देवभूमि की दबंग IPS: देहरादून की बेटी रचिता जुयाल, भ्रष्टाचार के दुश्मनों के लिए बनीं काल! इस्तीफे से अचानक चर्चा में
पहले ही प्रयास में UPSC क्रैक, पिता भी पुलिस में; विजिलेंस SP रहते हुए विभाग में मचाई खलबली, भ्रष्टाचारियों पर कसती रहीं शिकंजा
Jun 25, 2025, 17:09 IST
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देहरादून की धरती ने कई प्रतिभाओं को जन्म दिया है, और उनमें से एक हैं IPS रचिता जुयाल। अपनी दमदार कार्यशैली, भ्रष्टाचार के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस और निडर छवि के कारण रचिता आज उत्तराखंड पुलिस में एक खास पहचान रखती हैं। धरमपुर की रहने वाली इस बेटी ने न केवल पहले ही प्रयास में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल की, बल्कि राज्य में अपनी पोस्टिंग के दौरान कई ऐसे काम किए हैं, जिससे भ्रष्ट तत्वों के होश उड़ गए हैं। आइए जानते हैं इस दबंग आईपीएस अफसर के बारे में विस्तार से।READ ALSO:-BSNL की धांसू एंट्री: अब सिम कार्ड आपके घर! जियो-एयरटेल की बढ़ी टेंशन, घर बैठे पाएं नया नंबर
देहरादून से दिल्ली तक: सफलता की उड़ान
रचिता जुयाल की कहानी प्रेरणादायक है। उन्होंने अपनी प्रारंभिक और उच्च शिक्षा दोनों ही देहरादून में पूरी की। बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में बीबीए और एमबीए की डिग्री हासिल करने के बाद, उन्होंने एक अलग राह चुनी - देश सेवा की राह। उनकी मेहनत और समर्पण का ही नतीजा था कि साल 2015 में उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के पहले ही प्रयास में सफलता प्राप्त कर ली। तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी रचिता के परिवार में अनुशासन और सेवा का भाव कूट-कूटकर भरा है, क्योंकि उनके पिता बीबीडी जुयाल भी पुलिस विभाग में इंस्पेक्टर रह चुके हैं। उत्तराखंड के प्रति अपने गहरे जुड़ाव को व्यक्त करते हुए रचिता हमेशा कहती हैं कि वह भविष्य में भी अपने राज्य के लिए हर संभव योगदान देती रहेंगी।
रचिता जुयाल की कहानी प्रेरणादायक है। उन्होंने अपनी प्रारंभिक और उच्च शिक्षा दोनों ही देहरादून में पूरी की। बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में बीबीए और एमबीए की डिग्री हासिल करने के बाद, उन्होंने एक अलग राह चुनी - देश सेवा की राह। उनकी मेहनत और समर्पण का ही नतीजा था कि साल 2015 में उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के पहले ही प्रयास में सफलता प्राप्त कर ली। तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी रचिता के परिवार में अनुशासन और सेवा का भाव कूट-कूटकर भरा है, क्योंकि उनके पिता बीबीडी जुयाल भी पुलिस विभाग में इंस्पेक्टर रह चुके हैं। उत्तराखंड के प्रति अपने गहरे जुड़ाव को व्यक्त करते हुए रचिता हमेशा कहती हैं कि वह भविष्य में भी अपने राज्य के लिए हर संभव योगदान देती रहेंगी।
#WATCH | Dehradun, Uttarakhand: After resigning from service, Uttarakhand-cadre IPS officer Rachita Juyal says, "I recently submitted my resignation after completing 10 years of service, citing personal reasons. Everyone has certain plans in life, and I, too, have aspirations… pic.twitter.com/Gs1hZCERbW
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 2, 2025
कड़क अंदाज और भ्रष्टाचार पर करारा प्रहार
IPS रचिता जुयाल की पहचान उनकी सख्त कार्यशैली और स्पष्टवादिता है। उन्होंने अपनी विभिन्न पोस्टिंग के दौरान यह साबित किया है कि भ्रष्टाचार के मामले में उनकी कोई रियायत नहीं होती।
विजिलेंस SP के रूप में धाक: हाल ही में एसपी विजिलेंस के पद पर रहते हुए रचिता ने एक ऐसी कार्रवाई की, जिसने पूरे पुलिस महकमे को हिलाकर रख दिया। उन्होंने पुलिस विभाग के ही एक सब इंस्पेक्टर को भ्रष्टाचार के आरोप में रंगे हाथों गिरफ्तार करवाया। इस साहसिक कदम की हर तरफ चर्चा हुई और इसने यह संदेश दिया कि भ्रष्टाचार चाहे कहीं भी हो, बख्शा नहीं जाएगा।
अल्मोड़ा और बागेश्वर में भी दिखाई सख्ती: इससे पहले, रचिता जुयाल अल्मोड़ा और बागेश्वर जिलों में भी एसपी विजिलेंस के पद पर अपनी सेवाएं दे चुकी हैं। इन पहाड़ी जिलों में भी उन्होंने कई भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों पर नकेल कसी, जिससे आम जनता में उनकी छवि एक ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी के तौर पर मजबूत हुई। उनकी कार्यशैली हमेशा कानून के दायरे में रहकर त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करने पर केंद्रित रही है।
रचिता जुयाल का मानना है कि पुलिस का काम सिर्फ कानून व्यवस्था बनाए रखना ही नहीं, बल्कि जनता का विश्वास जीतना भी है। उनकी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई और सख्त कार्रवाई की वजह से आज वह उत्तराखंड में एक बेखौफ और दबंग आईपीएस अफसर के रूप में जानी जाती हैं, जो सही मायने में देवभूमि की सेवा कर रही हैं। उनकी कहानी युवा पीढ़ी के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है, जो यह सिखाती है कि दृढ़ संकल्प और ईमानदारी से हर लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।