मुख्य सचिव ने कहा खाद्य पदार्थों में मिलावट रुकवाएं, देहरादून, हरिद्वार और हल्द्वानी में फूड टेस्टिंग लैब खोलें

उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने खाद्य पदार्थों में मिलावट रुकवाने के लिए अभियान चलाने के आदेश दिए हैँ। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को आदेश दिया है कि वह इस मामले में सख्ती से अभियान चलाएं। वहीं, ज्यादा से ज्यादा फूड टेस्टिंग करने के लिए देहरादून, हल्दवानी और  हरिद्वार में भी लैब खोली जाएं।
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उत्तराखंड के मुख्य सचिव डॉ. एसएस सन्धु (Chief Secretary of Uttarakhand Dr. SS Sandhu) ने मंगलवार को सचिवालय में खाद्य पदार्थों में मिलावट के संबंध में उच्चाधिकारियों के साथ बैठक ली। मुख्य सचिव ने कहा कि खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों को लोगों की जिन्दगी से खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने के लिए सख्त कदम उठाते हुए, इसे राज्य की प्राथमिकता बनाया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि खाद्य पदार्थों में मिलावट को रोकने के लिए अभियान चलाया जाए। यह अभियान सिर्फ त्योहारी सीजन को देखते हुए न हो, बल्कि इसे नियमित आधार पर चलाया जाए।

 
मुख्य सचिव ने फूड टेस्टिंग लैब बढ़ाए जाने के दिए निर्देश


मुख्य सचिव ने कहा कि अभी राज्य में एक ही फूड टेस्टिंग लैब है, जो कि रूद्रपुर में है। उन्होंने अधिकारियों को देहरादून, हरिद्वार और हल्द्वानी में भी फूड टेस्टिंग लैब खोले जाने के नर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गढ़वाल एवं कुमाऊं हेतु एक-एक मोबाईल फूड टेस्टिंग लैब की व्यवस्था भी की जाए। साथ ही, फूड एडल्ट्रेशन को रोकने के लिए सख्त से सख्त कदम उठाए जाने चाहिए। छोटे-छोटे वीडियो क्लिप्स के माध्यम से लोगों में जागरूकता फैलायी जाए। उन्होंने कहा कि जब तक इसके प्रति आमजन जागरूक नहीं होगा तब तक फूड एडल्ट्रेशन को रोकना आसान नहीं होगा। यह भी पढ़ें - आर्थिक विकास के लिए स्वरोजगार एक अच्छा माध्यम : सीएम धामी।


मिलावट को रोकने के लिए बनाए गए नियमों का अनुपालन हो सुनिश्चित


मुख्य सचिव ने होटल व्यवसायियों को स्वच्छता रेटिंग के लिए प्रोत्साहित किया जाए, इसके लिए होने वाले व्यय को सरकार द्वारा वहन किए जाने हेतु प्रस्ताव लाया जाए। उन्होंने कहा कि खाद्य पदार्थों में मिलावट को रोकने के लिए बनाए गए नियमों और मानकों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए पोर्टल बेस्ड मॉनिटरिंग की जाए। होटल व्यवसायियों को इसके लिए जागरूक किया जाए।

 

मुख्य सचिव ने कहा कि नियमित जांच और कठोर कार्रवाई के अभाव में मिलावट पर अंकुश नहीं लगाया जा सकता। इसके लिए लगातार सघन निरीक्षण अभियान के साथ ही मिलावटखोरों पर सख्त कानूनी कार्रवाई कर उदाहरण पेश किया जाए ताकि लोगों में मिलावटखोरी के प्रति भय हो, और इसे रोका जा सके। इस अवसर पर सचिव श्री अमित नेगी एवं कमिश्नर फूड सेफ्टी डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

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