योगी सरकार का बड़ा 'नाम' परिवर्तन: यूपी के 5 प्रमुख इंजीनियरिंग कॉलेजों को मिली नई पहचान!
भारत रत्न से लेकर लोकमाता तक: महापुरुषों और स्थानीय देवी के नाम पर अब जाने जाएंगे प्रदेश के ये शिक्षण संस्थान
Jun 28, 2025, 18:51 IST
|

लखनऊ, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश में नाम बदलने की कवायद जारी है, और इस बार योगी सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव किया है। जिलों और रेलवे स्टेशनों के बाद, अब राज्य के पांच प्रमुख सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों को भी नई पहचान मिली है। शनिवार को जारी आदेश के अनुसार, इन कॉलेजों के नाम अब महापुरुषों और एक स्थानीय देवी के नाम पर होंगे, जिससे इन संस्थानों को नई पहचान मिलेगी और छात्र-छात्राओं को प्रेरणा मिल सकेगी।READ ALSO:-मेरठ में सड़क सुरक्षा पर DM सख्त: बिना हेलमेट पेट्रोल बेचने वालों पर गिरेगी गाज, ₹25 हजार का इनाम भी!
जानिए किन कॉलेजों के नाम बदले गए और क्या है नई पहचान?
योगी सरकार ने जिन पांच सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों के नाम में बदलाव किया है, वे इस प्रकार हैं:
योगी सरकार ने जिन पांच सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों के नाम में बदलाव किया है, वे इस प्रकार हैं:
- राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज प्रतापगढ़: यह कॉलेज अब भारत रत्न बाबा साहब भीमराव अंबेडकर राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज प्रतापगढ़ के नाम से जाना जाएगा। यह नाम दलितों और वंचितों के सशक्तिकरण में बाबा साहब के योगदान को समर्पित है।
- राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज मिर्जापुर: अब यह संस्थान सम्राट अशोक राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज मिर्जापुर के रूप में पहचाना जाएगा। सम्राट अशोक के विशाल साम्राज्य और न्यायपूर्ण शासन की विरासत को इससे जोड़ा गया है।
- राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज बस्ती: इस कॉलेज का नया नाम भारत रत्न सरदार वल्लभभाई पटेल राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज बस्ती होगा। यह नाम देश के एकीकरण में सरदार पटेल के अद्वितीय योगदान को याद दिलाएगा।
- राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज गोंडा: यह कॉलेज अब मां पाटेश्वरी देवी राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज गोंडा के नाम से जाना जाएगा। यह स्थानीय आस्था और गोंडा क्षेत्र की पूजनीय देवी मां पाटेश्वरी को सम्मान देने के लिए किया गया है।
- राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज मैनपुरी: मैनपुरी का यह संस्थान अब लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज मैनपुरी के नाम से जाना जाएगा। यह नाम कुशल प्रशासक और जनहितैषी शासक लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की स्मृति में रखा गया है।
नाम बदलने के पीछे क्या है सरकार का मकसद?
सरकार का कहना है कि यह कदम इन शिक्षण संस्थानों को राज्य के गौरवशाली इतिहास, महान विभूतियों और स्थानीय संस्कृति से जोड़ने के लिए उठाया गया है। इससे छात्रों में राष्ट्रप्रेम और नैतिक मूल्यों का संचार होगा, साथ ही उन्हें इन प्रेरणादायी हस्तियों के जीवन से सीखने का अवसर मिलेगा। नामकरण की यह प्रक्रिया शिक्षा के क्षेत्र में एक विशिष्ट पहचान स्थापित करने और छात्रों के लिए एक प्रेरणादायक वातावरण तैयार करने का प्रयास है।
सरकार का कहना है कि यह कदम इन शिक्षण संस्थानों को राज्य के गौरवशाली इतिहास, महान विभूतियों और स्थानीय संस्कृति से जोड़ने के लिए उठाया गया है। इससे छात्रों में राष्ट्रप्रेम और नैतिक मूल्यों का संचार होगा, साथ ही उन्हें इन प्रेरणादायी हस्तियों के जीवन से सीखने का अवसर मिलेगा। नामकरण की यह प्रक्रिया शिक्षा के क्षेत्र में एक विशिष्ट पहचान स्थापित करने और छात्रों के लिए एक प्रेरणादायक वातावरण तैयार करने का प्रयास है।
