महिला जब साथी के साथ यौन संबंध बनाती है तो वह अपने प्रजनन का अधिकार नहीं छोड़ती : कोर्ट

 कोर्ट ने कहा कि अपने साथी के साथ यौन संबंध बनाते समय महिला अपने जिन अन्य अधिकारों का त्याग नहीं करती उनमें प्रजनन अधिकार भी शामिल है। आरोपी शुभम सिंह का कृत्य महिलाओं के प्रजनन अधिकारों का हनन है। 

 | 
court
 

दिल्ली की द्वारका कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण मामले की सुनवाई करते जुए कहा कि जब कोई महिला अपने साथी के साथ Sex करती (यौन संबंध बनाती) है तो वह अपने प्रजनन अधिकारों (Reproductive Rights) का त्याग नहीं करती। इस कथन के साथ ही कोर्ट ने महिला के साथ रेप व कई बार गर्भपात (Rape & Abortion) कराने के लिए मजबूर करने के आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी।

दरअसल शुभम सिंह नाम के युवक पर महिला ने लगातार रेप और कई बार गर्भपात कराने का आरोप लगाया था। इस मामले में सुनवाई करते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विशाल गोगने ने कहा कि कोई महिला अपनी मर्जी से अपने साथी के साथ यौन संबंध (Physical Relation) बनाकर यौन स्वायत्तता का प्रयोग करती है तो इसका मतलब यह नहीं है कि उसने अपने प्रजनन के अधिकारों के उल्लंघन की सहमति भी साथी को दे दी है। Read Also: शादीशुदा पड़ोसन की इश्कबाजी से युवक का घर से निकलना हुआ दुश्वार, कहती है दोस्ती करो वरना झूठे केस में फंसा दूंगी

कोर्ट ने कहा कि कई गर्भधारण (Pregnancy) और गर्भपात (Abortion) के माध्यम से प्रजनन स्वायत्तता का उल्लंघन करने का कार्य सहमति के तत्व को छीन लेने के बराबर है। कोर्ट ने कहा कि हो सकता है कि सहमति यौन कृत्य के लिए ही दी गई हो, लेकिन प्रजनन अधिकार महिला के हैं।

कोर्ट ने कहा कि अपने साथी के साथ यौन संबंध बनाते समय महिला अपने जिन अन्य अधिकारों का त्याग नहीं करती उनमें प्रजनन अधिकार भी शामिल है। आरोपी शुभम सिंह का कृत्य महिलाओं के प्रजनन अधिकारों का हनन है। इसीलिए आरोपी शुभम सिंह को जमानत नहीं दी जा सकती।

देश दुनिया के साथ ही अपने शहर की ताजा खबरें अब पाएं अपने WHATSAPP पर, क्लिक करें। Khabreelal के Facebookपेज से जुड़ें, Twitter पर फॉलो करें। इसके साथ ही आप खबरीलाल को Google News पर भी फॉलो कर अपडेट प्राप्त कर सकते है। हमारे Telegram चैनल को ज्वाइन कर भी आप खबरें अपने मोबाइल में प्राप्त कर सकते है।