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बॉलीवुड और भारतीय टेलीविजन जगत के महान और बहुमुखी कलाकार सतीश शाह (Satish Shah) का आज (शनिवार, 25 अक्टूबर 2025) दुखद निधन हो गया है। अपनी लाजवाब कॉमिक टाइमिंग से दर्शकों को हंसाने वाले सतीश शाह ने 74 वर्ष की उम्र में मुंबई में अपनी आखिरी सांस ली। वह लंबे समय से किडनी से जुड़ी गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे, और किडनी फेलियर को उनकी मौत का कारण बताया जा रहा है। उनके निधन की पुष्टि प्रोड्यूसर और IFTDA के अध्यक्ष अशोक पंडित ने की है। चरित्र अभिनेता और कॉमेडियन का सफर सतीश शाह का अभिनय करियर पाँच दशकों से अधिक लंबा रहा, जिसमें उन्होंने 400 से ज्यादा फिल्मों और कई सफल टीवी सीरियल्स में काम किया। उनका जन्म 1951 में हुआ था और उन्होंने पुणे के FTII (Film and Television Institute of India) से प्रशिक्षण लिया था। टीवी जगत का आइकॉन: उन्हें सबसे ज्यादा पहचान हिट कॉमेडी सीरियल 'साराभाई वर्सेज साराभाई' में इंद्रावदन साराभाई (Indravadan Sarabhai) के किरदार से मिली। इस शो में उनके डायलॉग और एक्सप्रेशन आज भी कल्ट क्लासिक माने जाते हैं। 'ये जो है जिंदगी' (1984) में 55 अलग-अलग किरदार निभाकर उन्होंने घर-घर में अपनी पहचान बनाई थी। फिल्मी करियर की शुरुआत: उन्होंने 1983 की डार्क कॉमेडी फिल्म 'जाने भी दो यारों' में एक 'लाश' (Dead Body) का आइकॉनिक किरदार निभाया था, जिसने उन्हें रातोंरात पहचान दिलाई थी। प्रमुख फिल्में: उनकी कुछ यादगार बॉलीवुड फिल्मों में 'हम आपके हैं कौन', 'मुझसे शादी करोगी', 'कल हो ना हो' और शाहरुख खान अभिनीत 'मैं हूँ ना' शामिल हैं, जहाँ उन्होंने अपनी कॉमिक टाइमिंग से जान डाल दी। Read Also : थामा, और 'स्त्री 2' के म्यूजिक कंपोजर सचिन सांघवी गिरफ्तार, शादी और गाना देने का झांसा देकर 20 साल की युवती से यौन उत्पीड़न का आरोप किडनी फेलियर और निधन की पुष्टि मिली जानकारी के मुताबिक, अभिनेता सतीश शाह पिछले कुछ समय से किडनी संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे। उन्होंने आज दोपहर करीब 2:30 बजे अंतिम सांस ली। आधिकारिक रूप से किडनी फेलियर को उनकी मृत्यु का कारण बताया गया है। शाह के निधन की खबर सामने आने के बाद बॉलीवुड इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है। इंडस्ट्री में शोक की लहर मशहूर निर्माता अशोक पंडित ने सतीश शाह के निधन की पुष्टि करते हुए कहा, "जी हाँ, सतीश शाह नहीं रहे। वो मेरे अच्छे मित्र थे। किडनी फेलियर के चलते उनका निधन हो गया है। इंडस्ट्री के लिए यह एक बड़ी क्षति है।" Public Reaction or Social Media: श्रद्धांजलि सतीश शाह के निधन की खबर से उनके फैंस स्तब्ध हैं। सोशल मीडिया पर उनके फैंस और फिल्मी सितारों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है और उनके सबसे यादगार किरदारों को याद कर रहे हैं। 'साराभाई वर्सेज साराभाई' की कास्ट और क्रू ने भी उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी है। सिनेमा में हास्य की क्षति सतीश शाह का निधन हिंदी सिनेमा में चरित्र अभिनय और हास्य की एक पीढ़ी का अंत है। उनकी अभिनय शैली और हास्य टाइमिंग हमेशा दर्शकों के दिलों में ज़िंदा रहेगी।
उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहर मेरठ के लिए परिवहन के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत होने जा रही है। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस (रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) कॉरिडोर के साथ ही मेरठ को अपनी पहली 'मेरठ मेट्रो' मिलने जा रही है। यह न केवल शहर के अंदर कनेक्टिविटी को सुधारेगी, बल्कि दिल्ली और गाजियाबाद जैसे शहरों से भी मेरठ के सफर को आसान और तेज बना देगी। आइए, मेरठ मेट्रो से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी पर एक विस्तृत नजर डालते हैं: Meerut Metro की कब होगी शुरुआत? (Kab Shuru Hogi) मेरठ मेट्रो का संचालन, दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस (जिसे 'नमो भारत' ट्रेन के नाम से भी जाना जाता है) के साथ ही शुरू होना प्रस्तावित है। हालिया अपडेट: खबरों के अनुसार, 30 सितंबर 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नमो भारत ट्रेन के आखिरी चरण (मेरठ साउथ से मोदीपुरम) और मेरठ मेट्रो का उद्घाटन किया जा सकता है। लक्ष्य: पूरी परियोजना (RRTS के साथ) को जून 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। प्राथमिकता खंड (साहिबाबाद से दुहाई) का परिचालन अक्टूबर 2023 में पहले ही शुरू हो चुका है। खासियत: यह देश का पहला ऐसा ट्रैक होगा जिस पर एक ही ट्रैक पर हाई-स्पीड नमो भारत ट्रेन और तीन कोच वाली मेरठ मेट्रो ट्रेन, दोनों एक साथ चलेंगी। रूट मैप (Route Map) और स्टेशन मेरठ मेट्रो कॉरिडोर दिल्ली-मेरठ RRTS कॉरिडोर का ही हिस्सा है। यह मुख्यतः मेरठ के शहरी क्षेत्र में सेवा प्रदान करेगी। कॉरिडोर का नाम: मेरठ दक्षिण से मोदीपुरम (Meerut South to Modipuram) कुल लंबाई: लगभग 23 किमी स्टेशनों की संख्या: इस कॉरिडोर में कुल 13 स्टेशन हैं। केवल मेट्रो स्टेशन: इनमें से 10 स्टेशन केवल मेरठ मेट्रो के लिए होंगे। RRTS और मेट्रो दोनों के लिए स्टेशन (Integrated Stations): मेरठ साउथ, बेगमपुल, और मोदीपुरम स्टेशन RRTS और मेरठ मेट्रो, दोनों की सेवाओं के लिए इंटीग्रेटेड (एकीकृत) होंगे। प्रमुख स्टेशन (संभावित): मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी, मेरठ सेंट्रल, भैसाली, बेगमपुल, एमईएस कॉलोनी, दौर्ली, मेरठ नॉर्थ, और मोदीपुरम। किराया (Kiraya) मेरठ मेट्रो का किराया दूरी के आधार पर तय किया जाएगा। यह किराया नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (NCRTC) द्वारा जारी किया जाएगा। नमो भारत (RRTS) का किराया (दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर के लिए): मानक (Standard) कोच: ₹20 से शुरू होकर अधिकतम ₹150 तक हो सकता है (पूरे कॉरिडोर के लिए)। प्रीमियम (Premium) कोच: ₹30 से शुरू होकर अधिकतम ₹225 तक हो सकता है (पूरे कॉरिडोर के लिए)। मेरठ मेट्रो का अनुमानित किराया: चूंकि मेरठ मेट्रो की यात्रा दूरी RRTS की तुलना में कम होगी (शहर के भीतर), इसका किराया ₹20 से ₹50 के बीच होने की संभावना है, जो यात्रियों द्वारा तय की गई दूरी पर निर्भर करेगा। मेरठ मेट्रो की आगे की योजना (Aage Ka Plan) मेरठ मेट्रो का पहला चरण (मेरठ दक्षिण से मोदीपुरम) पूरा होने के बाद, आगे की योजनाओं में शहर के विकास और कनेक्टिविटी को बढ़ाना शामिल है: दूसरा कॉरिडोर प्रस्तावित: मेरठ मेट्रो के लिए दूसरा कॉरिडोर भी प्रस्तावित है, जिसका रूट श्रद्धापुरी एक्सटेंशन से जाग्रति विहार तक हो सकता है। इस पर अभी विस्तृत काम शुरू होना बाकी है। टाउनशिप और TOD: मेरठ में ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (TOD) मॉडल पर आधारित नई टाउनशिप का विकास किया जा रहा है। ये टाउनशिप RRTS/मेट्रो स्टेशनों के आस-पास होंगी, जिससे लोग अपने कार्यस्थल (Walk to Work) और जरूरी सुविधाओं तक आसानी से पहुँच सकेंगे। इससे 2029 तक 20,000 से अधिक रोजगार उत्पन्न होने का अनुमान है। फीडर सेवाएं: स्टेशनों से अंतिम-मील कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए बस अड्डों और रेलवे स्टेशनों के लिए फीडर सेवाओं को मजबूत करने की योजना है। मेरठ मेट्रो न केवल शहर के ट्रैफिक को कम करेगी बल्कि दिल्ली-एनसीआर से मेरठ की कनेक्टिविटी को भी मजबूत करेगी, जिससे यहां के निवासियों के लिए समय और पैसे दोनों की बचत होगी। यह परियोजना मेरठ को देश के सबसे आधुनिक परिवहन नेटवर्क वाले शहरों की श्रेणी में खड़ा कर देगी।
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ RRTS कॉरिडोर, जिसे अब 'नमो भारत' (NaMo Bharat) ट्रेन के नाम से जाना जाता है, अब अपने अंतिम चरण में है और जल्द ही पूरी तरह से यात्रियों के लिए खोल दिया जाएगा।Read also:-Delhi–Meerut RRTS Opening Date 2025: नमो भारत रैपिड रेल से दिल्ली से मेरठ सफर सिर्फ 55 मिनट में वो दिन अब दूर नहीं, जब मेरठ का निवासी दिल्ली के दिल कनॉट प्लेस में शॉपिंग करने और गाजियाबाद का व्यापारी मेरठ में अपने बिजनेस को विस्तार देने का सपना सिर्फ 60 मिनट में पूरा कर सकेगा। देश के सबसे महत्वाकांक्षी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट, दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (RRTS), अब हकीकत बनने की दहलीज पर है। 82 किलोमीटर का यह हाई-स्पीड कॉरिडोर लगभग तैयार है और रिपोर्ट्स के मुताबिक, अक्टूबर 2025 की शुरुआत में प्रधानमंत्री द्वारा इसका उद्घाटन किया जा सकता है। संभावित उद्घाटन की तारीखें: मीडिया रिपोर्ट्स और निर्माण कार्य की प्रगति के अनुसार, पूरे कॉरिडोर (सराय काले खां से मोदीपुरम तक) का उद्घाटन अक्टूबर 2025 में होने की प्रबल संभावना है। ऐसी खबरें हैं कि अक्टूबर 2025 की शुरुआत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस परियोजना का शुभारंभ कर सकते हैं। पूरा कॉरिडोर: यह 82 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर दिल्ली के सराय काले खां को मेरठ के मोदीपुरम डिपो से जोड़ेगा, जिससे दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय एक घंटे से भी कम हो जाएगा। वर्तमान में परिचालन: 20 अक्टूबर 2023 से प्राथमिकता कॉरिडोर (साहिबाबाद से दुहाई डिपो) और हाल ही में न्यू अशोक नगर से मेरठ साउथ तक का खंड पहले से ही चालू है, जिसने लाखों यात्रियों को बड़ी राहत दी है। मेरठ मेट्रो: एक ही पटरी पर रैपिड और मेट्रो का तालमेल मेरठ शहर के भीतर यात्रियों की आवाजाही को आसान बनाने के लिए मेरठ मेट्रो भी 'नमो भारत' ट्रेन के साथ ही उसी ट्रैक पर चलेगी। शुरुआत: मेरठ मेट्रो का उद्घाटन भी अक्टूबर 2025 में रैपिड रेल के साथ ही होने की उम्मीद है। रूट: यह मेट्रो सेवा मेरठ साउथ से मोदीपुरम डिपो के बीच 23 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर पर चलेगी, जिसमें 13 स्टेशन होंगे। विशेषता: यह भारत की पहली ऐसी परियोजना है जहाँ क्षेत्रीय रैपिड रेल और स्थानीय मेट्रो ट्रेनें एक ही ट्रैक को साझा करेंगी, लेकिन इनके परिचालन के समय अलग-अलग होंगे। स्टेशन लिस्ट: कहाँ-कहाँ रुकेगी आपकी 'नमो भारत'? दिल्ली-मेरठ RRTS कॉरिडोर पर कुल 16 स्टेशन होंगे। दिल्ली (3) गाजियाबाद (6) मेरठ (7) सराय काले खां साहिबाबाद मेरठ साउथ (कॉमन) न्यू अशोक नगर गाजियाबाद शताब्दी नगर (कॉमन) आनंद विहार गुलधर बेगमपुल (कॉमन) दुहाई मोदीपुरम (कॉमन) दुहाई डिपो परतापुर (सिर्फ मेट्रो) मुरादनगर रिठानी (सिर्फ मेट्रो) मोदीनगर दक्षिण ब्रहमपुरी (सिर्फ मेट्रो) मोदीनगर उत्तर मेरठ सेंट्रल (सिर्फ मेट्रो) भैंसाली (सिर्फ मेट्रो) एमईएस कॉलोनी (सिर्फ मेट्रो) डोरली (सिर्फ मेट्रो) मेरठ नॉर्थ (सिर्फ मेट्रो) मोदीपुरम डिपो (सिर्फ मेट्रो) (कॉमन स्टेशन वे हैं जहाँ 'नमो भारत' रैपिड रेल और मेरठ मेट्रो दोनों रुकेंगी।) किराया विवरण: कितना होगा आपकी यात्रा का खर्च? 'नमो भारत' ट्रेन में दो तरह के कोच हैं: स्टैंडर्ड कोच और प्रीमियम कोच। यात्रियों को अपनी सुविधा अनुसार टिकट खरीदने का विकल्प मिलेगा। किराया सीमा: किराया ₹20 से शुरू होता है और अधिकतम ₹225 तक जा सकता है। एक प्रमुख रूट का किराया (उदाहरण): न्यू अशोक नगर से मेरठ साउथ तक: स्टैंडर्ड कोच में ₹150 और प्रीमियम कोच में ₹225। आनंद विहार से मेरठ साउथ तक का सफर लगभग 35 मिनट में पूरा होगा, जिसका किराया इसी सीमा में होगा। भुगतान विकल्प: यात्री QR कोड-आधारित पेपर टिकट और NCMC (नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड) का उपयोग करके यात्रा कर सकेंगे। निर्माण प्रगति और तकनीकी विशेषताएँ आरआरटीएस परियोजना का लगभग 75% से अधिक सिविल कार्य पूरा हो चुका है। स्पीड और रोलिंग स्टॉक: 'नमो भारत' ट्रेन की डिज़ाइन गति 180 किमी/घंटा है, जबकि परिचालन गति 160 किमी/घंटा होगी। ट्रेनों में महिलाओं के लिए एक आरक्षित कोच, प्रीमियम कोच, और सभी के लिए आधुनिक सुविधाएं (Wi-Fi, लैपटॉप/मोबाइल चार्जिंग पोर्ट) उपलब्ध हैं। हरित ऊर्जा पहल: NCRTC ने अपने स्टेशनों और डिपो पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए हैं, जो परियोजना को स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा प्रदान कर रहे हैं। फाइनल अप्रूवल: दिल्ली से मेरठ तक पूरे कॉरिडोर के वाणिज्यिक परिचालन के लिए अंतिम चरण की सुरक्षा मंजूरी मिलना बाकी है, जिसके बाद इसे तुरंत खोल दिया जाएगा। यह कॉरिडोर एनसीआर के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा, जो न केवल यात्रा को आसान बनाएगा बल्कि रोजगार, व्यापार और रियल एस्टेट को भी नई ऊंचाइयां देगा।
मेरठ, 19 सितंबर 2025 मेरठ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए 30 सितंबर का दिन एक नए युग की शुरुआत करने जा रहा है। इस ऐतिहासिक तारीख को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की पहली रैपिड रेल 'नमो भारत' के संपूर्ण कॉरिडोर और मेरठ मेट्रो को हरी झंडी दिखाएंगे। खास बात यह है कि प्रधानमंत्री इस उद्घाटन को यादगार बनाते हुए दिल्ली से 'नमो भारत' ट्रेन में सवार होकर मेरठ के मोदीपुरम तक का सफर तय करेंगे। उनके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहेंगे।READ ALSO:-सितंबर में 'प्रलयंकारी' मानसून: हिमाचल-उत्तराखंड में बादल फटने और लैंडस्लाइड से तबाही जारी, 424 की मौत दिल्ली से मेरठ तक ट्रेन में PM, फिर विशाल जनसभा योजना के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली से रैपिड ट्रेन के जरिए मेरठ पहुंचेंगे। यह यात्रा अपने आप में एक संदेश होगी कि दिल्ली और मेरठ के बीच की दूरी अब मिनटों में सिमट गई है। मोदीपुरम स्टेशन पर उतरने के बाद प्रधानमंत्री का काफिला शताब्दीनगर के लिए रवाना होगा, जहाँ वे एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे। इस रैली में मेरठ समेत आसपास के सभी जिलों से लाखों लोगों के जुटने की उम्मीद है, जिसके लिए तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो गई हैं। शहर में हाई अलर्ट, घर-घर किरायेदारों की जांच प्रधानमंत्री के इस दौरे को लेकर पूरा प्रशासनिक और पुलिस अमला हाई अलर्ट पर है। गुरुवार को एडीजी भानु भास्कर ने एक उच्च-स्तरीय बैठक कर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की और कड़े इंतजामों के निर्देश दिए। सुरक्षा एजेंसियां कोई भी ढिलाई नहीं बरतना चाहतीं। पुलिस और एलआईयू (स्थानीय अभिसूचना इकाई) की टीमों ने गुरुवार देर रात शताब्दी नगर, रिझानी और रिठानी जैसे इलाकों में घर-घर जाकर सघन चेकिंग अभियान चलाया। इस दौरान किरायेदारों और बाहर से आकर रह रहे लोगों के नाम, पते और मोबाइल नंबर दर्ज किए गए। देर रात बिजली गुल होने के बावजूद यह अभियान टॉर्च की रोशनी में जारी रहा, जो सुरक्षा की गंभीरता को दर्शाता है। यह सुरक्षा इसलिए भी कड़ी की गई है क्योंकि प्रधानमंत्री के दौरे से ठीक पहले राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी 20 से 22 सितंबर तक मेरठ में रहेंगी और दो विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोहों में हिस्सा लेंगी। मेरठ की नई लाइफलाइन: जानिए मेट्रो और नमो भारत का नेटवर्क यह प्रोजेक्ट मेरठ की कनेक्टिविटी को पूरी तरह से बदल देगा। नमो भारत (रैपिड रेल): दिल्ली से मेरठ तक का पूरा 82 किलोमीटर का ट्रैक अब पूरी तरह से चालू हो जाएगा। मेरठ मेट्रो: कुल लंबाई: 23 किलोमीटर (18 किमी एलिवेटेड, 5 किमी भूमिगत) कुल स्टेशन: 13 (मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी, मेरठ सेंट्रल, भैसाली, बेगमपुल, एमईएस कॉलोनी, डौरली, मेरठ नॉर्थ, मोदीपुरम और मोदीपुरम डिपो)। भूमिगत स्टेशन: मेरठ सेंट्रल, भैसाली और बेगमपul। एक ही टिकट पर दोनों में सफर: यात्रियों की सुविधा के लिए चार स्टेशनों- मेरठ साउथ, शताब्दी नगर, बेगमपुल और मोदीपुरम को कॉमन स्टेशन बनाया गया है, जहाँ यात्री नमो भारत और मेट्रो के बीच आसानी से स्विच कर सकेंगे।
इस वर्ष दीपावली की सही तिथि को लेकर पंचांगों में भिन्नता के कारण आम लोगों में बना कन्फ्यूजन अब दूर हो गया है। कुछ पंचांगों में 20 अक्टूबर तो कुछ में 21 अक्टूबर को दिवाली बताई जा रही थी। इस भ्रम की स्थिति को समाप्त करते हुए देश की सर्वोच्च धार्मिक संस्थाओं में से एक, श्री काशी विद्वत परिषद, ने स्पष्ट कर दिया है कि संपूर्ण देश में दीपावली का महापर्व सोमवार, 20 अक्टूबर 2025 को ही मनाया जाएगा।READ ALSO:-यूपी में कुदरत का डबल अटैक: पूर्वांचल में 'जल प्रलय' ने तोड़ा 136 साल का रिकॉर्ड, अब पश्चिमी यूपी के 23 जिलों में भारी बारिश-ओलों का अलर्ट! क्यों 20 अक्टूबर है सही तिथि? काशी विद्वत परिषद के ज्योतिष प्रकोष्ठ के मंत्री और बीएचयू के प्रोफेसर विनय कुमार पांडेय के अनुसार, सनातन धर्म में पर्वों का निर्धारण तिथियों की गणितीय गणना और शास्त्रों के आधार पर होता है। दीपावली कार्तिक मास की अमावस्या को प्रदोष काल में मनाई जाती है। प्रदोष काल का अर्थ है सूर्यास्त के बाद का समय। इस वर्ष कार्तिक अमावस्या तिथि की शुरुआत 20 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 56 मिनट पर होगी और यह 21 अक्टूबर की शाम 4 बजकर 26 मिनट तक रहेगी। 20 अक्टूबर को, जब सूर्यास्त होगा, तब अमावस्या तिथि विद्यमान रहेगी और पूरे प्रदोष काल को कवर करेगी। लक्ष्मी पूजन और दीपदान के लिए यह शास्त्र सम्मत और शुभ मुहूर्त है। 21 अक्टूबर को, अमावस्या तिथि शाम 4 बजकर 26 मिनट पर ही समाप्त हो जाएगी, जबकि सूर्यास्त लगभग 5 बजकर 40 मिनट पर होगा। इसका अर्थ है कि सूर्यास्त और प्रदोष काल के समय अमावस्या तिथि नहीं रहेगी, बल्कि प्रतिपदा तिथि लग चुकी होगी। ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषि द्विवेदी ने भी स्पष्ट किया कि ब्रह्म पुराण के अनुसार, कार्तिक अमावस्या की रात्रि में ही देवी लक्ष्मी और कुबेर भ्रमण करते हैं। यह रात्रि व्यापिनी और प्रदोष व्यापिनी अमावस्या 20 अक्टूबर को ही प्राप्त हो रही है। अतः इसी दिन लक्ष्मी-कुबेर पूजन और दीपोत्सव मनाना श्रेष्ठ है। 21 अक्टूबर को होगी स्नान-दान की अमावस्या विद्वानों ने यह भी स्पष्ट किया कि 21 अक्टूबर को सूर्योदय के समय अमावस्या तिथि होने के कारण इस दिन स्नान, दान और पितरों के लिए श्राद्ध कर्म करना उत्तम रहेगा। इसलिए, 21 अक्टूबर की तिथि धार्मिक कार्यों के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन दीपावली का मुख्य पर्व 20 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा। इस स्पष्टीकरण के बाद अब लोगों को अपने त्योहार की तैयारियों को लेकर किसी भी तरह के भ्रम में रहने की आवश्यकता नहीं है।
उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर की कनेक्टिविटी और व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ी परियोजना को हरी झंडी मिल गई है। दिल्ली रोड स्थित ट्रांसपोर्ट नगर गेट से टीपीनगर थाने तक लगभग 1300 मीटर लंबी सड़क का निर्माण मुख्यमंत्री शहरी सड़क योजना (CM ग्रिड) के तहत किया जाएगा। नगर आयुक्त सौरभ गंगवार ने पुष्टि की है कि ₹32 करोड़ की अनुमानित लागत वाली इस परियोजना के डिजाइन को मंजूरी मिल गई है और निर्माण कार्य शीघ्र शुरू किया जाएगा।READ ALSO:-दिल्ली ब्लास्ट में मेरठ के मोहसिन की दर्दनाक मौत: 'मेरे लाल की क्या गलती थी?' - मां का बिलख-बिलख कर रोना, परिवार पर टूटा गम का पहाड़ CM ग्रिड योजना और ट्रैफिक का दबाव ट्रांसपोर्ट नगर क्षेत्र मेरठ के व्यावसायिक केंद्र के रूप में जाना जाता है, जहाँ भारी वाहनों की आवाजाही के कारण अक्सर जाम और जलभराव की समस्या रहती है। यह नई सड़क CM ग्रिड योजना के तहत बनाई जा रही है, जिसका उद्देश्य शहरों के भीतर यातायात के दबाव को कम करना और सड़कों को आधुनिक बनाना है। बढ़ी कनेक्टिविटी: यह सड़क दिल्ली रोड, बागपत बाईपास और रोहटा रोड को आपस में जोड़ेगी। व्यावसायिक लाभ: इस सुधार से भारी वाहनों और माल ढुलाई के ट्रकों को शहर के भीतर प्रवेश किए बिना गंतव्य तक पहुंचने का विकल्प मिलेगा, जिससे शहर के भीतर यातायात का दबाव घटेगा और व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। आधुनिक डिजाइन और ड्रेनेज सिस्टम नगर आयुक्त सौरभ गंगवार ने बताया कि इस सड़क का डिजाइन विशेष रूप से तैयार किया गया है, जो मेरठ की अन्य CM ग्रिड सड़कों की तुलना में अधिक आधुनिक और विस्तृत है। सड़क की विशिष्टता: यह मेरठ की पहली ऐसी सड़क होगी, जिसके बीचोंबीच डिवाइडर के मध्य में फुटपाथ बनाया जाएगा। लेन व्यवस्था: सड़क में दोनों ओर सात-सात मीटर चौड़ी लेनें होंगी, जिससे यातायात सुगम होगा। ड्रेनेज सिस्टम: बारिश के समय जलभराव की समस्या से बचाव के लिए सड़क के किनारे मजबूत ड्रेनेज सिस्टम की भी व्यवस्था की जा रही है, जिससे पानी की निकासी सुचारू रूप से हो सकेगी। प्रदूषण नियंत्रण और पार्किंग पर जोर नगर आयुक्त सौरभ गंगवार ने बताया कि परियोजना में पर्यावरण संतुलन और यातायात प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया गया है। पार्किंग व्यवस्था: सड़क के किनारे ट्रक पार्किंग की विशेष व्यवस्था की जाएगी, ताकि व्यावसायिक वाहनों को सड़क पर खड़ा करने से होने वाले जाम की स्थिति से बचा जा सके। प्रदूषण नियंत्रण: इस आधुनिक डिजाइन में यातायात की सुगमता के साथ-साथ प्रदूषण नियंत्रण पर भी ध्यान दिया गया है। सड़क के किनारे हरित पट्टी (ग्रीन बेल्ट) और पौधारोपण भी किया जाएगा। ट्रांसपोर्टरों को बड़ी राहत ट्रांसपोर्ट नगर के व्यवसायियों ने इस परियोजना के डिजाइन और जल्द शुरू होने की खबर पर खुशी जाहिर की है। ट्रांसपोर्टरों का मानना है कि ट्रक पार्किंग और बेहतर कनेक्टिविटी से उनका कारोबार सुधरेगा और दिल्ली रोड पर लगने वाले जाम से मुक्ति मिलेगी। #मेरठ और #CMग्रिड हैशटैग सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहे हैं। जल्द शुरू होगा निर्माण कार्य सौरभ गंगवार के अनुसार, डिजाइन को मंजूरी मिल गई है और निर्माण कार्य शीघ्र शुरू किया जाएगा। यह परियोजना न केवल मेरठ की सड़कों को आधुनिक बनाएगी, बल्कि शहर की व्यावसायिक गतिशीलता को भी एक नई दिशा देगी।
दिल्ली में लाल किले के पास हुए बम ब्लास्ट (Delhi Bomb Blast) के बाद, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) का हिस्सा होने के कारण मेरठ में सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है। जिला प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से हाई अलर्ट घोषित कर दिया है। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए मेरठ में विशेष रूप से सघन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें शहर के प्रमुख रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों को निशाना बनाया गया है।READ ALSO:-दिल्ली धमाके का खौफ: मेरठ RRTS स्टेशन की पार्किंग अचानक बंद, भड़के यात्रियों ने काटा हंगामा; ADG खुद सड़कों पर उतरे आतंकी हमले के बाद अलर्ट जारी सोमवार रात दिल्ली के लाल किले के पास हुए आतंकी धमाके के बाद से ही दिल्ली-एनसीआर में सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह से सतर्क हैं। मेरठ की भौगोलिक निकटता को देखते हुए, यहाँ सुरक्षा बढ़ाना एक अनिवार्य कदम था। हाई अलर्ट: दिल्ली बम ब्लास्ट के बाद मेरठ में तुरंत हाई अलर्ट घोषित किया गया। उद्देश्य: मुख्य उद्देश्य संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखना और किसी भी बाहरी आतंकी मॉड्यूल के प्रवेश को रोकना है। डॉग स्क्वायड और बम निरोधक दस्ते अलर्ट पर मेरठ पुलिस ने पूरे शहर में जबरदस्त घेराबंदी और चेकिंग अभियान चलाया है। प्रमुख ठिकाने: बस अड्डों, रेलवे स्टेशनों और होटलों में डॉग स्क्वायड की टीमों ने सघन चेकिंग अभियान चलाया है। सुरक्षा बल की तैनाती: शहर के सभी प्रमुख हाईवे और चौराहों पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। गाड़ियों को रोककर उनकी गहन जांच की जा रही है। टीम अलर्ट: बम निरोधक दस्ते (Bomb Disposal Squad) भी पूरी तरह से अलर्ट मोड पर हैं और किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार हैं। शहर के एंट्री और एग्जिट पॉइंट्स पर चेकिंग पुलिस की यह कार्रवाई किसी एक क्षेत्र तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे जिले के महत्वपूर्ण पॉइंट्स को कवर कर रही है। शहर के प्रमुख चेकिंग पॉइंट: बेगमपुल, हापुड़ अड्डा, बच्चा पार्क, तेजगढ़ी और दिल्ली रोड जैसे भीड़भाड़ वाले स्थानों पर पुलिस चेकिंग कर रही है। हाईवे पर निगरानी: दिल्ली से मेरठ को जोड़ने वाले हाईवे, जिसमें दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे भी शामिल है, पर भी गहन जांच की जा रही है। दौराला टोल प्लाजा के पास भी वाहनों को रोककर चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। एसएसपी ने संभाला नेतृत्व वरिष्ठ अधिकारियों ने स्वयं सड़कों पर उतरकर चेकिंग अभियान का नेतृत्व किया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सुरक्षा में कोई चूक न हो। SSP डॉ. विपिन ताडा का बयान: एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने बताया कि "पूरे जिले में 153 पॉइंट हैं। इसमें 21 ऐसे पॉइंट है जो शहर में एंट्री और एग्जिट के हैं। वहाँ पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं, जो सभी वाहनों की सघनता से जांच कर रहे हैं।" फोकस: अधिकारियों ने विशेष रूप से बाहर से आने वाली गाड़ियों पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश दिया है ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि को शुरुआती चरण में ही रोका जा सके। सुरक्षा के प्रति जागरूकता इस सघन चेकिंग अभियान से कुछ देर के लिए यातायात बाधित हुआ, लेकिन दिल्ली बम ब्लास्ट के बाद मेरठ के नागरिकों ने सुरक्षा के इस कड़े कदम का समर्थन किया है। पुलिस की सक्रियता से मेरठ में सुरक्षा का माहौल मजबूत हुआ है। अब प्रशासन रेलवे स्टेशनों और सार्वजनिक परिवहन के केंद्रों पर अतिरिक्त सावधानी बरत रहा है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस (J&K Police) ने एक बड़े आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ करते हुए, लखनऊ की महिला डॉक्टर शाहीन शाहिद को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया है। सोमवार को हुई यह गिरफ्तारी राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े एक गंभीर मामले की ओर इशारा करती है। शाहीन पर पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और अंसार गजवत-उल-हिंद (AGuH) से जुड़े होने के आरोप हैं। गिरफ्तारी के बाद J&K पुलिस उसे अपने साथ लेकर चली गई है।READ ALSO:-दिल्ली धमाके के बाद UP में High Alert! CM योगी ने दिए सख्त निर्देश फरीदाबाद और सहारनपुर कनेक्शन डॉक्टर शाहीन शाहिद, लखनऊ के लालबाग इलाके की निवासी हैं, और वह फरीदाबाद से गिरफ्तार हुए आतंकी डॉक्टर मुजम्मिल शकील की करीबी सहयोगी और गर्लफ्रेंड थी। मुजम्मिल शकील की गिरफ्तारी सहारनपुर (यूपी) से गिरफ्तार किए गए एक अन्य डॉक्टर आदिल अहमद (अदील) से पूछताछ के बाद हुई थी। यह पूरा आतंकी मॉड्यूल अब चार राज्यों—उत्तर प्रदेश, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और दिल्ली—से जुड़ता नज़र आ रहा है। मुजम्मिल शकील: पुलवामा के कोइल का रहने वाला मुजम्मिल, फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ाता था। डॉक्टर आदिल: 7 नवंबर को सहारनपुर से गिरफ्तार हुआ, यह अनंतनाग के सरकारी मेडिकल कॉलेज में प्रैक्टिस करता था और श्रीनगर में जैश-ए-मोहम्मद के पोस्टर लगाते हुए सीसीटीवी फुटेज में पकड़ा गया था। डॉक्टर शाहीन की कार से AK-47 बरामद डॉक्टर शाहीन शाहिद की गिरफ्तारी तब हुई जब जांच एजेंसियों को पता चला कि वह गिरफ्तार आतंकी डॉक्टर मुजम्मिल शकील की कार का इस्तेमाल कर रही थी। बरामदगी: शाहीन की कार से एक AK-47 राइफल, जिंदा कारतूस और अन्य संदिग्ध सामग्री बरामद हुई हैं। टेरर मॉड्यूल की साजिश: पुलिस का दावा है कि यह आतंकी मॉड्यूल भारत के विभिन्न हिस्सों में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रच रहा था। गिरफ्तारी की संख्या: अब तक इस मॉड्यूल से जुड़े सात लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिनसे कुल 2900 किलो IED (अमोनियम नाइट्रेट-आधारित विस्फोटक) भी जब्त किया गया है। ऑपरेशन जारी, उच्च सतर्कता आईजी लॉ एंड ऑर्डर एलआर कुमार ने इस मामले को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बेहद संवेदनशील बताया है। पुलिस का बयान: आईजी कुमार का कहना है कि शाहीन के बारे में जम्मू-कश्मीर पुलिस से विस्तृत जानकारी जुटाई जा रही है। उन्होंने पुष्टि की कि AK-47 और अन्य विस्फोटक सामग्री की बरामदगी हुई है। मुजम्मिल के ठिकाने से: मुजम्मिल शकील ने फरीदाबाद के धौज गांव में तीन महीने पहले जो कमरा किराए पर लिया था, वहां से करीब 360 किलो विस्फोटक (अमोनियम नाइट्रेट हो सकता है), 20 टाइमर्स, बैटरी और असॉल्ट राइफल, 3 मैगजीन, 83 कारतूस और एक पिस्टल बरामद हुई है। गोपनीयता: पुलिस ने राष्ट्रीय सुरक्षा को देखते हुए ऑपरेशन की ज्यादा डिटेल्स अभी जारी नहीं की हैं, क्योंकि जांच जारी है और नेटवर्क की जड़ तक पहुंचना बाकी है। सुरक्षा पर सवाल पेशे से डॉक्टर और समाज के सम्मानित वर्ग से जुड़े लोगों के आतंकी संगठनों से जुड़ने की खबर से जनता में गहरा आश्चर्य और चिंता है। यह घटना सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रही है और सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता पर सवाल उठ रहे हैं। लोग इस बात पर आश्चर्य व्यक्त कर रहे हैं कि AK-47 जैसे हथियार और 2900 किलो विस्फोटक विभिन्न राज्यों से होकर मॉड्यूल तक कैसे पहुंचे। नेटवर्क की गहराई तक जांच जांच एजेंसियां अब डॉक्टर शाहीन शाहिद के मोबाइल डेटा, बैंकिंग रिकॉर्ड और विदेशी कॉल डिटेल्स खंगाल रही हैं। उसका संपर्क कई संदिग्ध नेटवर्क से था, जिनकी डोर सीधे पाकिस्तान में बैठे आतंकियों से जुड़ी है। इसके अलावा, अल-फलाह यूनिवर्सिटी में उसकी भूमिका की भी जांच हो रही है कि क्या किसी तरह का आतंकी फंडिंग नेटवर्क शिक्षण संस्थानों के माध्यम से संचालित किया जा रहा था। इस मॉड्यूल के भंडाफोड़ से एक बड़े आतंकी खतरे को टाला गया है।
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