UP : वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर योगी सरकार का शिकंजा, इस जिले में चिह्नित हुईं 3464 संपत्तियां, कस्टोडियन में बेचैनी

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बुलंदशहर: लोकसभा में बुधवार को वक्फ बिल पारित होने के बाद उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार हरकत में आ गई है। सरकार प्रदेश भर में जिलावार वक्फ संपत्तियों का विस्तृत ब्योरा तैयार करवा रही है। इस कड़ी में बुलंदशहर जिले में भी सभी सात तहसील क्षेत्रों में कुल 3464 वक्फ संपत्तियों की पहचान की गई है। सरकार की इस सक्रियता के बाद वक्फ संपत्तियों के वर्तमान कस्टोडियंस में बेचैनी बढ़ गई है।READ ALSO:-मुरादाबाद: नशे में धुत दरोगा का बीच सड़क पर हंगामा, लोगों को दी गालियां, वीडियो वायरल

 

बुलंदशहर जिले में तहसीलवार चिह्नित की गई वक्फ संपत्तियों की संख्या इस प्रकार है: बुलंदशहर तहसील में सर्वाधिक 1075, खुर्जा में 750, अनूपशहर में 578, सिकंदराबाद में 449, शिकारपुर में 236, डिबाई में 203 और स्याना तहसील क्षेत्र में 173 वक्फ प्रॉपर्टीज को चिह्नित किया गया है।

 


इन वक्फ संपत्तियों की अनुमानित कीमत अरबों रुपये बताई जा रही है, जबकि वक्फ बोर्ड को इनसे अपेक्षित आय नहीं हो रही है। वक्फ मामलों के जानकारों का कहना है कि इन संपत्तियों के कस्टोडियन ही धीरे-धीरे बेशकीमती प्रॉपर्टी के मालिक बन बैठे हैं। वे इन संपत्तियों से कमाई तो कर रहे हैं, लेकिन इनकी देखरेख पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। इसी वजह से जगह-जगह वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जे हो गए हैं। स्थिति यह है कि यदि वक्फ की संपत्ति पर कोई मस्जिद या मदरसा भी बना है, तो कस्टोडियन उसकी रंगाई-पुताई तक कराने की जहमत नहीं उठाते, जिससे गांवों और ग्रामीण इलाकों में वक्फ संपत्तियों की घोर अनदेखी हो रही है।

 

वक्फ संपत्तियों को मूल रूप से अल्लाह की राह में दान किया गया था और इन्हें वक्फ बोर्ड में शामिल करने का उद्देश्य यह था कि इन संपत्तियों से होने वाली आय का उपयोग गरीब, बेसहारा, विधवा महिलाओं और अनाथ बच्चों की मदद के लिए किया जाएगा। इन जमीनों पर अस्पताल और विश्राम गृह खोलने की भी योजना थी, लेकिन इस उद्देश्य का पूरी तरह से पालन नहीं किया गया। यही कारण है कि वक्फ संपत्तियां आज कई स्थानों पर विवाद और अतिक्रमण का शिकार हो गई हैं। कस्टोडियन अपने निजी स्वार्थों में लिप्त होकर इन संपत्तियों को अपनी आय का स्रोत बना बैठे हैं।

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देशभर की वक्फ संपत्तियों का विवरण ‘दफा 37’ रजिस्टर में दर्ज किया जाता है। इस रजिस्टर में वक्फ संपत्ति की प्रकृति, चाहे वह कृषि भूमि हो, प्लॉट हो, बाग हो या व्यावसायिक संपत्ति, इसकी पूरी जानकारी उपलब्ध होती है। ऐतिहासिक रूप से, अलीगढ़ और बुलंदशहर जिलों में लगभग 50 हजार बीघा भूमि राजा लाल सिंह के वंशज बासित अली खां द्वारा वक्फ के नाम की गई थी। राजा लाल सिंह ने बादशाह अकबर के शासनकाल में मुस्लिम धर्म अपना लिया था और वे लाल खां के नाम से जाने गए थे।

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बुलंदशहर के जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी मानवेंद्र राजपूत ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि जिले में वक्फ संपत्तियों का ब्योरा जुटाने का कार्य तेजी से चल रहा है। उन्होंने बताया कि अब तक कुल 3464 वक्फ संपत्तियां मिली हैं, जिनकी सूची प्रशासन को भेज दी गई है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन से जो भी आदेश प्राप्त होंगे, उनके अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी। योगी सरकार के इस कदम से वक्फ संपत्तियों की मौजूदा स्थिति में बदलाव आने की उम्मीद है और माना जा रहा है कि जल्द ही इन संपत्तियों के प्रबंधन और उपयोग को लेकर नए नियम और दिशा-निर्देश जारी किए जा सकते हैं।
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