उत्तराखंड में इन जिलों में बाहरी लोगों के जमीन खरीदने पर रोक, जानिए सरकार ने क्यों लिया ये फैसला
प्रदेश की जनता की लंबे समय से उठ रही मांग और उनकी भावनाओं का पूरी तरह सम्मान करते हुए आज कैबिनेट ने सख्त भू-कानून को मंजूरी दे दी है। यह ऐतिहासिक कदम राज्य के संसाधनों, सांस्कृतिक धरोहर और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करेगा, साथ ही प्रदेश की मूल पहचान को बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
Feb 21, 2025, 18:27 IST
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उत्तराखंड सरकार ने एक नया कानून बनाया है, जिसके तहत अब 13 में से 11 जिलों में बाहरी लोगों के जमीन खरीदने पर रोक लगा दी गई है। यह रोक कृषि और बागवानी की जमीन खरीदने पर लगाई गई है।READ ALSO:-मुरादाबाद DIG ने बिजनौर पुलिस लाइन का किया दौरा, आगामी त्योहारों की तैयारियों की समीक्षा, दिए सुरक्षा के निर्देश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस कानून को 'ऐतिहासिक कदम' बताया है। उन्होंने कहा कि यह कानून राज्य के संसाधनों, सांस्कृतिक विरासत और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करेगा। साथ ही, यह राज्य की मूल पहचान को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाएगा।
"राज्य, संस्कृति और मूल स्वरूप की रक्षक हमारी सरकार !"
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) February 19, 2025
प्रदेश की जनता की लंबे समय से उठ रही मांग और उनकी भावनाओं का पूरी तरह सम्मान करते हुए आज कैबिनेट ने सख्त भू-कानून को मंजूरी दे दी है। यह ऐतिहासिक कदम राज्य के संसाधनों, सांस्कृतिक धरोहर और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा… pic.twitter.com/FvANZxWiEB
नए कानून के मुख्य बिंदु:
- हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जिलों को छोड़कर बाकी 11 जिलों में बाहरी लोग कृषि और बागवानी की जमीन नहीं खरीद सकेंगे।
- जिलाधिकारियों के पास अब जमीन खरीद को मंजूरी देने का अधिकार नहीं रहेगा।
- जमीन के लेन-देन के लिए एक विशेष पोर्टल बनाया जाएगा, जहां बाहरी लोगों द्वारा की गई सभी खरीद का रिकॉर्ड रखा जाएगा।
- यदि कोई व्यक्ति इन नियमों का उल्लंघन कर जमीन का इस्तेमाल करता है तो सरकार उस जमीन को अपने कब्जे में ले लेगी।
यह कानून उत्तराखंड में लंबे समय से चले आ रहे जमीन खरीद के विवाद को खत्म करने के लिए बनाया गया है। बड़ी संख्या में लोग जमीन खरीद को लेकर सख्त कानून बनाने की मांग करते रहे हैं।
यह कानून उत्तराखंड के मूल निवासियों के हितों की रक्षा करेगा और राज्य की सांस्कृतिक विरासत को बचाने में मदद करेगा।