उत्तर प्रदेश बनेगा 'एक्सप्रेसवे हब': 9 नए एक्सप्रेसवे की योजना फाइनल, कुल लंबाई 4374 KM होगी!

 कनेक्टिविटी और औद्योगिक विकास को मिलेगी नई रफ्तार; 20 हजार करोड़ से अधिक का अनुमानित खर्च, देश में बनेगा नया कीर्तिमान
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लखनऊ, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश अब देश में एक्सप्रेसवे का सबसे बड़ा नेटवर्क वाला राज्य बनने की ओर अग्रसर है! राज्य में नौ नए एक्सप्रेसवे बनाने की योजना को अंतिम रूप दे दिया गया है, जिससे प्रदेश में एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई बढ़कर 4374 किलोमीटर हो जाएगी। यह देश में एक नया रिकॉर्ड होगा और इन महत्वाकांक्षी परियोजनाओं पर 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक का खर्च अनुमानित है।READ ALSO:-उत्तर प्रदेश में बड़ा फैसला: जान बचाने वाले 'राह वीरों' को ₹25,000 का इनाम! पूरे प्रदेश में लागू हुई 'राहवीर' योजना

 

कनेक्टिविटी और औद्योगिक विकास को मिलेगी गति
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि प्रदेश के हर जिले को देश के अन्य हिस्सों से बेहतर कनेक्टिविटी मिले। यूपीडा के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने बताया कि इन्हीं उद्देश्यों को पूरा करने के लिए ये नए एक्सप्रेसवे बनाए जा रहे हैं। बेहतर कनेक्टिविटी से प्रदेश में औद्योगिक विकास को तीव्र गति मिलेगी, जिससे रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे और आर्थिक समृद्धि आएगी।

 

वर्तमान में उत्तर प्रदेश में छह एक्सप्रेसवे चालू हैं, जिनकी कुल लंबाई 1224.53 किलोमीटर है। इसके अलावा, छह अन्य एक्सप्रेसवे निर्माणाधीन हैं, जिनकी लंबाई 1087.20 किलोमीटर है। अब नौ और नए एक्सप्रेसवे जुड़ने से उत्तर प्रदेश वाकई में 'एक्सप्रेसवे प्रदेश' के रूप में अपनी पहचान मजबूत करेगा।

 

यूपी बनेगा एक्सप्रेसवे हब: अन्य राज्यों के लिए चुनौती
इन 9 नए एक्सप्रेसवे के निर्माण के बाद उत्तर प्रदेश की कनेक्टिविटी न केवल राज्य के भीतर, बल्कि पड़ोसी राज्यों तक भी बेहतर होगी। कुल 2063 किलोमीटर लंबे प्रस्तावित एक्सप्रेसवे के साथ, यूपी का यह रिकॉर्ड अगले कम से कम पांच साल तक अन्य राज्यों के लिए एक बड़ी चुनौती बना रहेगा।

 

प्रमुख प्रस्तावित एक्सप्रेसवे (2063 किमी)
  • चित्रकूट-रीवा लिंक एक्सप्रेसवे: 70 किमी
  • मेरठ-हरिद्वार लिंक एक्सप्रेसवे: 120 किमी (यूपी सीमा तक)
  • लखनऊ लिंक एक्सप्रेसवे: 49.96 किमी (आगरा-लखनऊ से पूर्वांचल एक्सप्रेसवे तक)
  • फर्रुखाबाद लिंक एक्सप्रेसवे: 90.84 किमी (गंगा एक्सप्रेसवे से आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे तक)
  • जेवर लिंक एक्सप्रेसवे: 74.30 किमी (यमुना एक्सप्रेसवे से गंगा एक्सप्रेसवे वाया बुलंदशहर)
  • झांसी लिंक एक्सप्रेसवे: 118.90 किमी
  • विन्ध्य एक्सप्रेसवे: 320 किमी
  • गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे: 519 किमी (NHAI द्वारा)
  • गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे: 700 किमी (NHAI द्वारा)

 

इनमें से 7 एक्सप्रेसवे यूपीडा द्वारा और 2 एक्सप्रेसवे (गोरखपुर-सिलीगुड़ी और गोरखपुर-शामली) NHAI द्वारा तैयार किए जाएंगे।

 

वर्तमान में संचालित एक्सप्रेसवे (कुल 1224.53 किमी)
  •  नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे (24.53 किमी)
  • यमुना एक्सप्रेसवे (165 किमी)
  • आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे (302 किमी)
  • पूर्वांचल एक्सप्रेसवे (341 किमी)
  • बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (296 किमी)
  • मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेसवे (96 किमी) (NHAI द्वारा निर्मित)

 

निर्माणाधीन एक्सप्रेसवे (कुल 1087.20 किमी)
  • गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे (91 किमी)
  • गंगा एक्सप्रेसवे (594 किमी)
  • चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे (15.20 किमी)
  • दिल्ली-सहारनपुर एक्सप्रेसवे (210 किमी)
  • बलिया लिंक एक्सप्रेसवे (114 किमी)
  • लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे (63 किमी)

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उत्तर प्रदेश का यह एक्सप्रेसवे नेटवर्क निश्चित रूप से राज्य के विकास और प्रगति में अहम भूमिका निभाएगा।
SONU

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