होगी (शहर के भीतर), इसका किराया ₹20 से ₹50 के बीच होने की संभावना है, जो यात्रियों द्वारा तय की गई दूरी पर निर्भर करेगा। मेरठ मेट्रो की आगे की योजना (Aage Ka Plan) मेरठ मेट्रो का पहला चरण (मेरठ दक्षिण से मोदीपुरम) पूरा होने के बाद, आगे की योजनाओं में शहर के विकास और कनेक्टिविटी को बढ़ाना शामिल है: दूसरा कॉरिडोर प्रस्तावित: मेरठ मेट्रो के लिए दूसरा कॉरिडोर भी प्रस्तावित है, जिसका रूट श्रद्धापुरी एक्सटेंशन से जाग्रति विहार तक हो सकता है। इस पर अभी विस्तृत काम शुरू होना बाकी है। टाउनशिप और TOD: मेरठ में ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (TOD) मॉडल पर आधारित नई टाउनशिप का विकास किया जा रहा है। ये टाउनशिप RRTS/मेट्रो स्टेशनों के आस-पास होंगी, जिससे लोग अपने कार्यस्थल (Walk to Work) और जरूरी सुविधाओं तक आसानी से पहुँच सकेंगे। इससे 2029 तक 20,000 से अधिक रोजगार उत्पन्न होने का अनुमान है। फीडर सेवाएं: स्टेशनों से अंतिम-मील कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए बस अड्डों और रेलवे स्टेशनों के लिए फीडर सेवाओं को मजबूत करने की योजना है। मेरठ मेट्रो न केवल शहर के ट्रैफिक को कम करेगी बल्कि दिल्ली-एनसीआर से मेरठ की कनेक्टिविटी को भी मजबूत करेगी, जिससे यहां के निवासियों के लिए समय और पैसे दोनों की बचत होगी। यह परियोजना मेरठ को देश के सबसे आधुनिक परिवहन नेटवर्क वाले शहरों की श्रेणी में खड़ा कर देगी।
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ RRTS कॉरिडोर, जिसे अब 'नमो भारत' (NaMo Bharat) ट्रेन के नाम से जाना जाता है, अब अपने अंतिम चरण में है और जल्द ही पूरी तरह से यात्रियों के लिए खोल दिया जाएगा।Read also:-Delhi–Meerut RRTS Opening Date 2025: नमो भारत रैपिड रेल से दिल्ली से मेरठ सफर सिर्फ 55 मिनट में वो दिन अब दूर नहीं, जब मेरठ का निवासी दिल्ली के दिल कनॉट प्लेस में शॉपिंग करने और गाजियाबाद का व्यापारी मेरठ में अपने बिजनेस को विस्तार देने का सपना सिर्फ 60 मिनट में पूरा कर सकेगा। देश के सबसे महत्वाकांक्षी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट, दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (RRTS), अब हकीकत बनने की दहलीज पर है। 82 किलोमीटर का यह हाई-स्पीड कॉरिडोर लगभग तैयार है और रिपोर्ट्स के मुताबिक, अक्टूबर 2025 की शुरुआत में प्रधानमंत्री द्वारा इसका उद्घाटन किया जा सकता है। संभावित उद्घाटन की तारीखें: मीडिया रिपोर्ट्स और निर्माण कार्य की प्रगति के अनुसार, पूरे कॉरिडोर (सराय काले खां से मोदीपुरम तक) का उद्घाटन अक्टूबर 2025 में होने की प्रबल संभावना है। ऐसी खबरें हैं कि अक्टूबर 2025 की शुरुआत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस परियोजना का शुभारंभ कर सकते हैं। पूरा कॉरिडोर: यह 82 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर दिल्ली के सराय काले खां को मेरठ के मोदीपुरम डिपो से जोड़ेगा, जिससे दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय एक घंटे से भी कम हो जाएगा। वर्तमान में परिचालन: 20 अक्टूबर 2023 से प्राथमिकता कॉरिडोर (साहिबाबाद से दुहाई डिपो) और हाल ही में न्यू अशोक नगर से मेरठ साउथ तक का खंड पहले से ही चालू है, जिसने लाखों यात्रियों को बड़ी राहत दी है। मेरठ मेट्रो: एक ही पटरी पर रैपिड और मेट्रो का तालमेल मेरठ शहर के भीतर यात्रियों की आवाजाही को आसान बनाने के लिए मेरठ मेट्रो भी 'नमो भारत' ट्रेन के साथ ही उसी ट्रैक पर चलेगी। शुरुआत: मेरठ मेट्रो का उद्घाटन भी अक्टूबर 2025 में रैपिड रेल के साथ ही होने की उम्मीद है। रूट: यह मेट्रो सेवा मेरठ साउथ से मोदीपुरम डिपो के बीच 23 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर पर चलेगी, जिसमें 13 स्टेशन होंगे। विशेषता: यह भारत की पहली ऐसी परियोजना है जहाँ क्षेत्रीय रैपिड रेल और स्थानीय मेट्रो ट्रेनें एक ही ट्रैक को साझा करेंगी, लेकिन इनके परिचालन के समय अलग-अलग होंगे। स्टेशन लिस्ट: कहाँ-कहाँ रुकेगी आपकी 'नमो भारत'? दिल्ली-मेरठ RRTS कॉरिडोर पर कुल 16 स्टेशन होंगे। दिल्ली (3) गाजियाबाद (6) मेरठ (7) सराय काले खां साहिबाबाद मेरठ साउथ (कॉमन) न्यू अशोक नगर गाजियाबाद शताब्दी नगर (कॉमन) आनंद विहार गुलधर बेगमपुल (कॉमन) दुहाई मोदीपुरम (कॉमन) दुहाई डिपो परतापुर (सिर्फ मेट्रो) मुरादनगर रिठानी (सिर्फ मेट्रो) मोदीनगर दक्षिण ब्रहमपुरी (सिर्फ मेट्रो) मोदीनगर उत्तर मेरठ सेंट्रल (सिर्फ मेट्रो) भैंसाली (सिर्फ मेट्रो) एमईएस कॉलोनी (सिर्फ मेट्रो) डोरली (सिर्फ मेट्रो) मेरठ नॉर्थ (सिर्फ मेट्रो) मोदीपुरम डिपो (सिर्फ मेट्रो) (कॉमन स्टेशन वे हैं जहाँ 'नमो भारत' रैपिड रेल और मेरठ मेट्रो दोनों रुकेंगी।) किराया विवरण: कितना होगा आपकी यात्रा का खर्च? 'नमो भारत' ट्रेन में दो तरह के कोच हैं: स्टैंडर्ड कोच और प्रीमियम कोच। यात्रियों को अपनी सुविधा अनुसार टिकट खरीदने का विकल्प मिलेगा। किराया सीमा: किराया ₹20 से शुरू होता है और अधिकतम ₹225 तक जा सकता है। एक प्रमुख रूट का किराया (उदाहरण): न्यू अशोक नगर से मेरठ साउथ तक: स्टैंडर्ड कोच में ₹150 और प्रीमियम कोच में ₹225। आनंद विहार से मेरठ साउथ तक का सफर लगभग 35 मिनट में पूरा होगा, जिसका किराया इसी सीमा में होगा। भुगतान विकल्प: यात्री QR कोड-आधारित पेपर टिकट और NCMC (नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड) का उपयोग करके यात्रा कर सकेंगे। निर्माण प्रगति और तकनीकी विशेषताएँ आरआरटीएस परियोजना का लगभग 75% से अधिक सिविल कार्य पूरा हो चुका है। स्पीड और रोलिंग स्टॉक: 'नमो भारत' ट्रेन की डिज़ाइन गति 180 किमी/घंटा है, जबकि परिचालन गति 160 किमी/घंटा होगी। ट्रेनों में महिलाओं के लिए एक आरक्षित कोच, प्रीमियम कोच, और सभी के लिए आधुनिक सुविधाएं (Wi-Fi, लैपटॉप/मोबाइल चार्जिंग पोर्ट) उपलब्ध हैं। हरित ऊर्जा पहल: NCRTC ने अपने स्टेशनों और डिपो पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए हैं, जो परियोजना को स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा प्रदान कर रहे हैं। फाइनल अप्रूवल: दिल्ली से मेरठ तक पूरे कॉरिडोर के वाणिज्यिक परिचालन के लिए अंतिम चरण की सुरक्षा मंजूरी मिलना बाकी है, जिसके बाद इसे तुरंत खोल दिया जाएगा। यह कॉरिडोर एनसीआर के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा, जो न केवल यात्रा को आसान बनाएगा बल्कि रोजगार, व्यापार और रियल एस्टेट को भी नई ऊंचाइयां देगा।
मेरठ, 19 सितंबर 2025 मेरठ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए 30 सितंबर का दिन एक नए युग की शुरुआत करने जा रहा है। इस ऐतिहासिक तारीख को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की पहली रैपिड रेल 'नमो भारत' के संपूर्ण कॉरिडोर और मेरठ मेट्रो को हरी झंडी दिखाएंगे। खास बात यह है कि प्रधानमंत्री इस उद्घाटन को यादगार बनाते हुए दिल्ली से 'नमो भारत' ट्रेन में सवार होकर मेरठ के मोदीपुरम तक का सफर तय करेंगे। उनके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहेंगे।READ ALSO:-सितंबर में 'प्रलयंकारी' मानसून: हिमाचल-उत्तराखंड में बादल फटने और लैंडस्लाइड से तबाही जारी, 424 की मौत दिल्ली से मेरठ तक ट्रेन में PM, फिर विशाल जनसभा योजना के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली से रैपिड ट्रेन के जरिए मेरठ पहुंचेंगे। यह यात्रा अपने आप में एक संदेश होगी कि दिल्ली और मेरठ के बीच की दूरी अब मिनटों में सिमट गई है। मोदीपुरम स्टेशन पर उतरने के बाद प्रधानमंत्री का काफिला शताब्दीनगर के लिए रवाना होगा, जहाँ वे एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे। इस रैली में मेरठ समेत आसपास के सभी जिलों से लाखों लोगों के जुटने की उम्मीद है, जिसके लिए तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो गई हैं। शहर में हाई अलर्ट, घर-घर किरायेदारों की जांच प्रधानमंत्री के इस दौरे को लेकर पूरा प्रशासनिक और पुलिस अमला हाई अलर्ट पर है। गुरुवार को एडीजी भानु भास्कर ने एक उच्च-स्तरीय बैठक कर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की और कड़े इंतजामों के निर्देश दिए। सुरक्षा एजेंसियां कोई भी ढिलाई नहीं बरतना चाहतीं। पुलिस और एलआईयू (स्थानीय अभिसूचना इकाई) की टीमों ने गुरुवार देर रात शताब्दी नगर, रिझानी और रिठानी जैसे इलाकों में घर-घर जाकर सघन चेकिंग अभियान चलाया। इस दौरान किरायेदारों और बाहर से आकर रह रहे लोगों के नाम, पते और मोबाइल नंबर दर्ज किए गए। देर रात बिजली गुल होने के बावजूद यह अभियान टॉर्च की रोशनी में जारी रहा, जो सुरक्षा की गंभीरता को दर्शाता है। यह सुरक्षा इसलिए भी कड़ी की गई है क्योंकि प्रधानमंत्री के दौरे से ठीक पहले राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी 20 से 22 सितंबर तक मेरठ में रहेंगी और दो विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोहों में हिस्सा लेंगी। मेरठ की नई लाइफलाइन: जानिए मेट्रो और नमो भारत का नेटवर्क यह प्रोजेक्ट मेरठ की कनेक्टिविटी को पूरी तरह से बदल देगा। नमो भारत (रैपिड रेल): दिल्ली से मेरठ तक का पूरा 82 किलोमीटर का ट्रैक अब पूरी तरह से चालू हो जाएगा। मेरठ मेट्रो: कुल लंबाई: 23 किलोमीटर (18 किमी एलिवेटेड, 5 किमी भूमिगत) कुल स्टेशन: 13 (मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी, मेरठ सेंट्रल, भैसाली, बेगमपुल, एमईएस कॉलोनी, डौरली, मेरठ नॉर्थ, मोदीपुरम और मोदीपुरम डिपो)। भूमिगत स्टेशन: मेरठ सेंट्रल, भैसाली और बेगमपul। एक ही टिकट पर दोनों में सफर: यात्रियों की सुविधा के लिए चार स्टेशनों- मेरठ साउथ, शताब्दी नगर, बेगमपुल और मोदीपुरम को कॉमन स्टेशन बनाया गया है, जहाँ यात्री नमो भारत और मेट्रो के बीच आसानी से स्विच कर सकेंगे।
इस वर्ष दीपावली की सही तिथि को लेकर पंचांगों में भिन्नता के कारण आम लोगों में बना कन्फ्यूजन अब दूर हो गया है। कुछ पंचांगों में 20 अक्टूबर तो कुछ में 21 अक्टूबर को दिवाली बताई जा रही थी। इस भ्रम की स्थिति को समाप्त करते हुए देश की सर्वोच्च धार्मिक संस्थाओं में से एक, श्री काशी विद्वत परिषद, ने स्पष्ट कर दिया है कि संपूर्ण देश में दीपावली का महापर्व सोमवार, 20 अक्टूबर 2025 को ही मनाया जाएगा।READ ALSO:-यूपी में कुदरत का डबल अटैक: पूर्वांचल में 'जल प्रलय' ने तोड़ा 136 साल का रिकॉर्ड, अब पश्चिमी यूपी के 23 जिलों में भारी बारिश-ओलों का अलर्ट! क्यों 20 अक्टूबर है सही तिथि? काशी विद्वत परिषद के ज्योतिष प्रकोष्ठ के मंत्री और बीएचयू के प्रोफेसर विनय कुमार पांडेय के अनुसार, सनातन धर्म में पर्वों का निर्धारण तिथियों की गणितीय गणना और शास्त्रों के आधार पर होता है। दीपावली कार्तिक मास की अमावस्या को प्रदोष काल में मनाई जाती है। प्रदोष काल का अर्थ है सूर्यास्त के बाद का समय। इस वर्ष कार्तिक अमावस्या तिथि की शुरुआत 20 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 56 मिनट पर होगी और यह 21 अक्टूबर की शाम 4 बजकर 26 मिनट तक रहेगी। 20 अक्टूबर को, जब सूर्यास्त होगा, तब अमावस्या तिथि विद्यमान रहेगी और पूरे प्रदोष काल को कवर करेगी। लक्ष्मी पूजन और दीपदान के लिए यह शास्त्र सम्मत और शुभ मुहूर्त है। 21 अक्टूबर को, अमावस्या तिथि शाम 4 बजकर 26 मिनट पर ही समाप्त हो जाएगी, जबकि सूर्यास्त लगभग 5 बजकर 40 मिनट पर होगा। इसका अर्थ है कि सूर्यास्त और प्रदोष काल के समय अमावस्या तिथि नहीं रहेगी, बल्कि प्रतिपदा तिथि लग चुकी होगी। ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषि द्विवेदी ने भी स्पष्ट किया कि ब्रह्म पुराण के अनुसार, कार्तिक अमावस्या की रात्रि में ही देवी लक्ष्मी और कुबेर भ्रमण करते हैं। यह रात्रि व्यापिनी और प्रदोष व्यापिनी अमावस्या 20 अक्टूबर को ही प्राप्त हो रही है। अतः इसी दिन लक्ष्मी-कुबेर पूजन और दीपोत्सव मनाना श्रेष्ठ है। 21 अक्टूबर को होगी स्नान-दान की अमावस्या विद्वानों ने यह भी स्पष्ट किया कि 21 अक्टूबर को सूर्योदय के समय अमावस्या तिथि होने के कारण इस दिन स्नान, दान और पितरों के लिए श्राद्ध कर्म करना उत्तम रहेगा। इसलिए, 21 अक्टूबर की तिथि धार्मिक कार्यों के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन दीपावली का मुख्य पर्व 20 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा। इस स्पष्टीकरण के बाद अब लोगों को अपने त्योहार की तैयारियों को लेकर किसी भी तरह के भ्रम में रहने की आवश्यकता नहीं है।
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